Illegal Mining Money Laundering Case : DSP राजेद्र दूबे ने स्वीकारा- मिला था पंकज मिश्रा से, ED ने की पूछताछ
झारखंड के संताल परगना में 1000 करोड़ के इलिगल माइनिंग मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने शुक्रवार को साहिबगंज के एसडीपीओ राजेंद्र दुबे सात घंटे तक पूछताछ की। ईडी ने रिम्स के पेइंग वार्ड में इलाजरत रहे अरेस्ट आरोपी पंकज मिश्रा से मिलने का CCTV फुटेज दिखाया तो एसडीपीओ के होश उड़ गये।
- ईडी ने एसडीपीओ से चल-अचल संपत्ति का डिटेल मांगा
- कई सवालों का जवाब नहीं दे पाये डीएसपी
रांची। झारखंड के संताल परगना में 1000 करोड़ के इलिगल माइनिंग मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने शुक्रवार को साहिबगंज के एसडीपीओ राजेंद्र दुबे सात घंटे तक पूछताछ की। ईडी ने रिम्स के पेइंग वार्ड में इलाजरत रहे अरेस्ट आरोपी पंकज मिश्रा से मिलने का CCTV फुटेज दिखाया तो एसडीपीओ के होश उड़ गये।
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पंकज मिश्रा ईडी के अरेस्ट आरोपित थे और उनके ज्यूडिशियल कस्टडी में रहने के दौरान एसडीपीओ का उनसे मिलना गैरकानूनी था। ईडी ने एसडीपीओ राजेंद्र दुबे से ही पूछा कि उन पर (राजेंद्र दुबे पर) आईपीसी व सीआरपीसी की किन सेक्शन में FIR दर्ज होनी चाहिए। क्योंकि एक ज्यूडिशियल कस्टडी के कैदी से उनकी मुलाकात गैर कानूनी है। इस पर राजेंद्र दुबे ने कहा कि मुझसे गलती हो गई। डीएसपी राजेंद्र दूबे 12.30 में ईडी ऑफिस पहुंचे थे। ईडी पूछताछ पूरी होने के बाद शाम सात बजे उन्हें छोड़ दी।
पंकज मिश्रा से एसडीपीओ राजेंद्र दुबे की मुलाकात की फुटेज 10 अक्टूबर की थी। राजेंद्र दुबे ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया कि उन्होंने पंकज मिश्रा से मिले निर्देश का पालन भी किया है। ईडी के कई सवालों का एसडीपीओ जवाब तक नहीं दे पाये।ईडी को शक है कि एसडीपीओ राजेंद्र दुबे को पंकज मिश्रा ने इलिगल माइनिंग के रुपयों का हिस्सा भी दिया है। शक के आधार पर ईडी ने एसडीपीओ राजेंद्र दुबे को छोड़ते हुए उन्हें अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा देने के लिए कहा है।अचल संपत्ति व बैंक अकाउंट्स का डिटेल भी मांगा है।
निर्धारित तिथि के एक दिन बाद पहुंचे एसडीपीओ
साहिबगंज के सदर एसडीपीओ राजेंद्र दुबे को गुरुवार को ही ईडी ऑफिस पहुंचना था, लेकिन वे नहीं पहुचे थे। ईडी अफसर दिन भर उनका इंतजार करते रह गये। डीएसपी राजेंद्र दूबे एक दिन बाद शुक्रवार को ईडी ऑफिस पहुंचे। उनसे ईडी अफसरों ने पूछताछ की। उन पर इलिगल माइनिंग में अरेस्ट आरोपित पंकज मिश्रा को मदद पहुंचाने, उनके निर्देश पर काम करने का आरोप है। सीडीआर सहित तमाम सबूतों के साथ पूछताछ के लिए बैठी ईडी के सामने एसडीपीओ राजेंद्र दुबे ने यह स्वीकार कर लिया कि उन्होंने 10 अक्तूबर को रिम्स में पंकज मिश्रा से मुलाकात थी। वह लगतार फोन पर भी पंकज बातचीत करते थे।
एसडीपीओ दुबे पर आरोप है कि सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के प्रभाव के चलते उन्होंने कानून को ताक पर रखकर उन्हें मदद पहुंचाई है। उन्होंने इस बात को ईडी के सामने स्वीकार भी किया है। सोर्सेज के अनुसार ईडी इलिगल माइनिंग मामले में कई लोगों की गवाही ली थी, उन गवाहों को जेल भेजने व सीसीए के तहत प्रस्ताव देने को लेकर पंकज मिश्रा ने फोन पर साहिबगंज एसडीपीओ राजेंद्र दूबे से बात की थी। एसडीपीओ रिम्स आकर पंकज से मुलाकात की थी। इसके बाद गवाहों को जेल भी भेजा गया। आरोप है कि एसडीपओ ने पंकज के निर्देश पर ऐसा किया है।
डीएसपी पर पंकज मिश्रा के साथ इलिगल माइनिंग में शामिल होने का शक
ईडी को साहिबगंज के डीएसपी राजेंद्र दुबे पर पंकज मिश्रा के इलिगल स्टोन माइनिंग की आय को ठिकाने लगाने में सहयोगी होने का शक है। ईडी ने उनकी संपत्ति और बैंक विवरण के साथ उनके रिश्तेदारों का विवरण लिया है। डीएसपी को एक सप्ताह के भीतर एजेंसी को कुछ दस्तावेज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
19 जुलाई को अरेस्ट हुए थे पंकज मिश्रा
ईडी ने पकंज मिश्रा को 19 जुलाई को अरेस्ट किया था। इसके बाद तबीयत खराब होने पर 27 जुलाई को उन्हें रिम्स में एडमिट कराया गया था। इसके बाद से ही वे रिम्स के पेइंग वार्ड में इलाजरत थे। रिम्स में पंकज के वार्ड में कइयों का आना जाना था। ईडी की छानबीन में यह खुलासा हो चुका है कि रिम्स में मिश्रा ने विभिन्न लोगों से लगभग 300 बार बातचीत की है। पंकज मिश्रा की सर्वाधिक बातचीत एसडीपीओ राजेंद्र दुबे से हुई है। ईडी ने पिछले दिनों रिम्स में औचक निरीक्षण कर पंकज मिश्रा के दो ड्राइवर सूरज पंडित व चंदन यादव को रंगे हाथ तब पकड़ा था, जब वे अपने मोबाइल से पंकज मिश्रा की बात करवा रहे थे।
रिम्स के सीसीटीवी फुटेज में दिखे कई पुलिस अफसर व लीडर
रिम्स के सीसीटीवी फुटेज से ईडी को यह जानकारी मिली है कि ज्यूडिशियल कस्टडी में रहते हुए पंकज मिश्रा से कई लीडर व पुलिस अफसरों ने मुलाकात की है। एक-एक कर सभी संबंधित लीडर्स को ईडी समन भेजकर उनसे पूछताछ करेगी। इसी मामले में ईडी ने छह दिसंबर को सूरज पंडित और सात दिसंबर को चंदन यादव को पूछताछ के लिए समन किया था। ये दोनों भी ईडी के समक्ष हाजिर नहीं हुए।