जेडीयू के राज्यसभा एमपी 'किंग' महेंद्र का दिल्ली में निधन, पीएम मोदी व सीएम नीतीश ने जताया शोक
बिहार से जनता दल (यूनाइटेड) से राज्यसभा एमपी और उद्योगपति डॉ. महेंद्र प्रसाद (81)का रविवार की रात दिल्ली के एक प्राइवेट में निधन हो गया। वह 81 वर्ष के थे। जदयू ने सोमवार को बताया कि महेंद्र प्रसाद ने रविवार की रात को अंतिम श्वांस ली। वह लंबे समय से बीमार थे।
नई दिल्ली। जनता दल (यूनाइटेड) से राज्यसभा एमपी और उद्योगपति डॉ. महेंद्र प्रसाद (81)का रविवार की रात दिल्ली के एक प्राइवेट में निधन हो गया। वह 81 वर्ष के थे। जदयू ने सोमवार को बताया कि महेंद्र प्रसाद ने रविवार की रात को अंतिम श्वांस ली। वह लंबे समय से बीमार थे।
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संसद के सबसे अमीर सदस्यों में से एक माने जाने वाले महेंद्र प्रसाद बिहार से सात बार राज्यसभा के लिए चुने गये। एक बार वह लोकसभा के लिए भी निर्वाचित हुए। श्री प्रसाद ने अरिस्टो फार्मास्यूटिकल्स की स्थापना की थी। पीएम नरेंद्र मोदी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने प्रसाद के निधन पर शोक व्यक्त किया है। पीएम मोदी ने कहा कि 'मैं राज्यसभा सदस्य डॉ. महेंद्र प्रसाद जी के निधन से दुखी हूं। उन्होंने कई वर्षों तक संसद में अपनी सेवाएं दीं और वह कई सामुदायिक सेवा कार्यों में आगे रहे। उन्होंने हमेशा बिहार और उसके लोगों के कल्याण की बात की। मैं उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं। ओम शांति।''बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि महेंद्र प्रसाद का निधन समाज, राजनीति और उद्योग जगत के लिए बड़ी क्षति है।
लगभग चार हजार करोड़ की संपत्ति के थे मालिक
महेंद्र प्रसाद सबसे पहले, लोकसभा के लिए 1980 में कांग्रेस के टिकट पर निर्वाचित हुए थे। लंबे समय तक कांग्रेस में रहे प्रसाद बाद में जनता दल में, फिर राष्ट्रीय जनता दल में और फिर जद(यू) में शामिल हो गये।प्रसाद के नाम के आगे अक्सर ''किंग'' (राजा) शब्द लगाया जाता था, जो इस बात का संकेत था कि उनके गृह राज्य में राजनीतिक हवा के रुख में भले ही कोई भी बदलाव आया हो, लेकिन इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ा और वह कुछ समय को छोड़कर 1985 से राज्यसभा में लगातार बने रहे। राज्यसभा सांसद रहे किंग महेंद्र देश की मशहूर दवा कंपनी एरिस्टो फॉर्मास्यूटिकल के मालिक थे। इनके पास लगभग चार हजार करोड़ की संपत्ति थी। जहानाबाद जिले के गोविंदपुर गांव के रहने वाले थे।
लगातार सात बार राज्यसभा सांसद रहे
किंग महेंद्र 1980 में लोकसभा एमपी बने। 1985 में पहली बार राज्यसभा सदस्य चुने गये। किंग महेंद्र पहले कांग्रेस में थे, फिर आरजेडी के टिकट से राज्यसभा पहुंचे। इसके बाद उन्होंने नीतीश कुमार की जदयू का दामन थामा और तीन बार राज्यसभा पहुंचे। अभी भी उनका राज्यसभा सांसद के तौर पर दो साल का कार्यकाल बचा हुआ था।
आज होगा अंतिम संस्कार
दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर लोधी रोड स्थित शमशान घाट पर अंतिम संस्कार किया जायेगा। उससे पहले सुबह 9 बजे से किंग महेंद्र के दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर लोगों के अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर रखा जायेगा।