Jharkhand 1000 crores Illegal Mining Case : भ्रष्टाचार की पोल खोल रही ED को मिली डायरी
झारखंड के साहिबगंज में 1000 करोड़ के इलिगल माइनिंग मामले में मनी लांड्रिंग के तहत इन्विस्टीगेशन कर रही ईडी की जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा किया है। ईडी को इन्विस्टीगेशन जांच के दौरान सीएम हेमंत सोरेन के प्रिंसिपल रह चुके आइएएस राजीव अरुण एक्का के विरुद्ध भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। पॉलिटिशियन व ब्यूरोक्रैट्स के इन्वेस्टर विशाल चौधरी की डायरी से करोड़ों रुपये के लेन-देन के सबूत मिलवे मिले हैं।
- आदिवासी कल्याण आयुक्त बनाने के लिए आइएएस कामेश्वर सिंह से राजीव अरुण एक्का ने लिए एक करोड़ रुपये
- ईडी ने सरकार को भेजी गई रिपोर्ट में किया खुलासा, FIR दर्ज करने की सिफारिश
- विशाल चौधरी की कंपनी में राजीव अरुण एक्का के बहनोई निशिथ केसरी भी था डायरेक्टर
रांची। झारखंड के साहिबगंज में 1000 करोड़ के इलिगल माइनिंग मामले में मनी लांड्रिंग के तहत इन्विस्टीगेशन कर रही ईडी की जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा किया है। ईडी को इन्विस्टीगेशन जांच के दौरान सीएम हेमंत सोरेन के प्रिंसिपल रह चुके आइएएस राजीव अरुण एक्का के विरुद्ध भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। पॉलिटिशियन व ब्यूरोक्रैट्स के इन्वेस्टर विशाल चौधरी की डायरी से करोड़ों रुपये के लेन-देन के सबूत मिलवे मिले हैं।
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जानकार सोर्सेज का कहना है कि आइएएस अफसर राजीव अरुण एक्का से पूछताछ में ईडी को कई चौंकाने वाले सबूत मिले हैं। करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के सबूत मिलने के बाद ईडी ने स्टेट गवर्नमेंट को पूरी रिपोर्ट भेजी है। इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की है। ईडी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि राजीव अरुण एक्का ने विशाल चौधरी के साथ मिलकर भ्रष्टाचार किया है। उन्होंने अपनी काली ब्लैक मनी अपनी बेटी व पत्नी के वेतन के नाम पर दिखाई है। एक व्हाट्सएप चैट भी ईडी ने स्टेट गवर्नमेंट से शेयर किया है। यह चैट विशाल व उसकी वाइफ के बीच की है। इस चैट के अनुसार राजीव अरुण ने विशाल चौधरी के माध्यम से आईएएस अधिकारी मनोज कुमार से जैप आइटी में सीईओ पद पर पोस्टिंग के एवज में 50 लाख रुपये लिए। वहीं, आईएएस कामेश्वर सिंह को आदिवासी कल्याण आयुक्त बनाने के लिए एक करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी। रुपयों का लेन-देन विशाल करता था। लेन-देन से संबंधित उसने डायरी भी बना रखी थी।
एक्का का बहनोई केसरी व विशाल ने मिलकर खपाया ब्लैक मनी
ईडी ने स्टेट गवर्नमेंट को बताया है कि राजीव अरुण एक्का का ब्लैक मनी उनके बहनोई निशिथ केसरी व करीबी विशाल चौधरी ने खपाया। विशाल चौधरी की अपनी कंपनी एफजीएस कंस्ट्रक्शन नाम से है। इसमें उसने राजीव अरुण एक्का के बहनोई निशिथ को भी डायरेक्टर बना रखा था। इसमें निशिथ केसरी के लाभ की राशि राजीव अरुण एक्का के फैमिली मेंबर्स के अकाउंट्स में जमा हुए। वहीं, निशिथ केसरी की एक अन्य कंपनी एनकेपीसीएल डेवलपर भी जिसमें विशाल का 60 परसेंट हिस्सा है। यहां विशाल ने अपनी ब्लैक मनी के चार करोड़ रुपये से पुंदाग में 59 डिसमिल जमीन खरीदी। विशाल चौधरी ने अपने सहयोगियों के माध्यम से निशिथ केसरी को 1.36 करोड़ रुपये दिए। इसके बाद निशिथ ने उस राशि को बैंकों के माध्यम से विशाल चौधरी को वापस कर दिया। आईएएस राजीव अरुण एक्का ने विशाल चौधरी के साथ मिलकर मार्केट से तीन गुणा से भी अधिक कीमत पर सामान खरीदे। इसमें बाजार मूल्य व आपूर्ति मूल्य के बीच जो अंतर आया उसका 50 परसेंट उन्होंने कमीशन के रूप में लिया।
कोड में होता था भ्रष्टाचार का खेल
ईडी की रिपोर्ट के अनुसार भ्रष्टाचार का पूरा खेल कोड में होता था। विशाल चौधरी के यहां से ईडी को जो डायरी मिली थी, उसमें राजीव अरुण एक्का के लिए आरएस व आरएई लिखा था। उसने अपनी वाइफ श्वेता सिंह चौधरी के लिए एसएससी जैसे कोड वर्ड का इस्तेमाल किया। पैसों की लेन-देन में लाख के लिए फाइल व करोड़ के लिए फोल्डर जैसे कोड वर्ड का इस्तेमाल किया गया था।