Jharkhand : 18 IPS वेटिंग फॉर पोस्टिंग, 10 नये प्रमोशन पाये IPS अब भी DSP पोस्ट पर ही कर रहे हैं काम
झारखंड में पद खाली रहने के बावजूद आईपीएस अफसरों को पोस्टिंग नहीं की जा रही है। 18 आइपीएस वेटिंग फॉर पोस्टिंग चल रहे हैं। इनमें छह अफसर सवा माह से वेटिंग फॉर पोस्टिंग में हैं। 10 नये प्रमोशन पाये IPS अभी भी DSP पोस्ट पर काम रहे हैं। साथ में प्रमोट हुए 14 आइपीएस जिले में एसपी बनकर या अन्य जगह बतौर एसपी कमान संभाले हुए हैं।
- छह आइपीएस सवा महीने से कर रहे हैं पोस्टिंग का इंतजार
- एसपी के आधा दर्जन पोस्ट चल रहे हैं खाली
- जैप और आईआरबी के 10 बटालियन में कमांडेंट का पद रिक्त
- एडीशनल चार्ज के सहारे चल रहा है पांच बटालियन का काम
रांची। झारखंड में पद खाली रहने के बावजूद आईपीएस अफसरों को पोस्टिंग नहीं की जा रही है। 18 आइपीएस वेटिंग फॉर पोस्टिंग चल रहे हैं। इनमें छह अफसर सवा माह से वेटिंग फॉर पोस्टिंग में हैं। 10 नये प्रमोशन पाये IPS अभी भी DSP पोस्ट पर काम रहे हैं। साथ में प्रमोट हुए 14 आइपीएस जिले में एसपी बनकर या अन्य जगह बतौर एसपी कमान संभाले हुए हैं।
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पोस्टिंग के इंतजार में 18 आईपीएस
झारखंड गवर्नमेंट ने 26 जुलाई को दुमका, बोकारो, साहिबगंज, पलामू, देवघर, सरायकेला और गिरिडीह एसपी का ट्रांसफर किया था। 21 दिन बीत जाने के बाद भी इनमें से छह आईपीएस अफसरों की पोस्टिंग कहीं नहीं हुई है। इनमें आइपीएस चंदन झा, अमित रेणु, आनंद प्रकाश, अंबर लकड़ा, सुभाष चंद्र जाट और अनुरंजन किस्पोट्टा वेटिंग फॉर पोस्टिंग चल रहे हैं। पलामू एसपी रहे चंदन सिन्हा को आठ सितंबर को रांची एसएसपी बनाया गया है। जबकि उनके साथ ट्रांसफर हुए छह आइपीएस वोटिंग फॉर पेस्टिंग चल रहे हैं। वहीं आइपीएस अंजनी झा, प्रभात कुमार, आर राम कुमार, डॉ एहतेशाम बकारीब, सुभाष चंद्र जाट, कुमार गौरव, मनोज स्वार्गियारी और शुभांशु जैन आठ सितंबर से वेटिंग फॉर पोस्टिंग चल रहे हैं।
एसपी के नौ पोस्ट खाली
आईपीएस अफसर वेटिंग फॉर पोस्टिंग में हैं। एएसपी-डीएसपी के पद पर काम कर रहे हैं। धनबाद रेल एसपी सीएम सिक्युरिटी के एसपी का पद, एसपी ऑपरेशन, एसपी एससीआरबी और एसपी एसटीएफ के पोस्ट खाली हैं।
10 बटालियन में कमाडेंट के पद खाली
झारखंड में नक्सलियों से मुकाबला करने के लिए जैप और आईआरबी के बटालियन बने हैं। उद्योगों को सुरक्षा देने के लिए अलग से एसआईएसएफ का गठन किया गया। स्टेट में कुल 21 बटालियन हैं, जिनमें 10 बटालियन में कमाडेंट के पद खाली है। जैप की चार, आईआरबी की तीन, एसआईआपबी की दो और एसआईएसएफ की एक बटालियन में कमाडेंट नहीं हैं। जैप के एक और आईआरबी की चार बटालियन में कमांडेंट का पद एडीशनल चार्ज के सहारे चल रहा है।
पिकेटों के निरीक्षण का काम बंद
जैप और आइआरबी की कुल 18 बटालियन के जवानों को नक्सल प्रभावित इलाकों में बनाये गये 115 पिकेटों पर तैनात किया गया है। बटालियनों में कमांडेंट के नहीं होने से पिकेटों के निरीक्षण का काम बंद है। नियमानुसार, कमांडेंट को साल में एक बार हर पिकेट का निरीक्षण करना है। वहीं पर रात भी बितानी है, ताकि जवानों के अनुशासन और उनकी सुविधाओं व समस्याओं को समझा जा सके।
DSP से IPS बने 10 अफसरों को भी पोस्टिंग का इंजतार
सीनीयर डीएसपी व एएसपी से आइपीएस बने सरोजनी लकड़ा, एएसपी एमेल्डा एक्का, सादिक अनवर रिजवी, अरविंद कुमार सिंह, विकास कुमार पांडेय और विजय आशिष कुजूर।अजय कुमार सिन्हा, सहदेव साव, अमित कुमार सिंह, मुकेश कुमार अभी पर्व ती रह बतौर डीएसपी ही काम कर रहे हैं। इनलोगों का साथ आइपीएस बने 14 अफसरों की पोस्टिंग हो चुकी है।
एसपी लेवल के खाली पोस्ट
एसपी सीएम सिक्युरिटी
एसपी ऑपरेशन
एसपी एससीआरबी
एसपी एसटीएफ
जैप 2 कमांडेंट
जैप 3 कमांडेंट
जैप 6 कमांडेंट
आईआरबी 2 कमांडेंट
आईआरबी 8 कमांडेंट
रेल एसपी धनबाद
एसपी वायरलेस
एसपी जेएपीटीसी
एसपी सीटीपीसी मुसाबनी
एसपी जंगल वार फेयर स्कूल
एसपी लेवल को पोस्ट जो एडीशनल चार्ज में
एसपी होमगार्ड
आईआरबी 1 कमांडेंट
आईआरबी 3 कमांडेंट
आईआरबी 4 कमांडेंट
आईआरबी 9 कमांडेंट
आईआरबी 10 कमांडेंट
एसआईआरबी एक एसपी
एसआईआरबी दो एसपी
एसआईएसएफ बोकारो- एक एसपी