Jharkhand:खूंटी सदर पुलिस स्टेशन के सब इंस्पेक्टर को ACB ने 10 हजार रुपये घूस लेते किया अरेस्ट
झारखंड मे खुंटी जिले के सदर पुलिस स्टेशन के सब इंस्पेक्टर श्रीकांत कुमार को ACB की रांची की टीम ने 10 हजार घूस लेते रंगेहाथ अरेस्ट किया है। एसीबी ने कोर्ट में पेशी के बाद घूसखोर एसआई को जेल भेज दिया है।
खुंटी। झारखंड मे खुंटी जिले के सदर पुलिस स्टेशन के सब इंस्पेक्टर श्रीकांत कुमार को ACB की रांची की टीम ने 10 हजार घूस लेते रंगेहाथ अरेस्ट किया है। एसीबी ने कोर्ट में पेशी के बाद घूसखोर एसआई को जेल भेज दिया है।
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एसआई श्रीकांत ने सदर पुलिस स्टेशन में दर्ज एक केस को कमजोर करने के लिए कंपलेनेंट से घूस की मांग की थी। लेकिन कंपलेनेंट घूस देने को तैयार नहीं था। कंपलेनेंट ने एसआई द्वारा घूसखोर मांगने की कंपलेन एसीबी से की। एसीबी की सत्यापन में एसआइ द्वारा घूस मांगने की बात सही पायी गयी। इसके बाद रांची एसीबी की टीम ने एसआई को रंगे हाथ घूस लेते दबोच लिया। गिरफ्तारी के बाद एसआई को रांची लाया गया। आवश्यक कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया।
खूंटी सदर पुलिस स्टेशन एरिया के रेवा गांव निवासी रोहित कुमार ने एसीबी में सब इंस्पेक्टर श्रीकांत के खिलाफ लिखित कंपलेन किया था। कंपलेन के अनुसार खूंटी पुलिस स्टेशन में 19 जून 2023 को एक एफआइआर दर्ज हुई थी। एफआइआर में उनके पिता भोला प्रजापति को 31 दिसंबर 2023 को नोटिस जारी की गई। पूछताछ के लिए खूंटी पुलिस स्टेशन में बुलाया। रोहित प्रजापति अपने पिता भोला प्रजापति के साथ खूंटी पुलिस स्टेशन पहुंचे। वहां कांड के आईओ सब इंस्पेक्टरश्रीकांत कुमार से मिले व नोटिस का जवाब दिए। लेकिन सब इंस्पेक्टर ने उनके जवाब को स्वीकार नहीं किया। सब इंस्पेक्टर श्रीकांत कुमार ने उनलोगों को बताया कि उनसे खूंटी पुलिस स्टेशन में 19 जून 2023 को पकड़े गये इलिगल स्टोन लदे दो ट्रैक्टर के संबंध में पूछताछ की गई है।
दारोगा श्रीकांत कुमार ने 15 हजार रुपये की मांग की
इस एफआइआर से संबंधित केस डायरी में सहयोग करने के लिए सब इंस्पेक्टर श्रीकांत कुमार ने 15 हजार रुपये की मांग की। वे बोले कि पैसा देने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी। रोहित प्रजापति ने इसकी शिकायत एसीबी में की। एसीबी के पुलिस इंस्पेक्टर गुलाम शाहिद अंसारी से पूरे मामले का सत्यापन कराया गया। उन्होंने जांच में सब इंस्पेक्टर श्रीकांत कुमार के माध्यम से रिश्वत मांगने का मामला सत्य पाया। इसके बाद ही दारोगा को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया।