झारखंड: सीएम हेमंत सोरेन ने कोडरमा में 250 बेड के कोविड हॉस्पीटल का किया उद्घाटन
सीएम हेमंत सोरेन ने बुधवार को कोडरमा में 250 बेड के डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर का ऑनलाइन उद्घाटन किया। जिले के बागीटांड़ में स्थित कोडरमा इंजीनियरिंग कॉलेज भवन में अस्थायी तौर कोविड हॉस्पीटल बनाया गया है। सदर हॉस्पिटल में भी 20 ऑक्सीजन पाइप लाइन युक्त बेड की शुरुआत की गई।
कोडरमा। सीएम हेमंत सोरेन ने बुधवार को कोडरमा में 250 बेड के डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर का ऑनलाइन उद्घाटन किया। जिले के बागीटांड़ में स्थित कोडरमा इंजीनियरिंग कॉलेज भवन में अस्थायी तौर कोविड हॉस्पीटल बनाया गया है। सदर हॉस्पिटल में भी 20 ऑक्सीजन पाइप लाइन युक्त बेड की शुरुआत की गई।
इस मौके पर अपने संबोधन में सीएम ने कहा कि राज्य सरकार कोविड की स्थिति से निपटने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। पेसेंट के लिए राजधानी रांची समेत विभिन्न जिलों में ऑक्सीजनयुक्त बेड बढ़ाए जा रहे हैं।इसी कड़ी में कोडरमा में 110 ऑक्सीजनयुक्त बेड की व्यवस्था डीसीएचसी में की गई है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे कोविड की चुनौती सामने आ रही है, उसे मैनेज करने का प्रयास किया जा रहा है। शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना का संक्रमण पैर पसार रहा है। इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है। वहीं गांव में कोविड से मरनेवालों की कोविड प्रोटोकाल के तहत अंत्येष्टि नहीं हो रही है।
उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि इस तरह की मौत के मामले में मृतक के परिवार के सभी लोगों की कोविड टेस्टिंग की जाए। इस तरह संक्रमण को आगे बढ़ने से रोका जा सकता है। इस संबंध में सरकार के स्तर से आवश्यक दिशानिर्देश दिया जा रहा है।
इससे पूर्व डीसी कोडरमा ने जिले में कोरोना संक्रमण के नियंत्रण को लेकर चलाए जा रहे सरकारी प्रयासों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
इस मौके पर हेल्थ बन्ना गुप्ता, कोडरमा एमएलए डॉ. नीरा यादव, विधायक अमित यादव, डीसी कोडरमा रमेश घोलप, डीडीसी आर रॉनिटा के अलावा अन्य लोग उपस्थित थे।
डीसीएचसी में है 110 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड
इंजीनियरिंग कॉलेज कैंपस कोडरमा में बने सरकारी कोविड अस्पताल में 110 बेड पूरी तरह ऑक्सीजन युक्त रहेंगे। 140 अन्य बेड बगैर ऑक्सीजन सपोर्ट वाले पेसेंट के लिए रहेगा। जरूरत के अनुसार इन बेडों की संख्या भविष्य में बढ़ाई जा सकती है।
आइसीयू बेड की व्यवस्था
गंभीर रूप से संक्रमित पेसेंटका ऑब्जर्वेशन कर गहन चिकित्सा की जाती है। इसके लिए सरकारी कोविड हॉस्पीटल में इंटेंसिव केयर यूनिट की भी व्यवस्था है। वेंटिलेटर तथा अन्य आधुनिक तकनीक की सहायता से यहां जिलेवासियों का इलाज किया जायेगा।
डॉक्टर्स व मेडिकल स्टाफ के रहने की व्यवस्था
इंजीनियरिंग कॉलेज का कैंपस कई एकड़ में फैला हुआ है। जिस नवनिर्मित 4 मंजिला भवन को कोविड हॉस्पीटलल के रूप में विकसित किया जा रहा है, वहां कुल 102 कमरे, दो बड़े हॉल एवं एक बड़ा हॉल के साथ संलग्न मेस भी है। लेकिन प्रस्तावित बेड के अनुसार ही जगहों का उपयोग किया जा रहा है। डॉक्टर, पारा मेडिकल स्टाफ एवं सरकारी कर्मियों के लिए ड्यूटी के अनुसार यहां रहने की भी व्यवस्था रहेगी। यहां सभी कर्मी रात्रिकालीन भी चौबीसों घंटे रहकर कार्य कर सकेंगे। बड़े कैंपस होने के कारण यहां अनेक बिल्डिंग हैं। आमजनों को हॉस्पिटल भवन खोजने में दिक्कत ना हो, इसलिए प्रवेश द्वार से ही हॉस्पिटल तक पहुंचने के लिए जगह-जगह रास्ते में तीर निशान लगाया गया है।
आवश्यक जानकारी के लिए हेल्प डेस्क
कोविड हॉस्पिटल के बाहर आगंतुकों की सहायता के लिए हेल्प डेस्क की व्यवस्था की गई है। बाहर से आने वाले यहां ड्यूटी पर तैनात कर्मी से मरीज की हालत, खाली बेड की उपलब्धता एवं अस्पताल प्रबंधन से जुड़ी अन्य जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह सहायता केंद्र चौबीसों घंटे कार्यरत रहेगा। अस्पताल के कुशल प्रबंधन और संचालन के लिए उप विकास आयुक्त आर रोनिटा को वरीय नोडल अफसर और डॉक्टर शरद को उनके सहायतार्थ नोडल अफसर बनाया गया है।
डॉक्टरों की संख्या बढ़ेगी
हॉस्पिटल एक जगह रहने से एकीकृत व्यवस्था रहेगी। सभी डॉक्टर्स भी एक ही जगह उपलब्ध रहेंगे। इससे डॉक्टर्स की संख्या पर्याप्त रहेगी और जरूरत पड़ने पर इसकी संख्या और भी बढ़ाई जायेगी।