Jharkhand: पुत्र मोह में चंपई ने पकड़ी अलग राह, BJP से नहीं मिला क्लियर जवाब,अलग संगठन का विकल्प
झारखंड के एक्स सीएम चंपई सोरेन के जेएमएम से बगावत कर नई पार्टी बनाने का संकेत देने के बाद अब सुर बदल रहे हैं। चंपई यह भी कह रहे हैं कि उन्हें अपनी पूर्व पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा से किसी प्रकार की शिकायत नहीं है।
रांची। झारखंड के एक्स सीएम चंपई सोरेन के जेएमएम से बगावत कर नई पार्टी बनाने का संकेत देने के बाद अब सुर बदल रहे हैं। चंपई यह भी कह रहे हैं कि उन्हें अपनी पूर्व पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा से किसी प्रकार की शिकायत नहीं है।चंपई सोरेन ने अपने अगले कदम की ओर इशारा करते हुए कहा है कि नए सियासी अध्याय की पटकथा तैयार हो चुकी है और जल्द ही इस पर पूर्णविराम लगेगा। वे फिलहाल एकला चलो की राह पर हैं और एक सच्चे साथी की तलाश में हैं।
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आज गम्हरिया के होटल एवेन्यू सभागार में उपस्थित नारी शक्ति का यह उत्साह देखिए। अति अल्प सूचना पर आयोजित इस बैठक के लिए हॉल छोटा पड़ गया।
— Champai Soren (@ChampaiSoren) August 23, 2024
अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत से ही, मैंने सदैव उन लोगों के लिए आन्दोलन किया है, जिनके बदन पर कपड़े और पैरों में चप्पल तक नहीं होते थे। इन… pic.twitter.com/jqOyyPfKwk
मैं कोई संगठन नहीं तोड़ूंगा: चंपई सोरेन
चंपई सोरेन ने कहा कि जैसे ही सच्चा साथी मिलेगा वैसे ही वह राज पर से पर्दा हटा देंगे। उन्होंने कहा कि झारखंड के कल्याण के लिए वह प्लान बना रहे हैं। चंपई के इस एलान से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की परेशानी बढ़ने वाली है। शुक्रवार को गम्हरिया में महिलाओं द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने यह ऐलान किया। इस दौरान चंपई ने दो टूक अंदाज में यह भी साफ कर दिया कि उनका मकसद न तो संगठन को तोड़ना है और न ही किसी को प्रलोभन देकर अपने साथ लाना। महिलाओं द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में चंपई ने कहा कि वे जनता के प्यार और सम्मान के ऋणी हैं। उन्हें क्षेत्र की जनता जिस तरह से स्नेह और समर्थन दे रही है, वही उनके लिए सबसे बड़ी पूंजी है। यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने अभी तक वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से कोई बात नहीं की है और न ही वे झामुमो में वापसी करेंगे।
#WATCH | Former CM and JMM leader Champai Soren says "We have started our journey alone, we have no ill will towards the organisation. New chapters will be added to it, we will move our political steps forward with strength." pic.twitter.com/wNUGl4iXzH
— ANI (@ANI) August 23, 2024
इस अवसर पर चंपई के साथ जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा, जिला परिषद सदस्य पिंकी मंडल, झारखंड मुक्ति मोर्चा के पूर्व जिला अध्यक्ष रंजीत प्रधान, विधायक प्रतिनिधि सानंद कुमार आचार्य, 20 सूत्री अध्यक्ष छाया कांत गोराई, गम्हरिया प्रखंड प्रमुख अनीता टुडू, आदित्यपुर नगर झामुमो अध्यक्ष दीपक मंडल समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
पीड़ित बताकर सहानुभूति बटोरने की कोशिश
उल्लेखनीय है कि दिल्ली से वापसी के बाद चंपई सोरेन ने कहा था कि वे अपने दल का गठन करेंगे। साथ चलने के लिए नये मित्र बनायेंगे। अब उनके सुर बदलने के पीछे के वजहों की भी राजनीतिक गलियारे में तरह-तरह की चर्चा हो रही है। चंपई सोरेन ने पहले खुद को पीड़ित बताकर सहानुभूति बटोरने की कोशिश की थी, लेकिन इस सवाल का उत्तर उनके पास नहीं है कि जब सीएम पद से हटाए जाने के बाद वे इतने आहत थे तो फिर से हेमंत सोरेन के कैबिनेट में मिनिस्टर क्यों बने? निर्णय तक पहुंचने में उन्हें इतना समय क्यों लगा?
हेमंत सोरेन की अनुपस्थिति में वे बीजेपी से नजदीकियां बढ़ा रहे थे चंपाई!
पॉलिटरल सोर्सेज का कहना है किकि हेमंत सोरेन की अनुपस्थिति में चंपई बीजेपी से नजदीकियां बढ़ा रहे थे। इस काम में उनके कुछ करीबी मदद कर रहे थे। यही वजह है कि समय रहते हेमंत सोरेन ने कमान संभाल ली। चंपई सोरेन उनके कैबिनेट में भी शामिल हुए। बताया जाता है कि चंपई सोरेन की इच्छा थी कि झारखंड मुक्ति मोर्चा उनके पुत्र के लिए एक विधानसभा सीट दे, लेकिन पार्टी नेतृत्व इसके लिए तैयार नहीं था। उन्हें कहा गया कि अगर वे ऐसा चाहते हैं तो अपनी सरायकेला सीट से पुत्र को लड़ाएं। जिन सीटों पर उनकी नजर थी, वहां अभी जेएमएम के एमएलए ही काबिज हैं। पुत्र के लिए ठोस आश्वासन नहीं मिलने के बाद उन्होंने भावनात्मक कार्ड खेलने की कोशश की।
चंपई के बचाव में बीजेपी, लेकिन कुछ क्लीयर नहीं
बीजेपी अभी चंपई सोरेन के बचाव में तो है, लेकिन पार्टी के प्रमुख नेता इस सवाल पर मौन हैं कि वे दल में आयेंगे अथवा चंपई सोरेन के साथ तालमेल कर चुनाव लड़ेंगे। इससे लग रहा है कि रणनीति को अमली जामा पहनाने में चंपई कहीं ना कहीं चूक रहे हैं। इधर, झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ ना सिर्फ एमएलए एकजुट रहें बल्कि संगठन में भी एकजुटता बनी रही।
चंपई सोरेन से नाराजगी पर पहली बार खुलकर बोले CM हेमंत
सीएमहेमंत सोरेन के 'चाचा' और एक्स सीएम चंपई सोरेन ने झामुमो से अलग होने का बिगुल फूंक दिया। इसके बाद पहली बार हेमंत सोरेन शुक्रवार को जमशेदपुर पहुंचे। हालांकि इस दौरान उन्होंने अपने चाचा चंपई के इस कदम पर सार्वजनिक रूप से चुप्पी साधे रखी। एक्स एमपी सुनील महतो की पुत्री अंकिता महतो के श्रद्धांजलि सभा में पहुंचे हेमंत ने कहा कि यह शोक की घड़ी है, ऐसे में राजनीतिक प्रतिक्रिया देना उचित नहीं होगा। हेमंत ने चंपई सोरेन के मुद्दे पर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से परहेज किया।हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा कि चंपई से उनकी कोई नाराजगी नहीं है। वर्षों पुराने रिश्तों में कटुता की कोई जगह नहीं होती है।उन्होंने कहा कि झामुमो एक परिवार की तरह है और जिला, प्रखंड या फिर पंचायत स्तर के कार्यकर्ता इस परिवार का सदस्य है। हम सभी सदस्यों व उनके परिजनों के बीच विपरीत परिस्थिति में खड़े रहते हैं।
पार्टी में कलह, हेमंत की चुनौती
हेमंत का यह दौरा ऐसे समय में हुआ है, जब चंपई सोरेन ने झामुमो से अलग होने का ऐलान कर राज्य की राजनीति में एक नया अध्याय लिख दिया है। चाचा-भतीजे के बीच छिड़ी जंग ने झारखंड की राजनीति को एक नए मोड़ पर ला खड़ा किया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि हेमंत इस परिस्थिति से कैसे निपटते हैं। क्या वह पार्टी को एकजुट रख पायेंगे या फिर यह कलह उनके लिए बड़ी चुनौती बन जायेगी?