झारखंड: सब इंस्पेक्टर संध्या टोपनो मर्डर मामले में साजिश, सेंट्रल मिनिस्टर अर्जुन मुंडा ने भी उठाये सवाल
झारखंड की राजधानी रांची में वाहन चेकिंग के दौरान महिला सब इंस्पेक्टर संध्या टोपनो को पशु तस्करों का दल वाहन ने कुचल फरार हो गया। संध्या की मौत को लेकर उसके परिजनों के साथ-साथ सेंट्रल मिनिस्टर अजुर्न मुंडा ने सवाल उठाये हैं।
- मां बोली- बेटी नहीं मेरा बेटा थी संध्या
- वर्दी पहनना पैशन था उसका
रांची। झारखंड की राजधानी रांची में वाहन चेकिंग के दौरान महिला सब इंस्पेक्टर संध्या टोपनो को पशु तस्करों का दल वाहन ने कुचल फरार हो गया। संध्या की मौत को लेकर उसके परिजनों के साथ-साथ सेंट्रल मिनिस्टर अजुर्न मुंडा ने सवाल उठाये हैं।
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आज राँची के तुपुदाना थाने में पदस्थापित दारोगा संध्या टोपनो के ऊपर वाहन चेकिंग के दौरान पिकअप वैन चढ़ाए जाने से उनकी मृत्यु हो गई।यह एक सुनियोजित साजिश लग रही है।प्रशासन इस मामले में गंभीरता दिखाएं।संध्या जी के परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं।विनम्र श्रद्धांजलि। pic.twitter.com/FUbF3c6kX3
— Arjun Munda (@MundaArjun) July 20, 2022
अर्जुन मुंडा ने ट्वीट कर कहा है, 'आज रांची के तुपुदाना पुलिस स्टेशन में पोस्टेड एसआइ संध्या टोपनो के ऊपर वाहन चेकिंग के दौरान पिकअप वैन चढ़ाए जाने से उनकी मृत्यु हो गई। यह एक सुनियोजित साजिश लग रही है। प्रशासन इस मामले में गंभीरता दिखाए। संध्या जी के परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। विनम्र श्रद्धांजलि।'
बेटी नहीं मेरा बेटा थी संध्या
संध्या की मां स्नेहलता टोपनो ने बताया कि संध्या शुरू से लड़कों के कपड़े पहनती थी। वो शुरू से ही पुलिस अफसर बनना चाहती थी। उसके लिए वो कड़ी मेहनत करती थी। वो मेरी बेटी नहीं बेटा थी। उन्होंने बताया कि जब तक उसके पापा थे तब तक उसको इस तरह की सर्विस की तरफ जाने नहीं दिया। पिता की मौत के बाद चुपचाप उसने फॉर्म भरा। उसका चयन भी हो गया तो वह चली गई।
संध्या टोपनो 2018 बैच की सब इंस्पेक्टर थीं। बहाली के बाद से उनकी इसी इलाके में पोस्टिंग थी। संध्या तीन भाई बहन में मझली थी। उनकी बड़ी बहन सीमा टोपनो हाउस वाइफ हैं। जबकि छोटा भाई अजीत टोपनो पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में काम करता है।संध्या की अब तक शादी नहीं हुई थी। उनके पिता की मौत पहले ही हो चुकी है। सभी मां के साथ सिंह मोड़ के इलाके में रहते थे। संध्या का अंतिम संस्कार गुरुवार को किया जायेगा।
रांची के तुपुदाना इलाके में एक पिकअप वैन के ड्राइवर ने महिला सब इंस्पेक्टर संध्या टोपनो को कुचल दिया था। मौके पर ही उनकी मौत हो गयी। संध्या टोपनो के साथ दो कांस्टेबल भी चेकिंग के दौरान मौजूद थे। घटना के बाद पुलिस पिकअप वैन का पीछा करने लगी। थोड़ी दूर जाकर पिकअप वैन पलट गई। पुलिस ने उसमें सवार ड्राइवर समेत दो लोगों को पकड़ा है। उनसे पूछताछ की जा रही है।
मेरी बेटी दस बेटों के बराबर थी, पुलिसकर्मियों के साथ मां ने दी अंतिम विदाई
पशु तस्करों द्वारा कुचले जाने की वजह से जान गंवाने 2018 बैच की दरोगा संध्या टोपनो की मौत से पुलिस महकमे शोक की लहर है। संध्या के परिजनों का बुरा हाल है। रांची पुलिस लाइन में बहादुर बेटी को पुलिस कर्मियों के साथ मां ने भी अंतिम सलामी दी।मां ने कहा कि मेरी बेटी बहादुर थी लेकिन पशु तस्करों की शिकार हो गई।मेरी बेटी अकेले 10 बेटों के बराबर थी। बड़ी हिम्मत वाली लड़की थीं।
तुपुदाना थानेदार कन्हैया सिंह सवाल के घेरे में
तुपुदाना पुलिस स्टेशन की पुलिस को सूचना थी कि एक पिकअप वैन काफी तेज गति से रांची की ओर आ रहा है। पिकअप वैन सिमडेगा से चलकर कई बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए रांची में इंट्री किया। तुपुदाना थाना प्रभारी कन्हैया सिंह को सूचना मिलने के बावजूद मात्र दो कांस्टेबल के साथ एसआइ संध्या टोपनो रात में ढाई बजे मौके पर भेज दिया। अब सवाल उठता है कि कई चेकनाका तोड़ कर आ रहे तस्करों को पकड़ने के लिए रात महिला सब इंस्पेक्टर के साथ मात्र दो कांस्टेबल ही क्यों नहीं भेजा गया। इस तरह के गंभीर मामले में पर्याप्त बल को भेजने की जरुरत क्यों नहीं समझी गई।
पीएलएफआई के नक्सली रहते हैं सक्रिय
तुपुदाना इलाका नक्सलियों का गढ़ रहा है। पीएलएफआई के नक्सली तुपुदाना इलाके में अक्सर कारोबारी से लेवी वसूलने और नक्सल वारदात को अंजाम देने की फिराक में रहते हैं। कहा जा रहा है कि मौके पर हेड कांस्टेबल और ड्राइवर ने हाइ स्पीड से पिकअप वैन को आता देख, एसआइ संध्या को बीच रोड पर छोड़कर खुद साइड चले गये। एसआइ संध्या पिकअप वैन को रोकने का प्रयास किया लेकिन पिकअप वैन ने उसके ऊपर चढ़ाते हुए भाग गया।
पुलिस मेंस एसोसिएशन ने उठाये सवाल, पशु तस्करी क्यों नहीं रुक रही?
पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश पांडे ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि पशु तस्करी पर पुलिस क्यों नरम है। आखिर पुलिस पशु तस्कर पर कठोर कार्यवाई क्यों नहीं करती है। राकेश पांडे ने कहा कि महिला दरोगा की हत्या के बाद से पुलिस मेंस एसोसिएशन स्तब्ध है।और कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है। जिस प्रकार से राज्य में पशु तस्कर और माफियाओं का मनोबल बढ़ा है यह चिंतनीय है। सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।