Jharkhand : दिनेश गोप आठ दिनों की NIA रिमांड पर, कोर्ट ने दी इजाजत

झारखंड के  प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप से एनआईए कोर्ट ने आठ दिनों की रिमांड पर भेज दिया है। एनआइए व झारखंड पुलिस अब दिनश गोप से आठ दिनों तक पूछताछ करेगी।

Jharkhand : दिनेश गोप आठ दिनों की NIA रिमांड पर, कोर्ट ने दी इजाजत
आठ दिनों क एनआइए रिमांड पर दिनेश गोप।

रांची। झारखंड के  प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप से एनआईए कोर्ट ने आठ दिनों की रिमांड पर भेज दिया है। एनआइए व झारखंड पुलिस अब दिनश गोप से आठ दिनों तक पूछताछ करेगी।

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दिनेश गोप को कड़ी सुरक्षा के बीच सोमवार को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया। एनआईए ने दिनेश गोप को 15 दिनों की रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की इजाजत कोर्ट से मांगी। लेकिन कोर्ट ने सिर्फ आठ दिनों की रिमांड की मंजूरी दी है।
भेष बदलकर रह रहा था दिनेश गोप
लंबे समय से आतंक का पर्याय बने पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप अपना भेष बदलकर (सरदार के भेष में) रह रहा था। इसकी सूचना आईबी को मिली. सूचना के आधार पर एनआईए ब्रांच रांची की टीम ने कार्रवाई करते हुए दिनेश गोप को अरेस्ट कर लिया। गिरफ्तारी के बाद दिनेश गोप को दिल्ली लाया गया. उसके बाद वहां से उसे रांची लाया गया। दिनेश गोप पर झारखंड पुलिस ने 25 लाख का इनाम घोषित किया था। वहीं एनआईए ने उसपर पांच लाख का इनाम घोषित कर रखा था।
एनकाउंटर में बचकर भाग निकलता था दिनेश गोप
पिछले एक साल में झारखंड पुलिस की पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के दस्ते के साथ आधा दर्जन से अधिक बार एनकाउंटर हुई।  लेकिन हर एनकाउंटर में दिनेश गोप बचकर भाग निकलता था। मोस्ट वांटेड पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप झारखंड की राजधानी रांची से 35 किमी दूर खूंटी जिले के जरियागढ़ पुलिस स्टेशन एरिया के लाप्पा मोहराटोली गांव है. वैसे तो यह गांव का रहने वाला है। दर्जनों लोगों की मर्डर का आरोपी दिनेश गोप लंबे समय से झारखंड पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था।  उसे झारखंड और बिहार पुलिस के अलावा एनआईए भी खोज रही थी। पीएलएफआई उग्रवादी संगठन के कई बड़े उग्रवादी पकड़े गये या फिर मारे गये. लेकिन दिनेश गोप को पकड़ना या फिर मार गिराना झारखंड पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई थी।
एनआईए कर रही थी दिनेश गोप की थी तलाश
एनआईए को पीएलएफआई उग्रवादी संगठन के सुप्रीमो की आरसी 02/2018 मामले में तलाश थी। नोटबंदी के ठीक बाद दिनेश गोप ने लेवी के 25.38 लाख रुपये एसबीआई रांची के बेड़ो ब्रांच में एक पेट्रोल पंप संचालक के जरिए जमा करवाने की कोशिश की थी। रांची पुलिस ने 10 नवंबर 2016 को पेट्रोल पंप संचालक समेत चार लोगों को अरेस्ट किया था। इस केस को एनआईए ने 19 जनवरी 2018 को केस टेकओवर किया था। एनआईए ने प्रारंभ में ही रेड कर दिनेश गोप के सहयोगी सुमंत कुमार समेत अन्य के ठिकानों से 90 लाख कैश और निवेश संबंधी कागजात बरामद किये थे। एनआईए ने इन्विस्टिगेशन के क्रम में दिनेश गोप की दो वाइफ हीरा देवी और शकुंतला कुमारी को भी अरेस्ट किया था। एनआईए ने दिनेश गोप के खास सहयोगी जयप्रकाश सिंह भुइयां और अमित देशवाल को दो मार्च 2020 को अरेस्ट किया था। पीएलएफआई के पैसों को कंपनियों में निवेश के मामले में गुजरात के एक बिजनसमैन को भी एनआईए ने अरेस्ट किया था। लेकिन दिनेश गोप अबतक एनआइए व पुलिस की पकड़ से दूर था।
दिनेश गोप के खिलाफ 102 क्रिमिनल केस हैं दर्ज
एनआईए की जांच के अनुसार, आरोपी दिनेश गोप के खिलाफ झारखंड, बिहार और ओडिशा राज्यों में 102 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से अधिकांश मामले मर्डर, किडनैपिंग, धमकी, जबरन वसूली और पीएलएफआई के लिए धन जुटाने से संबंधित है। दिनेश गोप करीब दो दशक से फरार चल रहा था। वह बिजनसमैन, ठेकेदारों और जनता को बड़े पैमाने पर आतंकित कर अपनी पीएलएफआई टीम के सदस्यों के माध्यम से पैसे वसूलता और हमलों को अंजाम देता था। जबरन वसूली पीएलएफआई की आय का प्रमुख स्रोत है। पीएलएफआइ् कोयला व्यापारियों, रेलवे ठेकेदारों और झारखंड के विभिन्न जिलों में विकासात्मक परियोजनाओं में शामिल विभिन्न निजी संस्थाओं को निशाना बनाता रहा है। अपनी गतिविधियों को फैलाने के लिए विभिन्न आपराधिक गिरोहों के साथ गठजोड़ भी किया था। झारखंड में हत्या और आगजनी की कई घटनाओं को अंजाम दिया था।