झारखंड: ED का बड़ा खुलासा, पंकज मिश्रा ने कस्टडी में रहते रिम्स से 300 कॉल्स किये,चार फोन जब्त
झारखंड में एख हजार करोड़ के इलिगल मामले में मनी लांड्रिंग के तहत इन्विस्टीगेशन के दौरान अरेस्ट पंकज मिश्रा ने ज्यूडिशियल कस्टडी में रहने के दौरान रिम्स में कानून की धज्जिया उड़ायी है। ईडी का दावा है कि इलिगल के जरिये काली कमाई करने और इन पैसों की मनी लॉन्ड्रिंग करने के आरोपी पंकज मिश्रा ने 27 जुलाई से अब तक रिम्स में रहने के दौरान उच्च पदस्थ और प्रभावशाली लोगों सहित विभिन्न व्यक्तियों से 300 फोन कॉल्स पर बात की है।
रांची। झारखंड में एख हजार करोड़ के इलिगल मामले में मनी लांड्रिंग के तहत इन्विस्टीगेशन के दौरान अरेस्ट पंकज मिश्रा ने ज्यूडिशियल कस्टडी में रहने के दौरान रिम्स में कानून की धज्जिया उड़ायी है। ईडी का दावा है कि इलिगल के जरिये काली कमाई करने और इन पैसों की मनी लॉन्ड्रिंग करने के आरोपी पंकज मिश्रा ने 27 जुलाई से अब तक रिम्स में रहने के दौरान उच्च पदस्थ और प्रभावशाली लोगों सहित विभिन्न व्यक्तियों से 300 फोन कॉल्स पर बात की है।
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ईडी नेअक्टूबर में पंकज दो सहयोगियों चंदन यादव और सूरज पंडित को कथित तौर पर लोगों से बात करने के लिए उन्हें अपने मोबाइल फोन मुहैया कराने के आरोप में अरेस्ट किया था। पंकज मिश्रा की बेल पिटीशन का विरोध कर रहे ED के एडवोकेट की ओर से बहस में यह बातें कही गयी है। कहा गया कि पंकज मिश्रा अभी भी अपने सहयोगियों के माध्यम से अपनी अवैध गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। उनके द्वारा इस्तेमाल किये जा रहे चार मोबाइल फोन की पहचान की गई है। चारों मोबाइल फोन को जब्त किया गया है।
सीनीयर अफसरों के संपर्क में था पंकज मिश्रा
ईडी ने कहा है कि ज्यूडिशियल कस्टडी में पंकज मिश्रा ने मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया। वह झारखंड के सीनीयर पुलिस अफसरों और अन्य अफसरों के साथ लगातार संपर्क में था। ईडी का आरोप है कि पंकज मिश्रा सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि हैं, इसलिए उसे कस्टडी में सभी सुविधाएं मुहैया हो जा रही हैं।ईडी ने यह भी दावा किया है कि अगर पंकज मिश्रा को बेल मिल जाती है तो वे अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर साक्ष्य मिटाने और केस से जुड़े तथ्यों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं।
ईडी को छानबीन में पता चला है कि रिम्स में इलाजरत रहने के दौरान पंकज मिश्रा ने जेल मैनुअल की खुलकर धज्जियां उड़ाई और 27 जुलाई के बाद उसने विभिन्न व्यक्तियों से 300 बार बातचीत की। नौकरशाह से लेकर नेताओं तक को उसने फोन किया। काम कराने के लिए धमकाने से लेकर केस मैनेज कराने तक के लिए भी उसने काल किया था। धीरे-धीरे इससे जुड़े एक-एक तह खुलते जा रहे हैं।
ईडी ने औचक निरीक्षण में अक्टूबर महीने में पंकज मिश्रा के वार्ड में उसके दो ड्राइवर सूरज पंडित व चंदन को पकड़ा
ईडी ने यह खुलासा तब किया, जब उसे पता चला कि पंकज मिश्रा रिम्स के पेइंग वार्ड में इलाजरत रहते हुए फोन पर सबके संपर्क में है। इसके बाद ईडी ने औचक निरीक्षण में अक्टूबर महीने में पंकज मिश्रा के वार्ड में उसके दो ड्राइवर सूरज पंडित व चंदन को पकड़ा, जो अपने मोबाइल से पंकज मिश्रा की साहिबगंज के डीसी-एसपी से बात करवा रहे थे।इसके बाद ईडी ने रिम्स से पंकज मिश्रा के वार्ड का सीसीटीवी फुटेज मंगवाया और पूरे मामले की छानबीन की, जिसमें वैसे चेहरे भी दिखे हैं, जिनसे ईडी बहुत जल्द पूछताछ करेगी। फिलहाल, जेल मैनुअल का उल्लंघन कर रिम्स के पेइंग वार्ड से मोबाइल पर बातचीत करने के मामले में जेल सुपरिटेंडेंट से भी पांच दिसंबर को पूछताछ होनी है।
ईडी ने पंकज मिश्रा की बेल पिटीशन याचिका के विरोध में कोर्ट को दी है यह जानकारी
ईडी ने रांची स्थित प्रभात कुमार शर्मा की स्पेशल कोर्ट में पंकज मिश्रा की बेल पिटीशन के विरोध में कोर्ट को यह जानकारी दी है कि कैसे पंकज मिश्रा ने न्यायिक हिरासत में रहते हुए अपने पद का धौंस दिखाया। ईडी के अनुसार न्यायिक हिरासत में रहते हुए पंकज मिश्रा अपने सहयोगियों के माध्यम से अवैध गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। ईडी ने ऐसे चार मोबाइल नंबरों की पहचान की है, जिसे ईडी ने जांच के उद्देश्य से जब्त किया है। पंकज मिश्रा ज्यूडिशियल कस्टडी में रहते हुए स्वतंत्र रूप से मोबाइल का इस्तेमाल कर सीनीयर पुलिस अफसरों व अन्य प्रशासनिक अफसरों से बातचीत की। पंकज ने सीएम का विधायक प्रतिनिधि होने का लाभ लिया। उसने अपने उपर लगे अपराध को मिटाने की भी कोशिश की है।
हालांकि, पंकज मिश्रा ने दावा किया था कि वह निर्दोष हैं। उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है. ईडी ने मामले में उचित जांच किए बिना उन्हें इलिगल माइनिंग मामले में झूठा फंसाया है।सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को ईडी ने विगत 19 जुलाई को अरेस्ट किया था। उसे 25 जुलाई को बीमार हालत में ज्यूडिशियल कस्टडी में ही रिम्स में एडमिट कराया गया था, जहां अब भी वह इलाजरत है।