Kirit Parikh Panel: कच्चे तेल की कीमतों के आधार पर तय होंगी गैस की कीमतें, पैनल ने की सिफारिश
किरीट पारिख की अगुवाई में सेंट्रल गवर्नमेंट नियुक्त गैस मूल्य समीक्षा पैनल ने एक जनवरी, 2026 से पारंपरिक क्षेत्रों के लिए गैस के न्यूनतम और अधिकतम मूल्य की सिफारिश करते हुए कीमतें तय करने की छूट देने की सिफारिश की है। पैनल ने बुधवार को सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी।
नई दिल्ली। किरीट पारिख की अगुवाई में सेंट्रल गवर्नमेंट नियुक्त गैस मूल्य समीक्षा पैनल ने एक जनवरी, 2026 से पारंपरिक क्षेत्रों के लिए गैस के न्यूनतम और अधिकतम मूल्य की सिफारिश करते हुए कीमतें तय करने की छूट देने की सिफारिश की है। पैनल ने बुधवार को सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी।
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गवर्नमेंट ने आपको सितंबर में देश में स्थित गैस उत्पादक क्षेत्रों से निकलने वाली गैस की कीमत तय करने के लिए एक समीक्षा के लिए योजना आयोग (वर्तमान में नीति आयोग) के पूर्व सदस्य किरीट पारिख की अगुआई में एक समिति का गठन किया था। पैनल ने सरकार से तीन साल में गैस कीमतों से सीमा को हटाने का सुझाव दिया है।
पैनल का सुझाव
पैनल का सुझाव है कि पुरानी गैस फील्ड से पैदा होने वाली गैस के लिए मूल्य निर्धारण का एक निश्चित बैंड होना चाहिए। देश में उत्पादित प्राकृतिक गैस का दो-तिहाई हिस्सा पुराने क्षेत्रों से निकाला जाता है। पैनल ने कहा है कि उत्पादकों के लिए कीमतें तय करने की अनुमानित मूल्य निर्धारण व्यवस्था होनी चाहिए। पैनल ने यह भी कहा है कि सीएनजी और पाइप वाली रसोई गैस की कीमतों को बीच के दायरे में रखने की कोशिश होनी चाहिए। इनपुट लागत में वृद्धि के कारण पिछले वर्ष से इसमें 70 परसेंट की वृद्धि हुई है।
अब बदल जायेगा मूल्य निर्धारण का तरीका
आयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) और ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) को आयातित तेल से जुड़ी कीमत का पेमेंट किया जायेगा। लेकिन इसकी न्यूनतम या न्यूनतम कीमत चार अमेरिकी डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट और कैप या सीलिंग कीमत 6.5 डॉलर होगी। पुराने क्षेत्रों से मिलने वाली गैस की अधिकतम दर (जिसे एपीएम गैस कहा जाता है) सालाना 0.5 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू बढ़ाई जाएगी। ये वो क्षेत्र हैं, जिनसे प्रोडक्शन कॉस्ट निकल आई है।
सरकार ने सितंबर में किरीट पारिख की अगुआई में गैस की कीमतों पर सुझाव देने के लिए एक समिति का गठन किया था। इसका उद्देश्य यह था कि अगर वैश्विक कीमतें ज्यादा हो तो भी उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर गैस मिल सके। किरिट पारिख समिति ने पुराने फील्ड से निकलने वाले वाली प्राकृतिक गैस के दाम हर वर्ष क्रमिक रूप से बढ़ोतरी करने का सुझाव दिया है। पैनल ने एक जनवरी 2027 से गैस के दाम बाजार की कीमतों के आधार पर तय करने की सिफारिश की है।
अभी यह है व्यवस्था
अभी जो व्यवस्था लागू है, उसके आधार पर सरकार छह महीने के अंतराल पर गैस की कीमतों की समीक्षा करती है। इसे एक अप्रैल और एक अक्टूबर को निर्धारित किया जाता है। आपको बता दें कि एक अप्रैल 2022 को प्राकृतिक गैस के दाम को 2.9 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू से बढ़ाकर पहले 6.10 डॉलर किया गया था, उसके बाद एक अक्टूबर, 2022 को इसे रिवाइज कर 8.57 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू कर दिया गया है।