Jharkhand: ED ने स्टेट गवर्नमेंट से शेयर की भूमि घोटाला व इलिगल माइनिंग केस की जांच रिपोर्ट, FIR की अनुशंसा

ED ने स्टेट गवर्नमेंट से बहुचर्चित भूमि घोटाला व इलिगल माइनिंग मामले में मनी लॉड्रिंग के तहत की गई अब तक की जांच व इस केस में हुई जब्ती से संबंधित पूरी रिपोर्ट शेयर की है। ईडी ने गवर्नमेंट को दोनों कांडों से संबंधित चार्जशीट व जब्ती सूची शेयर करते हुए यह अनुशंसा की है कि इन मामलों के आरोपितों के विरुद्ध आइपीसी की संबंधित धाराओं में FIR दर्ज कर भी कार्रवाई की जा सकती है।

Jharkhand: ED ने स्टेट गवर्नमेंट से शेयर की भूमि घोटाला व इलिगल माइनिंग केस की जांच रिपोर्ट, FIR की अनुशंसा
  • दोनों मामलों के हैं कई सबूत
  • आर्मी के कब्जे वाली जमीन व बजरा की जमीन की जब्ती की दी है जानकारी
  • चार्जशीट व जब्ती सूची शेयर कर ईडी ने की है आरोपितों पर एफआइआर की अनुशंसा

रांची। ED ने स्टेट गवर्नमेंट से बहुचर्चित भूमि घोटाला व इलिगल माइनिंग मामले में मनी लॉड्रिंग के तहत की गई अब तक की जांच व इस केस में हुई जब्ती से संबंधित पूरी रिपोर्ट शेयर की है। ईडी ने गवर्नमेंट को दोनों कांडों से संबंधित चार्जशीट व जब्ती सूची शेयर करते हुए यह अनुशंसा की है कि इन मामलों के आरोपितों के विरुद्ध आइपीसी की संबंधित धाराओं में FIR दर्ज कर भी कार्रवाई की जा सकती है।

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ED के पास दोनों मामलों को लेकर है पर्याप्त प्रमाण
भूमि घोटाले में जालसाजी से संबंधित सेक्शन में केस दर्ज करने के पर्याप्त प्रमाण हैं। वहीं, इलिगल माइनिंग मामले में भी माइनिंग एक्ट सहित विभिन्न सेक्शन लगने के प्रयाप्त प्रमाण हैं। दोनों ही मामले में हुई अब तक की जांच रिपोर्ट राज्य हित में हैं। ईडी ने भूमि घोटाले में आर्मी के कब्जे वाली 4.55 एकड़ व बजरा की 7.16 जमीन की जब्ती के लिए दिये गये तर्क को गवर्नमेंट से शेयर की है। यह भी बताया है कि इस केस में रांची के एक्स डीसी छवि रंजन, बड़ागाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद सहित 12 आरोपित गिरफ्तार हो चुके हैं।

गिरफ्तार अन्य  आरोपित
गिरफ्तार अन्य आरोपितों में आर्मी के कब्जे वाली जमीन का फर्जी रैयत प्रदीप बागची, खरीददार जगतबंधु टी इस्टेट का संचालक दिलीप घोष, दिलीप घोष का सहयोगी व्यवसायी अमित अग्रवाल, जमीन दलाल अफसर अली उर्फ अफ्सू खान, इम्तियाज अली, तल्हा खान, मोहम्मद सद्दाम, फैय्याज खान, भरत प्रसाद व राजेश राय शामिल हैं। इन पर आपसी सहयोग से, मिल-जुलकर जमीन सरकारी अफशरों की मिलीभगत से मूल दस्तावेज में हेराफेरी करने, जमीन का जाली कागजात तैयार कर उसे बेचने आदि के मामले की पुष्टि हो चुकी है।
जालसाजों व अधिकारियों का गठजोड़ एक्टिव
ईडी ने स्टेट गवर्नमेंट को यह भी बताया है कि जाली कागजात तैयार करने वाले अफसर अली ने रांची के अलग-अलग इलाकों में करीब 150 एकड़ जमीन को फर्जी दस्तावेज बनाकर बेच दिया है। इसमें सीनीयर अफसरों का भी पूरा सहयोग मिला। ईडी ने चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन के फर्जी तरीके से खरीद-बिक्री मामले में रांची के एक्स डीसी छवि रंजन व नेताओं व ब्यूरोक्रैट्स के करीबी प्रेम प्रकाश के संबंध को भी उजागर करते हुए उसकी रिपोर्ट भी सरकार से की है। यह भी बताया है कि रांची में किस तरह से जालसाजों व अफसरों का गठजोड़ काम कर रहा था।

साहिबगंज में एक्टिव हैं स्टोन माफिया
ईडी ने झारखंड गवर्नमेंट को बताया है कि इलिगल माइनिंग मामले में ईडी ने मनी लॉड्रिंग के तहत कार्रवाई करते हुए अब तक पंकज मिश्रा सहित सात आरोपितों को अरेस्ट किया है। गिरफ्तार अन्य आरोपितों में पंकज मिश्रा का सहयोगी बच्चू यादव, नेताओं व ब्यूरोक्रैट्स का करीबी प्रेम प्रकाश, दाहू यादव का पिता पशुपति यादव, पंकज मिश्रा का खास सहयोगी कृष्णा कुमार साहा, भगवान भगत व टिंकल भगत शामिल हैं। ईडी ने यह भी जानकारी दी है कि सभी आरोपित एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। इनके बीच इलिगल माइनिंग व इलिगल ट्रांसपोर्टिंग की राशि का एक-दूसरे के बैंक अकाउंट्स में हस्तांतरण भी हुआ है।

ईडी ने साहिबगंज में 1000 करोड़ के इलिगल माइनिंग का खुलासा किया था। ईडी ने रेड व गिरफ्तारियां भी की। इसके बाद भी दो बाहर हैं, वे अब भी एक्टिव हैं और इलिगल माइनिंग में लिप्त हैं। ईडी ने बताया है कि अब तक की छानबीन में इस बात के पुख्ता प्रमाण मिल चुके हैं कि साहिबगंज में इलिगल माइनिंग का मास्टरमाइंड पंकज मिश्रा है, जिसकी सह पर ही वहां इलिगल होता रहा है। बैंकिंग लेन-देन, अनुसंधान में आये तथ्य व पूछताछ में इन सभी आरोपों की पुष्टि हो चुकी है।