झारखंड: चुनाव आयोग ने देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री को हटाने का दिया आदेश, भविष्य में चुनाव कार्य में नहीं लगाये जायेंगे
भारत के निर्वाचन आयोग ने देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री को डीसी सह-डीईओ के पद से हटाने के निर्देश दिया है।आयोग ने स्टेट गवर्नमेंट को उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए भी कहा है।चुनाव आयोग ने इस संबंध में झारखंड के चीफ सेकरेटरी को 15 दिनों में आरोप पत्र गठित कर अनुशानात्मक कार्रवाई का भी निर्देश दिया है।
रांची। भारत के निर्वाचन आयोग ने देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री को डीसी सह-डीईओ के पद से हटाने के निर्देश दिया है।आयोग ने स्टेट गवर्नमेंट को उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए भी कहा है।चुनाव आयोग ने इस संबंध में झारखंड के चीफ सेकरेटरी को 15 दिनों में आरोप पत्र गठित कर अनुशानात्मक कार्रवाई का भी निर्देश दिया है।
भविष्य में चुनाव से संबंधित किसी तरह के कार्य में नहीं लगाया जाए
आयोग ने कहा है कि आयोग की सहमति के बिना श्री भजयंत्री को भविष्य में चुनाव से संबंधित किसी तरह के कार्य में नहीं लगाया जायेगा। पूर्व में आयोग ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए श्री भजयंत्री से पूछा था कि आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामले में गोड्डा एमपी पर छह महीने की देरी से क्यों FIR दर्ज कराया गया। बीडीओ व अन्य अफसरों को किस आधार पर एफआइआर दर्ज कराने का निर्देश दिया गया था।
पांच अलग-अलग पुलिस स्टेशन में किया था FIR
आयोग ने डीसी को गोड्डा एमपी के खिलाफ विधानसभा उपचुनाव के छह माह बाद एक ही दिन में पांच-पांच FIR दर्ज करने के मामले में दोषी माना है।देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री के खिलाफ सोशल मीडिया पर लिखने के लिए गोड्डा एमपी डॉ निशिकांत दूबे पर 26 अक्तूबर को देवघर जिले के पांच अलग-अलग पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज किया गया था। एमपी ने मधुपुर विधानसभा उपचुनाव के दौरान सांसद ने डीसी की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए सोशल मीडिया पर कई पोस्ट किये थे। डीसी के आदेश पर एमपी के उन पोस्ट को आधार बनाते हुए देवघर के टाउन, देवीपुर, बुढैई, मधुपुर और चितरा पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज करायी गयी थी। एमपी ने एफआइआर को गलत बताते हुए डीसी की कार्यशैली पर सवाल उठाते चुनाव आयोग को कंपलेन कर कार्रवाई की मांग किया।
चुनाव आयोग ने डीसी को किया था शोकॉज
चुनाव आयोग ने डीसी पूछा था कि जिन क्षेत्रों में आचार संहिता लागू नहीं थी, उस क्षेत्र के पुलिस स्टेशनों में किस परिस्थिति में मामला दर्ज कराया गया। FIR दर्ज कराने की सूचना आयोग को क्यों नहीं दी गयी। आयोग ने डीसी श्री भजयंत्री द्वारा भेजे गये जवाब को असंतोषजनक मानते हुए उन पर कार्रवाई का आदेश दिया है।आयोग ने अपने निर्देश में यह भी कहा है कि बिना आयोग के निर्देश के भविष्य में आईएएस अफसर मंजूनाथ भजंत्री को न ही किसी जिले का डीसी बनाया जाये और न ही किसी भी चुनाव संबंधित कार्यों में लगाए जाये।
आयोग ने एमपी निशिकांत दुबे और आइएएस अफसर मंजूनाथ भजंत्री का पक्ष सुनने के बाद यह फैसला सुनाया है। कि आयोग ने निशिकांत दुबे की शिकायत पर मंजूनाथ को नोटिस दिया था। साथ ही इससे जुड़ी जानकारी तलब की थी।इस दौरान पाया गया कि दुर्भावना से प्रेरित होकर डीसी सह-डीईओ देवघर ने उनके खिलाफ कार्रवाई की थी। इसके साथ ही आयोग ने आने वाले चुनावों में बगैर आयोग की अनुमति के उन्हें कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी न देने के भी निर्देश दिए हैं।
राजनीतक पार्टी के लिए काम करने का लगा था आरोप
बीजेपी ने अप्रैल 2021 में हुए मधुपुर विधानसभा उपचुनाव के दौरान डीसी मंजूनाथ पर एक पार्टी के लिए काम करने का आरोप लगाया था। इसके बाद उन्हें डीईओ की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया था। हालांकि बाद में राज्य सरकार ने उन्हें फिर से डीसी सह-डीईओ की जिम्मेदारी दे दी थी। इसके बाद उन्होंने एमपी के खिलाफ एक ही दिन पांच एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिये थे।
निशिकांत ने किया ट्वीट-सत्यमेव जयते
आयोग के आदेश के बाद गोड्डा एमपी निशिकांत दुबे ने ट्वीट कर लिखा है-सत्यमेव जयते।दूब ने लिखा है कि मेरे ख़िलाफ़ साज़िश के तहत ग़लत केस करने के कारण चुनाव आयोग ने देवघर उपायुक्त को हटाने का फ़ैसला किया। अब वर्तमान उपायुक्त बिना चुनाव आयोग के आदेश के दूसरे ज़िला के उपायुक्त भी नहीं बन पायेंगे।इसके अलावा उनके उपर अति विशिष्ट दंडात्मक कार्रवाई भी की जायेगी।
यह है मामला
देवघर जिले के मधुपुर विधानसभा का उपचुनाव 17 अप्रैल, 2021 को हुआ था। बीजेपी ने देवघर डीसी पर सत्ताधारी झामुमो के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया था। चुनाव आयोग ने डीसी को हटा दिया था। हालांकि स्टेट गवर्नमेंट ने चुनाव के बाद मंजूनाथ भजंत्री को फिर से देवघर डीसी बना दिया। डीसी के आदेश पर उपचुनाव के बाद गोड्डा एमपी निशिकांत दुबे के खिलाफ देवघर जिले के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में चुनाव अचार संहिता उल्लंघन को लेकर पांच अलग-अलग एफआइआर दर्ज हुई। इसके खिलाफ बीजेपी चुनाव आयोग में पहुंच कंपलेन दर्ज करायी। चुनाव आयोग द्वारा देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। चुनाव आयोग के प्रधान सचिव अरविंद आनंद द्वारा जारी पत्र के तहत उपायुक्त से दस दिन के अंदर अपना जवाब समर्पित करने को कहा गया था। यह मामला काफी गंभीर बनता जा रहा था। डीसी ने 11 नवंबर को आयोग को पत्र भेजकर बिना शर्त माफी मांगी थी।