Jharkhand: गिरिडीह पुलिस ने छह साइबर क्रिमिनलों को किया अरेस्ट
गिरिडीह पुलिस ने प्रतिबिंब पोर्टल के माध्यम से छह साइबर क्रिमिनलों को अरेस्ट किया है। एसपी दीपक शर्मा को मिली गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस की टीम ने बिरनी पुलिस स्टेशन एरिया के बरमसिया चौक के पास से सभी साइबर क्रिमिनलों को अरेस्ट किया है। इनमें कुंदन कुमार, मुकेश यादव, लोकेश कुमार, चंद्रकांत श्रीवास्तव, पिंकेश कुमार और जयमंगल यादव शामिल हैं।
- पांच माह में प्रतिबिंब पोर्टल के माध्यम से 212 साइबर क्रिमिनल पकड़े गये
गिरिडीह। गिरिडीह पुलिस ने प्रतिबिंब पोर्टल के माध्यम से छह साइबर क्रिमिनलों को अरेस्ट किया है। एसपी दीपक शर्मा को मिली गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस की टीम ने बिरनी पुलिस स्टेशन एरिया के बरमसिया चौक के पास से सभी साइबर क्रिमिनलों को अरेस्ट किया है। इनमें कुंदन कुमार, मुकेश यादव, लोकेश कुमार, चंद्रकांत श्रीवास्तव, पिंकेश कुमार और जयमंगल यादव शामिल हैं।
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पुलिस ने साइबर क्रिमिनलों के पास से पुलिस को नौ मोबाइल फोन,17 सिम कार्ड, 16 एटीएम, आठ आधार कार्ड, छह पेन कार्ड, दो बाइक और 19 हजार रुपये बरामद किये हैं। साइबर क्रिमिनलों अपने स्वीकारोक्ति बयान में बताया है कि क्रिमिनल फर्जी बैंक अकाउंट का प्रयोग कर साइबर ठगी के पैसों को मंगाते थे और इसकी निकासी करते थे। एसपी दीपक कुमार शर्मा ने कहा कि जिले के लोगों की मेहनत की कमाई को साइबर ठगों के हाथों लूटने नहीं दिया जायेगा। ऐसे में जिले के किसी भी क्षेत्र में साइबर क्रिमिनल एक्टिव रहेंगे उन्हें कोने-कोने में भी रेडकरते हुए दबोचा जायेगा।
पुलिस के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा 'प्रतिबिंब' एप
साइबर क्राइम में संलिप्त क्रिमिनलों पर नकेल कसने व उन्हें कोने-कोने से दबोचने में पुलिस के लिए प्रतिबिंब एप मारक हथियार साबित हो रहा है। इस एप के विकसित होने के बाद से लेकर लगातार साइबर क्रिमिनलों को दबोचा जा रहा है जिससे मानो साइबर क्राइम करने वालों की कमर टूट सी गई है। अब उन्हें क्राइम करने के लिए गांव घर से बाहर निकलकर किसी किनारे का ठौर लेना पड़ रहा है लेकिन प्रतिबिंब एप का इशारा वहां भी हो रहा है और पुलिस का निशाना सटीक बैठ रहा है। दूसरों को फांसने वाले साइबर क्रिमिनल खुद पुलिस के शिकंजे में फंस रहे हैं और सलाखों के पीछे धकेले जा रहे हैं। इस एप के इशारे पर जिले में साइबर क्रिमिनलों के सफाये को लेकर लगातार छापेमारी अभियान चलाई जा रही है। एप के इशारे पुलिस को साइबर क्रिमिनलों के खिलाफ लगातार सफलता दिला रही है।
ठगी को 50 से अधिक उपायों का कर चुके हैं इस्तेमाल
साइबर क्राइम में शामिल क्रिमिनल पिछले 10 वर्षों के दौरान लोगों को अपने जाल में फांसने व उनके खातों से राशि टपाने को लेकर 50 से अधिक तरीकों का इस्तेमाल कर चुके हैं। रोज इनके ठगी के तरीके में एक नया प्रलोभन भरा उपाय जुड़ रहा है। बैंक खातों को केवाइसी कराने को लेकर फर्जी बैंक अधिकारी बनने से प्रारंभ हुआ इनका ठगी का तरीका अब बहुत ही आगे निकल चुका है। अब तो ये एटीएम बंद होने, एटीएम का क्लोन तैयार करने, एटीएम मशीन में कैश लॉक लगाने, नौकरी, लाटरी, सेक्शटार्सन, ऑनलाइन कुरियर, मेडिकल इमरजेंसी, डॉक्टर का नंबर लगाने, न्यूड वीडियो कॉल कर स्क्रीन रिकॉर्डिंग कर ब्लैकमेल करने के अलावा कई अन्य माध्यमों से लोगों को फांसने का काम कर चुके हैं। फिलहाल ये धान बिक्री कीसरकारी राशि दिलाने के नाम पर ठगी की योजना का खाका खींच रह थे जिसका भंडाफोड़ हो गया।
लोगों का खुला रखा है फर्जी बैंक अकाउंट
साइबर क्राइम में दबोचे गय क्रिमिनलों ने नये तरीके का इस्तेमाल कर लोगों को लालच देकर उन्हें भी साइबर क्राइम का एक अंग बनाने में जुटे हैं। ग्रामीण क्षेत्र के भाले-भाले लोगों को उनके आधार कार्ड के माध्यम से बैंकों या पोस्ट आफिस में उलका अकाउंट खुला रखा है। इसके एवज में साइबर क्रिमिनल उन्हें एक मोटी रकम भी दे देते हैं और उनका पासबुक व एटीएम कार्ड अपने पास रख लेते हैं। ये साइबर क्रिमिनलठगी के पैसे को उसी खाते में ट्रांसफर कराते हुए एटीएम के माध्यम से निकासी करने का काम करते हैं। कई भोले भाले ग्रामीण साइबर क्रिमिनलों के इस जाल में भी मामूली लालच में फंस रहे हैं और बाद में उन्हें नोटिस भी मिल रहा हे।
अब तक 212 भेजे गये जेल
साइबर क्राइम के मामले में पुलिस की टीम ने पिछले पांच माह में अभियान चलाते हुए जिले से 212 साइबर क्रिमिनलों को दबोचते हुए सलाखों के पीछे भेज चुकी है। वहीं इनके पास से 510 एंड्रायड मोबाइल, 678 सिम कार्ड, 237 पासबुक व एटीएम कार्ड, 10 चेकबुक, 35 पैन कार्ड, 44 आधार कार्ड, 38 बड़े व छोटे वाहन, तीन आइ पैड, तीन लैपटाप व 14, 56, 310 रुपये बरामद कर चुकी है।