झारखंड हाई कोर्ट के एडवोकेट राजीव कुमार को बेल नहीं, कोलकाता पुलिस को मिली छह दिनों की कस्टडी
झारखंड हाईकोर्ट के एडवोकेट राजीव कुमार को बेल देने से कोलकाता की सिटी एवं सेशन कोर्ट ने इंकार कर दिया है। न्यूज़ एजेंसी ANI के अनुसार, एडवोकेट राजीव कुमार को पुलिस ने कोलकाता की सिटी एवं सेशन कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया। कोर्ट उन्हें छह दिनों की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया।
कोलकाता। झारखंड हाईकोर्ट के एडवोकेट राजीव कुमार को बेल देने से कोलकाता की सिटी एवं सेशन कोर्ट ने इंकार कर दिया है। न्यूज़ एजेंसी ANI के अनुसार, एडवोकेट राजीव कुमार को पुलिस ने कोलकाता की सिटी एवं सेशन कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया। कोर्ट उन्हें छह दिनों की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया।
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एडवोकेट राजीव कुमार की ओर से कोलकाता के अधिवक्ता रवि शंकर चटर्जी ने पक्ष रखा। झारखंड हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन ने राजीव कुमार की गिरफ्तारी के विरोध में सोमवार को खुद को न्यायिक कार्य से दूर रखा। वहीं राजीव कुमार के पिता के द्वारा दाखिल किये गये हेवियस कोर्पस पर हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई की तिथि मुकर्रर हुई है।
PIL वापस लेने के लिए ले रहे थे 50 लाख, रंगे हाथ कोलकाता में अरेस्ट
झारखंड हाई कोर्ट के सीनीयर एडवोकेट राजीव कुमार को कोलकाता पुलिस ने रविवार देर शाम 50 लाख कैश के साथ अरेस्ट किया है। कोलकाता पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर (क्राइम) मुरलीधर शर्मा ने सोमवार सुबह बताया कि रांची निवासी एडवोकेट राजीव कुमार पीआइएल लेने के एवज में यहां के एक बिजनसमैन से 50 लाख रुपये ले रहे थे। इसी दौरान बड़ाबाजार इलाके से रंगे हाथों उन्हें अरेस्ट किया गया। ज्वाइंट कमिश्नर ने बताया कि राजीव कुमार ने कोलकाता के एक बिजनसमैन के खिलाफ रांची हाई कोर्ट में पीआइएल दायर की है। इस पीआइएल को एडवोकेट वापस लेने के लिए 10 करोड़ मांग रहे थे। शुरुआती बातचीत में वह घटकर चार करोड़ और अंत में एक करोड़ पर आ गया। कल 50 लाख की पहली किस्त का भुगतान किया गया, जहां उन्हें रंगे हाथों पकड़ा गया।
घर पर रेड कराने की दे रहा था धमकी
ज्वाइंट कमिश्नर शर्मा ने बताया कि शुरुआती जांच में यह भी पता चला है कि राजीव कुमार ने बिजनसमैन से यह भी कहा था कि उसके सेंट्रल एजेंसियों से संबंध हैं। वह उसके घर और ऑफिस पर रेड डलवा सकते हैं।
पहले पक्ष ने कहा -10 ज्यादा हो रहा है, दूसरा पक्ष – इतना कर दीजिए
एडवोकेट राजीव कुमार की गिरफ्तारी के बाद एक ऑडियो वायरल हो रहा है। इसमें दो लोगों की बातचीत है। ऑडियो क्लिप सुनकर ऐसा लग रहा है, कि दोनों व्यक्ति किसी डील को फाइनल कर रहे हैं। एडवोकेट ने कथित तौर पर कोलकाता निवासी एक बिजनसमैन के खिलाफ दायर पीआईएल को मैनेज करने के एवज में 10 करोड़ मांगे। एक करोड़ में डील फाइनल की। उनके पास से जो 50 लाख की रकम बरामद हुई है, उसका भुगतान इसी डील के तहत उन्हें किया गया था।हालांकि थ्री सोसाइटीज इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है।
हाईकोर्ट में कर रखा है 600 से ज्यादा याचिका
पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक पूछताछ में कुमार ने बताया है कि झारखंड हाई कोर्ट में 600 से अधिक जनहित याचिकाओं के पीछे उनका ही दिमाग है। एडवोकेट राजीव कुमार झारखंड हाई कोर्ट में कई महत्वपूर्ण जनहित याचिकाओं में वकील हैं। इनमें झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के खदान लीज आवंटन और शेल कंपनियों में निवेश को लेकर उनके खिलाफ दाखिल की गई याचिका में भी वे वकील हैं। हाई कोर्ट में पक्ष रख रहे हैं। इसके अलावा रांची के खूंटी में हुए मनरेगा घोटाले में जनहित याचिका दायर करने वाले अरुण कुमार दुबे की तरफ से भी कोर्ट में वही पक्ष रख रहे हैं। इसी मामले में पिछले दिनों आइएएस पूजा सिंघल की गिरफ्तारी हुई थी। कुमार ने खुद भी कई पीआइएल दायर की है।