झारखंड: हाईकोर्ट ने रद्द की एमपी निशिकांत दूबे की पत्नी के खिलाफ दर्ज एफआइआर

झारखंड हाई कोर्ट से गोड्डा एमपी निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम को बड़ी राहत मिली है। जस्टिस आनंद सेन की कोर्ट ने देवघर में जमीन खरीद से जुड़े मामले में दर्ज एफआइआर को निरस्त कर दिया है। देवघर में एक जमीन की खरीद मामले में अनामिका गौतम के खिलाफ दो-दो एफआइआर दर्ज की गई थी।

झारखंड: हाईकोर्ट ने रद्द की एमपी निशिकांत दूबे की पत्नी के खिलाफ दर्ज एफआइआर

रांची। झारखंड हाई कोर्ट से गोड्डा एमपी निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम को बड़ी राहत मिली है। जस्टिस आनंद सेन की कोर्ट ने देवघर में जमीन खरीद से जुड़े मामले में दर्ज एफआइआर को निरस्त कर दिया है। देवघर में एक जमीन की खरीद मामले में अनामिका गौतम के खिलाफ दो-दो एफआइआर दर्ज की गई थी।

अनामिका गौतम की ओर से अपने खिलाफ दर्ज एफआइआर को निरस्त करने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। एफआइआर में  लगाये गये आरोप को गलत बताया गया था। पूर्व में सभी पक्षों की बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। अनामिका गौतम की ओर से पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के सीनीयर एडवोकेट मुकुल रहतोगी ने बहस करते हुए कहा था कि जमीन खरीद का मामला आपराधिक नहीं सिविल विवाद है। याचिकाकर्ता की ओर से किसी तरह का फरजी कागजात तैयार नहीं कराया गया है। गुरुवार को कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए उनके खिलाफ दर्ज एफआइआर निरस्त करने का आदेश दिया।
क्या था मामला
एमपी की वाइफ अनामिका गौतम समेत पांच के खिलाफ जनवरी में देवघर टाउन पुलिस स्टेशन में एलओकेसी धाम में जमीन खरीद मामले में धोखाधड़ी का एफआइआर दर्ज की गयी थी। 420 में मुकदमा दर्ज किया गया था। अनामिका गौतम की ओर से मामले में हाईकोर्ट में क्वैशिंग याचिका दाखिल की गयी थी। मामले में सुनवाई के बाद अदालत ने राज्य सरकार से जवाब मांगा था। हाईकोर्ट ने पहले अनामिका गौतम पर पीड़क कार्रवाई करने पर भी रोक लगा दी थी।उल्लेखनीय है कि अनामिका गौतम पर देवघर एलओकेसी धाम की करोड़ों की जमीन सरकारी दर से भी कम कीमत पर रजिस्ट्री कराने और रजिस्ट्री कराने के लिए दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ का आरोप  लगाया था। मामले में एमपी की ओर से शुरु से कहा जा रहा था कि जमीन खरीद में सभी नियमों का पालन किया गया है। सबी सक्षम कागजात हैं। साजिश के तहत गलत आरोप लगाकर केस दर्ज करायी है। अंतत: कोर्ट से उनके पक्ष में फैसला आ गया।