झारखंड: स्टेट में दिसंबर तक हाई अलर्ट, जेलों में शीघ्र लगेंगे जैमर, CM ने की पुलिस अफसरों के साथ बैठक
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने सभी जिलों में दिसंबर तक हाई अलर्ट घोषित करने का आदेश दिया है। सीएम सीनीयर पुलिस अफसरों व सभी डीआईजी व एसपी के साथ हाइ लेवल बैठक में यह बातें कही। सीएम ने कानून व्यवस्था, उग्रवाद एवं अपराध नियंत्रण समेत विधि व्यवस्था संधारण से संबंधित मामलों की समीक्षा की।
रांची। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने सभी जिलों में दिसंबर तक हाई अलर्ट घोषित करने का आदेश दिया है। सीएम सीनीयर पुलिस अफसरों व सभी डीआईजी व एसपी के साथ हाइ लेवल बैठक में यह बातें कही। सीएम ने कानून व्यवस्था, उग्रवाद एवं अपराध नियंत्रण समेत विधि व्यवस्था संधारण से संबंधित मामलों की समीक्षा की।
यह भी पढ़ें:मुंगेर: मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा, कारबाइन, मैग्जीन, पिस्टल, कट्टा, पांच कारतूस बरामद, मास्टर माइंड अरेस्ट
मुख्यमंत्री श्री @HemantSorenJMM की अध्यक्षता में वरीय पुलिस अधिकारियों एवं सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों के साथ उच्च स्तरीय बैठक में कानून व्यवस्था, उग्रवाद एवं अपराध नियंत्रण समेत विधि व्यवस्था संधारण से संबंधित मामलों की समीक्षा हो रही है।@JharkhandPolice pic.twitter.com/jZpn2F09wT
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) September 22, 2022
सीएम ने कहा कि चंद दिनों के भीतर त्योहारी मौसम शुरू हो जाएगा। झारखंड में इसबार बड़े पैमाने पर दुर्गापूजा का आयोजन हो रहा है। ऐसे में इसबार काफी भीड़ उमड़ने की संभावना है। इसलिए दिसंबर तक झारखंड को पूरी तरह हाई अलर्ट पर रखते हुए सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए जाएं। स्टेट के हर जिले में शांति और सदभाव कायम रहे, इसके लिए झारखंड पुलिस सभी जरूरी कदम उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि त्योहार के मौसम में शांति-सदभाव व सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता रखने की सख्त जरूरत है। स्टेट में लॉ एंड अर्डर व्यवस्था बनाये रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उग्रवाद व आपराधिक घटनाओं पर लगाम कसा जाना चाहिए। भयमुक्त वातावरण बनाया जाए।
जेलों में एक माह के अंदर लगायें जैमर
सीएम हेमंत सोरेन ने अफसरों से कहा कि हर हाल में एक माह के भीतर राज्य के सभी जेलों में जैमर लगाने का काम पूरा कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि जेल में बंद अपराधी लगातार मोबाइल और अन्य संचार माध्यमों से झारखंड में आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। यह चिंता की बात है। इसपर हर हाल में रोक लगाने की पहल की जाए।
नक्सल इलाकों में शिविर लगाकर पहुंचाया जाए लाभ
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि बूढ़ा पहाड़, पारसनाथ और सारंडा जंगल सहित नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस की उपस्थिति में शिविर लगाकर ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाए। यहां बिजली, पानी, सड़क जैसी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। इससे पुलिस के प्रति लोगों की विश्वसनीयता बढ़ेगी। उग्रवादी घटनाओं को जनसहयोग से नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। पुलिस अफसरों ने सीएम को बताया कि नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलों के माध्यम से ग्रामीणों को जरूरत के सामान उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ग्रामीण युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए सीएम ने पुलिस अफसरों से जरूरत का सामान ग्रामीणों से खरीदने का भी सुझाव दिया। उन्होंने ऐसा करने से रोजगार मिलेगा, उनकी आय में वृद्धि होगी।
सुरक्षा बलों की कार्रवाई
कोडरमा, रामगढ़ और सिमडेगा को उग्रवाद प्रभावित जिलों से हटाने के बाद राज्य में नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 16 हो गई है। इनमें आठ जिले अति नक्सल प्रभावित हैं। आठ जिले उग्रवाद से मुक्त हैं।सुरक्षा बलों के आपरेशन की बदौलत उग्रवादी घटनाओं में कमी आ रही है। वर्ष 2020 से अभी तक पुलिस एवं नक्सलियों के बीच 108 बार एनकाउंटर हुआ है। इन एनकाउंटर में 27 नक्सली मारे गये हैं। 2020 से अभी तक 45 नक्सलियों ने सरेंडर किया है तथा 1131 नक्सलियों की गिरफ्तारी हुई है। नक्सलियों द्वारा पुलिस से लूटे गये 138 आर्म्स और 774 आईईडी बरामद करने में पुलिस को सफलता मिली है।बूढ़ा पहाड़, पारसनाथ, सारंडा, पोड़ाहाट और चतरा- गया के सीमावर्ती इलाकों में 31 मार्च 2022 तक 25 नए सुरक्षा कैंप स्थापित किये गये हैं।
एटीएस को लगातार मिल रही सफलता
बैठक में पुलिस की ओर से बताया गया कि राज्य में आपराधिक गिरोहों के खिलाफ एटीएस को लगातार सफलताएं मिल रही हैं। एटीएस टॉप क्रिमिनल गैंग के 32 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। इनके पास से 51 अत्याधुनिक आर्म्स और लगभग 10 हजार कारतूस भी बरामद हुए हैं। आपराधिक गिरोहों के अपराधियों के पास से लगभग 76 लाख 97 हजार रुपये कैश बरामद किये गये हैं। कई इंटर स्टेट क्रिमिनल गैंग का पर्दाफाश करने में एटीएस को सफलता मिली है।