Jharkhand : शराब घोटाला में अरेस्ट IAS अफसर विनय चौबे की तबीयत बिगड़ी, जेल से रिम्स में किया गया एडमिट
शराब घोटाले में रांची होटल के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद झारखंड के सीनयर आइएएस अफसर विनय चौबे की तबीयत गुरूवार को बिगड़ गयी। इसके बाद उन्हे रांची के रिम्स हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है।

रांची। शराब घोटाले में रांची होटल के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद झारखंड के सीनयर आइएएस अफसर विनय चौबे की तबीयत गुरूवार को बिगड़ गयी। इसके बाद उन्हे रांची के रिम्स हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है।
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एसीबी ने 20 मई को विनय चौबे और गजेंद्र सिंह को शराब घोटाला में गिरफ्तार किअरेस्ट करने के बाद दोनों को कोर्ट में पेश किया गया था जहां से 15 दिनों के न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल भेज दिया गया था। जेल जाने के दो दिन बाद ही विनय चौबे के तबीयत बिगड़ गयी। ब्लड प्रेशर और गुर्दा संबंधी परेशानी के बाद उन्हे रिम्स हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है।
शराब घोटाले में अबतक पांच अरेस्ट
शराब घोटाले में एसीबी ने तत्कालीन उत्पात एवं मद्य निषद्य विभाग के प्रधान सचिव विनय चौबे के साथ अबतक पांच लोगों को अरेस्ट कर चुकी है। बुधवार को एसीबी ने लंबी पूछताछ के बाद जिया रांची प्रक्षेत्र के रीजनल डॉयरेक्टर और एसबीसीएल के तत्कालीन जीएम ऑपरेशन एंड फाइनेंस सुधीर कुमार , वर्तमान जीएम फाइनेंस सुधीर कुमार दास और मार्शल कंपनी के प्रतिनिधि नीरज कुमार सिंह को अरेस्ट किया था। तीनों को गुरुवार को जेल भेज दिया गया।
विनय चौबे पर साजिश के तहत जालसाजी, धोखाधड़ी से संबंधित मामले में एफआइआर दर्ज करायी गयी है। आरोप है कि अपने लोगों को टेंडर दिलाने के लिए विनय चौबे और सिंडिकेट ने टेंटर की शर्ते ही बदल दी। देशी-विदेशी शराब का टेंडर सिंडिकेट के लोगों को दिलवाने के लिए झारखंड आबकारी नीति में फेरबदल किया और झारखंड सरकार को करोड़ों के राजस्व का नुकसान पहुंचाया। इस मामले में सात एजेंसी एसीबी के रडार पर है। हजारीबाग से लेकर धनबाद तक एसीबी ने दबिश दी है।
मार्च 2022 में झारखंड में छत्तीसगढ़ मॉडल पर आधारित उत्पाद नीति लागू हुई थी। कहा जाता है कि झारखंड की पूर्व की उत्पाद नीति को राजस्व की कसौटी पर फ्लॉप बताकर पूरा गेम प्लान तैयार हुआ था। इसको लेकर रायपुर में बैठक भी हुई थी।नई नीति के बनते ही छत्तीसगढ़ का सिंडेकेट सक्रिय हो गया था।इस दौरान नकली होलोग्राम और अवैध शराब की सप्लाई कर राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाया गया था।छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाला मामले में दर्ज एफआइआर के आधार पर ईडी ने ईसीआईआर दर्ज कर झारखंड के तत्कालीन उत्पाद सचिव रहे विनय कुमार चौबे और पूर्व संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह से ईडी ने रायपुर में पूछताछ की थी। इसके बाद दोनों अफसरों के घरों पर ईडी की रेड भी हुई थी। रांची के अरगोड़ा निवासी विकास सिंह ने शराब घोटाला को लेकर कंपलेन दर्ज करवायी थी।