Jharkhand Land Scam Case: रिमांड आवेदन में ED ने कोर्ट को बताया,'...बेनामी संपत्ति हड़पना चाहते थे हेमंत सोरेन'
झारखंड की राजधानी रांची की बहुच्रर्चित जमीन घोटाला मामले में अरेस्ट हुए एक्स सीएम हेमंत सोरेन को ईडी ने गुरुवार को ईडी की स्पेशल कोर्ट में प्रस्तुत किया। ईडी ने कोर्ट में आवेदन देकर हेमंत सोरेन से पूछताछ के लिए 10 दिनों की रिमांड देने का आग्रह किया। कोर्ट ने फिलहाल हेमंत सोरेन को ज्यूडिशियल कस्टडी रांची के बिरसा मुंडा सेंट्ल जेल होटवार में भेज दिया है।
- साजिश में शामिल थे हेमंत सोरेन
- जमीन के मूल दस्तावेज में करवा रहे थे हेराफेरी
- भानु प्रताप प्रसाद की ठिकाने से बरामद दस्तावेजों में हुई पुष्टि
- ईडी ने मांगी है 10दिनों की रिमांड
- पीएमएलए कोर्ट ने रिमांड पर फैसला रखा सुरक्षित
- कोर्ट ने हेमंत को ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा जेल
रांची। झारखंड की राजधानी रांची की बहुच्रर्चित जमीन घोटाला मामले में अरेस्ट हुए एक्स सीएम हेमंत सोरेन को ईडी ने गुरुवार को ईडी की स्पेशल कोर्ट में प्रस्तुत किया। ईडी ने कोर्ट में आवेदन देकर हेमंत सोरेन से पूछताछ के लिए 10 दिनों की रिमांड देने का आग्रह किया। कोर्ट ने फिलहाल हेमंत सोरेन को ज्यूडिशियल कस्टडी रांची के बिरसा मुंडा सेंट्ल जेल होटवार में भेज दिया है।
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हेमंत के रिमांड आवेदन पर सुनवाई शुक्रवार को होगी। ईडी ने कोर्ट में प्रस्तुत रिमांड आवेदन में बताया है कि बड़गाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के जरिये हेमंत सोरेन बेनामी संपत्ति हड़पने की कोशिश में थे। वे मूल दस्तावेज में हेराफेरी करवा रहे थे। जमीन घोटाले में भानु प्रताप प्रसाद की गिरफ्तारी के बाद उनके ठिकाने से बरामद दस्तावेजों में इसकी पुष्टि हुई है।जमीन हस्तांतरण मामले में ईडी ने 14 अप्रैल 2023 कोअरेस्ट किया था। इसके बाद ईडी ने जालसाजी का पूरा कच्चा चिट्ठा खोला। ईडी की ओर से मामले से चीफ सेकरटेरी को अवगत कराया। इसके बाद ही सदर पुलिस स्टेशषन में एक जून 2023 को भानु प्रताप प्रसाद पर FIRदर्ज हुई थी।
भानु प्रताप के मोबाइल से मिली अहम जानकारी
ईडी ने कोर्ट को बताया है कि राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद अन्य लोगों के साथ मिलकर अवैध तरीके से जमीन अधिग्रहण व कब्जा में सक्रिय था। उनमें हेमंत सोरेन भी शामिल थे, इसकी जानकारी भानु प्रताप प्रसाद के मोबाइल से बरामद दस्तावेज में मिली। उक्त मोबाइल से कैश लेन-देने से संबंधित अधिकतर चैट व सूचनाएं, जमीन अधिग्रहण का उल्लेख था। हेमंत सोरेन के माध्यम से अवैध तरीके से अधिग्रहित जमीन की लिस्ट से संबंधित एक फोटो भी मिला। उक्त जमीन 8.5 एकड़ है। भानु प्रताप प्रसाद ने सीएमओ के निर्देश पर सीओ के आदेश के बाद उक्त जमीन का भौतिक सत्यापन भी किया था।
ईडी ने हेमंत को कई बार भेजे समन
जमीन घोटोला मामले में में पूछताछ के लिए हेमंत सोरेन को कई समन भेजे गए, लेकिन अधिकतर समय वे ईडी के सामने उपस्थित नहीं हुए। उन्होंने जानबूझकर अनुसंधान की अवहेलना की। उन्हें 31 जनवरी की शाम पांच बजे गिरफ्तार करने संबंधित सूचना दी गई, लेकिन उन्होंने गवर्नर को त्यागपत्र देने से पहले उक्त सूचना को मानने से इंकार कर दिया। चल रही पूछताछ को छोड़कर बिना अनुमति के ही वे राजभवन चले गये। इसके कारण उन्हें रात के 10 बजे गिरफ्तारी आदेश, गिरफ्तारी का कारण व मेमो आदि दिया गया।
सदर पुलिस स्टेशन में दर्ज केस के इन्विस्टिगेशन के क्रम में हेमंत सोरेन तक पहुंची थी ईडी
रांची के सदर पुलिस स्टेशन में एक जून 2023 को कांड संख्या 272/23 में बड़गाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के विरुद्ध जालसाजी से संबंधित धाराओं में एफआइआर दर्ज हुई थी। इसी केस में ईडी ने 26 जून 2023 को ईसीआइआर दर्ज किया। इन्विस्टिगेशन के क्रम में आर्मी के उपयोग वाली 4.55 एकड़ भूमि की फर्जी तरीके से खरीद-बिक्री मामले में दर्ज एक अन्य ईसीआइआर में भी पता चला कि भानु प्रताप प्रसाद फर्जीवाड़ा सिंडिकेट के साथ मिलकर फर्जी कागजात, सरकारी मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ कर जमीन पर गलत तरीके से कब्जा दिलवाता था।
नौ फरवरी 2023 को सर्किल ऑफिस में ईडी ने रेड की तो भानु प्रताप प्रसाद के पास कुछ मूल दस्तावेज मिले, जिसमें छेड़छाड़ किये गये थे। भानु प्रताप अधिकतर मूल दस्तावेज, पंजी-2 का कस्टोडियन था। इसके बाद ईडी की 13 अप्रैल 2023 को हुई रेड में भानु प्रताप प्रसाद के आवास से 11 ट्रंक जमीन से संबंधित दस्तावेज मिले थे, जिसमें 17 मूल रजिस्टर भी थे। सबको ईडी ने जब्त किया था। भानु प्रताप प्रसाद ने उक्त जमीन का भी जालसाजों के साथ मिलकर जाली कागजात बना दिया था। जमीन घोटाला प्रकरण में ईडी की रिपोर्ट व सरकार को शेयर की गई जानकारी के आधार पर बड़गाईं अंचल के तत्कालीन सीओ ने भी सदर पुलिस स्टेशन में भानु प्रताप प्रसाद के विरुद्ध FIR दर्ज कराई थी। उक्त जमीन के संबंध में हस्त लिखित नोट भी भानु के मोबाइल से मिला। भानु प्रताप प्रसाद हेमंत सोरेन का नाम गलत तरीके से उक्त जमीन से संबंधित दस्तावेज में लगा रहा था, ताकि वह संपत्ति उनके नाम पर हो जाए। यह एक तरह की आपराधिक साजिश है। ईडी की कार्रवाई से यह साजिश विफल हो गई। हेमंत सोरेन भानु प्रताप प्रसाद के साथ मिलकर आपराधिक साजिश के तहत मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ कर उक्त संपत्ति अपने नाम पर अवैध तरीके से कराने की कोशिश कर रहे थे। उक्त संपत्ति सरकार की है।
हेमंत के दिल्ली आवास से मिले थे 36.34 लाख रुपये व जमीन घोटाले से संबंधित दस्तावेज
ईडी ने हेमंत सोरेन के नई दिल्ली स्थित आवासीय परिसर 5/1 शांति निकेतन में रेडकी, जहां उनके कबर्ड से बड़ी मात्रा में कैश 36 लाख 34 हजार 500 रुपये व जमीन घोटाले से संबंधित दस्तावेज जब्त किये गये। हेमंत सोरेन ने अपने व अपने परिवार के नाम अवैध तरीके से कई अन्य अचल संपत्ति अर्जित की थी।
जमीन घोटाले में कब-कब कौन-कौन हो चुके हैं अरेस्ट
14 अप्रैल 2023 : प्रदीप बागची, अफसर अली उर्फ अफ्सू खान, सद्दाम हुसैन, इम्तियाज अहमद, तल्हा खान, फैयाज खान व भानु प्रताप प्रसाद।
चार मई 2023 : रांची के एक्स डीसी आइएएस छवि रंजन।
सात जून 2023 : दिलीप कुमार घोष व अमित कुमार अग्रवाल।
तीन जुलाई 2023 : भरत प्रसाद व राजेश राय।
31 जुलाई 2023 : बिजनसमैन विष्णु अग्रवाल (बेल पर)।
11 अगस्त 2023 : पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश।
31 जनवरी 2024 : सीएम हेमंत सोरेन।
विष्णु अग्रवाल को मिल चुकी है बेल
न्यूक्लियस मॉल का संचालक विष्णु अग्रवाल को 13वें आरोपी के रूप में अरेस्ट किया था। इससे पहले ईडी ने विष्णु अग्रवाल को पूर्व में 17 जुलाई को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन उन्होंने बीमारी का हवाला देते हुए ईडी से समय मांगा था। ईडी ने उन्हें दूसरा समन देकर 26 जुलाई को बुलाया, तो उस समयविष्णु अग्रवाल ने पूजा-पाठ का हवाला देकर समय मांग लिया था। इसके बाद ईडी ने तीसरा समन देकर उन्हें 31 जुलाई को बुलाया, जहां सुबह 11 बजे के बजाय शाम चार बजे वे ईडी ऑफिस पहुंचे थे।विष्णु अग्रवाल पर फर्जीवाड़ा कर रांची में अलग-अलग जमीन की खरीद-बिक्री का आरोप है। चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन के मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ कर जमीन के असली रैयत का नाम बदलने और जमीन की रजिस्ट्री और म्यूटेशन करवा लेने के आरोपों की पुष्टि हो चुकी है। ईडी ने सिरमटोली चौक के पास स्थित आर्मी के कब्जे वाली एक अन्य जमीन व पुगड़ू की एक जमीन की खरीद-बिक्री मामले में भी विष्णु अग्रवाल के खिलाफ जांच तेज कर दी है।इस मामले में बिष्णु अग्रवाल को बेल मिल चुकी है। रांची में जालसाज गैंग के सरगना अफसर अली उर्फ अफसू खान के घर से इडी द्वारा जब्त सभी 36 सेल डीड फर्जी पाये गये हैं। जालसाजों द्वारा सेल डीड में निहित 100 एकड़ से ज्यादा जमीन की सेल की जा चुकी है। इडी द्वारा भेजे गये सेल डीड की जांच के बाद कोलकाता रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस ने 30 जून को हेयर स्टीट पुलिस स्टेशन में अननोन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। दस्तावेज में जालसाजी करने के मामले में कोलकाता में दर्ज करायी गयी यह दूसरी एफआइआर है।
रैयत और डीड दोनों फर्जी, पेमेंट का भी प्रमाण नहीं
ईडी को पूर्व में इन्विस्टीगेशन के दौरान यह जानकारी मिल चुकी है कि भूमि घोटाले के जालसाजों के सिंडिकेट में राजेश राय व भरत प्रसाद अहम हिस्सा रहे हैं। रांची के सदर पुलिस स्टेशन एरिया में गाड़ी मौजा स्थित चेशायर होम रोड की विवादित एक एकड़ जमीन का रैयत फर्जी, डीड भी फर्जी और पेमेंट का भी प्रमाण नहीं मिला। कोर्ट के आदेश के बाद सदर पुलिस स्टेशन में इस मामले आठ सितंबर 2022 को एफआइआर दर्ज की गई थी। भूमि घोटाले में दर्ज ईसीआईआर में ईडी ने उक्त केस को भी जोड़ दिया है। छानबीन में पता चला कि राजेश राय और भरत प्रसाद ने गलत तरीके से चेशायर होम रोड की उक्त एकड़ जमीन पर कब्जा किया। उक्त जमीन का खाता नंबर 37 व प्लॉट नंबर 28 है।
राजेश राय ने अपने सहयोगियों की मदद से एक फर्जी डीड 184/1948 बनाया और उसका पावर आफ अटार्नी गलत तरीके से इम्तियाज अहमद व भरत प्रसाद को दे दिया। राजेश राय से पावर आफ अटार्नी लेने के बाद इम्तियाज अहमद व भरत प्रसाद ने उक्त जमीन को पुनीत भार्गव नामक व्यक्ति को बेच दिया। एक अन्य आरोपित लखन सिंह ने भी स्वीकार किया है कि छह फरवरी 2021 को पुनीत भार्गव के पक्ष में डीड बना था। डीड में एक करोड़ 78 लाख 55 हजार 800 रुपये में बेचे जाने का जिक्र है। इसमें केवल 25 लाख रुपये ही पुनीत भार्गव ने अपनी कंपनी शिवा फेबकान के खाते से भुगतान किया था। शेष राशि को गलत तरीके से डीड में दिखाया गया है। पुनीत भार्गव ने उक्त जमीन को खरीदने के दो महीने के बाद ही विष्णु अग्रवाल को 1.80 करोड़ रुपये में बेच दी थी। विष्णु अग्रवाल ने एक अप्रैल 2021 को दो सेल डीड से उक्त जमीन खरीदी थी। ईडी ने गत 14 अप्रैल को इम्तियाज अहमद को भूमि घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था। उस समय से ही वह जेल में है। पुनीत भार्गव प्रेम प्रकाश का खास सहयोगी है। प्रेम प्रकाश नेताओं व नौकरशाहों का करीबी है, जिसे ईडी ने गत वर्ष अवैध पत्थर खनन मामले में अरेस्ट किया था। वर्तमान में प्रेम प्रकाश जेल में बंद है।
कमिश्नर की जांच रिपोर्ट में हुआ था फर्जीवाड़ा का खुलासा
रांची कमिश्नर की जांच रिपोर्ट में बरियातू स्थित आर्मी के 4.55 एकड़ कब्जे वाली जमीन की अवैध तरीके से खरीद-बिक्री मामले में फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ था। उक्त रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि प्रदीप बागची नामक व्यक्ति ने फर्जी रैयत बनकर जगत बंधु टी इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर दिलीप कुमार घोष को उक्त जमीन बेच डाली थी। जमीन की खरीद-बिक्री के लिए रजिस्ट्री में प्रदीप बागची ने जिन होल्डिंग नंबर से संबंधित दो अलग-अलग कागजातों को लगाया था, वह जांच में फर्जी मिले थे।
बरियातू पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई थी एफआइआर
इसके बाद रांची नगर निगम की ओर से भी बरियातू पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज कराई गई थी।रांची नगर निगम के कर टैक्स कलेक्टर दिलीप शर्मा ने नगर आयुक्त के आदेश पर जून 2022 में प्रदीप बागची के खिलाफ जालसाजी के मामले में एफआइआ दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रदीप बागची ने फर्जी आधार कार्ड, फर्जी बिजली बिल, फर्जी पोजेशन लेटर दिखाकर दो-दो होल्डिंग ले लिया था।कमिश्नर की जांच आर्मी के कब्जे वाले जमीन का असली रैयत जयंत करनाड मिला था। ईडी ने इस पूरे मामले में मनी लांड्रिंग के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू किया था।
कोर्ट ने पुलिस को आरोपियों पर FIR करने का दिया था आदेश
मामला सामने आने के बाद रांची के सिविल कोर्ट ने बरियातू पुलिस को रांची के दो रजिस्ट्रार घासी राम पिंगुआ व वैभव मणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त मुकेश कुमार, बड़गाईं के अंचलाधिकारी मनोज कुमार, फर्जी रैयत प्रदीप बागची, खरीदार जगतबंधु टी-इस्टेट के निदेशक दिलीप कुमार घोष, जयप्रकाश नारायण सिन्हा, मेसर्स गोयल बिल्डर्स अपर बाजार के निदेशक, मोहम्मद जैकुल्लाह और मानवेंद्र प्रसाद पर एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया था।आरोपियों पर जान बूझकर फर्जीवाड़ा कर दूसरे की जमीन की खरीद-बिक्री का आरोप है। दिलीप कुमार घोष ने सात करोड़ रुपये में प्रदीप बागची नामक कथित रैयत से सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन खरीदी थी।
जमीन की डीड पर भी रजिस्ट्रार ने लिख दिया था डीसी के आदेश से हो रही है रजिस्ट्री
आर्मी के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन और चेशायर होम रोड स्थित एक एकड़ जमीन की रजिस्ट्री मामले में ईडी की जांच में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हो चुका है। आर्मी के कब्जे वाली जमीन को फर्जी रैयत बनकर प्रदीप बागची ने 2021 में जगतबंधु टी इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर दिलीप घोष को रजिस्ट्री कराई थी। प्रदीप बागची ने बंगाल के जिस रजिस्टर्ड डीड के आधार पर जमीन बेची थी, उसमें प्रदीप बागची के पूर्वज ने 1932 में जिससे जमीन खरीदी थी, उसका नाम ही नहीं था। यह देखकर तत्कालीन रजिस्ट्रार घासीराम पिंगुआ ने आपत्ति जताई थी। इसके बाद डीसी के आदेश पर बड़गाईं के तत्कालीन सीओ की अनुशंसा के बाद उक्त जमीन की रजिस्ट्री हुई थी।
13 अप्रैल को हुई थी छवि रंजन से जुड़े ठिकानों पर रेड
रांची जमीन घोटाले में ईडी ने विगत 13 अप्रैल को आइएएस अफसर छवि रंजन सहित 18 लोगों से जुड़े 22 ठिकानों पर एक साथ रेड की थी। इस रेड में ईडी को बड़गाई के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के आवास भारी मात्रा में डीड मिले थे। वहीं कुछ जमीन माफिया के यहां से फर्जी डीड बनाने के स्टांप आदि मिले थे। उक्त रेड में छवि रंजन का मोबाइल भी ईडी ने बरामद किया था, जिसमें ईडी के संभावित प्रश्न व उसके तैयार उत्तर भी थे। इससे यह स्पष्ट हो गया था कि छवि रंजन को यह आशंका पहले से थी कि ईडी किसी भी दिन उनके आवास पर दस्तक दे सकती है। ऐसा ही हुआ भी।
यह है आर्मी के कब्जे वाली जमीन का मामला
रांची के बरियातू पुलिस स्टेशन एरिया में मोरहाबादी मौजा में आर्मी के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन के फर्जी रैयत प्रदीप बागची ने मूल दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर जगत बंधु टी इस्टेट के मालिक दिलीप घोष को बेच दी थी। इसके लिए रांची नगर निगम से जाली कागजात के आधार पर दो होल्डिंग भी ले रखा था। प्रदीप बागची ने इसके लिए जो दस्तावेज प्रस्तुत किया था, उसके अनुसार उक्त जमीन उसके पूर्वज ने 1932 में रैयतों से खरीदी थी। इसकी रजिस्ट्री कोलकाता रजिस्ट्री ऑफिस में हुई थी। पिछले साल इस मामले में दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के आयुक्त ने पूरे मामले की जांच कराई थी तब इसका खुलासा हुआ था। आयुक्त की जांच में जमीन का असली मालिक जयंत कर्नाड हैं। फर्जी दस्तावेज पर होल्डिंग लेने के मामले में प्रदीप बागची पर रांची नगर निगम ने बरियातू पुलिस स्टेशन में पिछले वर्ष एफआइआर भी दर्ज कराई थी। इसके आधार पर ही ईडी ने ईसीआइआर दर्ज की थी।
विष्णु अग्रवाल व अन्य ने मिलकर चेशायर होम रोड में एक एकड़ जमीन के कागजात में फेरबदल किया
ईडी ने रांची के सदर पुलिस स्टेशन एरिया चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन मामले में जांच की तो यहां भी इसी तरह का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। रिपोर्ट के अनुसार, इस जमीन को रियल इस्टेट कंपनी के संचालक विष्णु अग्रवाल व अन्य ने मिलकर जाली कागजात के आधार पर खरीद-बिक्री की है। शिकायतकर्ता उक्त जमीन के मालिक होने का दावा करने वाले उमेश कुमार गोप ने रांची के न्यूक्लियस माल के मालिक विष्णु अग्रवाल के अलावा पुनीत भार्गव, भरत प्रसाद, राजेश राय, लखन सिंह और इम्तियाज अहमद के खिलाफ सदर पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज कराई थी। पुनीत भार्गव इलिगल स्टोन माइनिंग मामले में पूर्व में अरेस्ट प्रेम प्रकाश का करीबी बताया जाता है। इस मामले में रांची के सदर पुलिस स्टेशन की पुलिस ने अधूरी रिपोर्ट के साथ सिर्फ इसे जमीन विवाद बताते हुए कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट भी दे दिया है। जबकि ईडी ने जालसाजी के बड़े मामले को उजागर किया है।