Jharkhand: अग्रवाल ब्रदर्स मर्डर केस में लोकेश चौधरी,धर्मेंद्र व सुनील को उम्रकैद, कोर्ट ने 25 हजार का जुर्माना भी लगाया
झारखंड की राजधानी रांची में हुई हेमंत अग्रवाल और महेंद्र अग्रवाल (अग्रवाल ब्रदर्स) मर्डर केस में आरोपी लोकेश चौधरी को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। रांची सिविल कोर्ट ने लोकेश के साथ-साथ उसके गार्ड धर्मेंद्र कुमार तिवारी एवं बॉडीगार्ड सुनील कुमार उर्फ सुनील सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने तीनो पर 25-25 हजार का जुर्माना भी लगाया है।
रांची। झारखंड की राजधानी रांची में हुई हेमंत अग्रवाल और महेंद्र अग्रवाल (अग्रवाल ब्रदर्स) मर्डर केस में आरोपी लोकेश चौधरी को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। रांची सिविल कोर्ट ने लोकेश के साथ-साथ उसके गार्ड धर्मेंद्र कुमार तिवारी एवं बॉडीगार्ड सुनील कुमार उर्फ सुनील सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने तीनो पर 25-25 हजार का जुर्माना भी लगाया है।
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कोर्ट ने तीनों को मर्डर के आरोप में आजीवन कारावास के साथ 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। बॉडी छिपाने पर तीन साल व पांच हजार रुपये जुर्माना एवं आर्म्स एक्ट में पांच साल की सजा के साथ पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। कोर्ट से मिली तीनों सजाएं एक साथ चलेंगी। जुर्माने की राशि नहीं देने पर अतिरिक्त ढाई साल जेल काटनी होगी।
रांची सिविल कोर्ट के अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की कोर्ट में शुक्रवार को लोकेश चौधरी,धर्मेंद्र तिवारी और सुनील सिंह की सजा की बिंदु पर सुनवाई हुई। दोषियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट के समक्ष पेश किया गया। इससे पूर्व सजा के बिंदु पर सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के एडवोकेट अनिल कुमार कंठ एवं अनंत कुमार विज ने कहा कि यह इनका पहला अपराध है। अभियुक्त अच्छे परिवार से आता है, उनकी ओर से कम से कम सजा देने का अनुरोध किया। इसका विरोध करते हुए एपीपी वेद प्रकाश ने कहा कि अभियुक्तों को इस अपराध के लिए अधिकतम फांसी की सजा सुनाई जाए।कोर्ट ने दोनों की बहस सुनने के बाद कहा कि यह केस जघन्य से जघन्यतम (रेयर ऑफ रेयरेस्ट) की श्रेणी में नहीं आता है। इसको देखते हुए तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा रही है। पुलिस की ओर से पेश साक्ष्य और गवाहों के बयान के आधार पर कोर्ट ने तीनो को 26 जून को दोषी करार दिया था।
हेमंत अग्रवाल और महेंद्र अग्रवाल की 2019 में हुई थी मर्डर
हेमंत अग्रवाल और महेंद्र अग्रवाल की गोली मार कर मर्डर की गयी थी। पुलिस के अनुसार, दोनों बिजनसमैन बैग में मोटी रकम लेकर लोकेश को पहुंचाने गये थे। लेकिन लोकेश और एमके सिंह ने पहले से रुपये हड़पने की योजना तैयार कर रखी थी। योजना के तहत ही एमके सिंह ने लोकेश चौधरी के बॉडीगार्ड धर्मेंद्र तिवारी के साथ खुद को आइबी का अफसर बताते हुए लोकेश चौधरी के ऑफिस में रेड की। दोनों बिजनसमैन के रुपये को जब्त कर लिया।
डबल मर्डर के संबंध में अरगोड़ा पुलिस स्टेशन मे सात मार्च 2019 को एफआइआर दर्ज करायी गयी थी। पुलिस ने लोकेश चौधरी को आरोपी साबित करने के लिए 19 गवाह कोर्ट में प्रस्तुत किए।, जबकि लोकेश चौधरी ने अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए एक भी गवाह प्रस्तुत नहीं किया। हालांकि इस केस का मेन एक्युज्ड एम के सिंह अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।