Jharkhand : लुगु पहाड़, झुमरा और पारसनाथ क्षेत्र हुआ नक्सल मुक्त: डीजीपी
हजारीबाग के पनतीतरी जंगल में CRPF और झारखंड पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में तीन इनामी नक्सली मारे गये। डीजीपी अनुराग गुप्ता ने घोषणा की कि लुगु पहाड़, झुमरा और पारसनाथ क्षेत्र अब नक्सल मुक्त हो चुके हैं।
हजारीबाग। झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों को एक बड़ी उपलब्धि मिली है। ऑपरेशन चूना पत्थर के दौरान हजारीबाग जिले के गोरहर पुलिस स्टेशन एरिया के पनतीतरी जंगल में पुलिस और CRPF की संयुक्त टीम के साथ हुई सोमवार की सुबह एनकाउंटर में तीन इनामी नक्सली मारे गये हैं। मारे गये नक्सलियों में एक करोड़ का इनामी और भाकपा माओवादी का सेंट्रल कमेटी सदस्य सहदेव सोरेन उर्फ प्रवेश, 25 लाख का इनामी रघुनाथ हेंब्रम और 10 लाख का इनामी बिरसेन गंझू शामिल हैं।
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सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता के बाद पुलिस डीजीपी अनुराग गुप्ता, CRPF के आईजी साकेत सिंह, आईजी अभियान माइकल राज एस और STF के डीआईजी अनूप बिरथरे समेत कई सीनीयर अफसर हजारीबाग पहुंचे। पुलिस ऑफिस में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में डीजीपी ने बताया कि सहदेव सोरेन पर 30, रघुनाथ पर 58 और बिरसेन पर 36 गंभीर मामले दर्ज थे। डीजीपी ने कहा कि 2025 में चलाये गए लगातार अभियानों के कारण बोकारो जिले के लुगु व झुमरा और गिरिडीह जिले का पारसनाथ क्षेत्र नक्सल प्रभाव से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया है। उन्होंने नक्सलियों से सरेंडर कर सरकार की सरेंडर पॉलिसी के तहत मुख्यधारा में लौटने की अपील की।
गोरहर पुलिस स्टेशन एरिया में हुई एनकाउंटर
डीजीपी ने बताया कि गोरहर पुलिस स्टेशन एरिया के पनतीतरी के जंगली इलाके में एनकाुंटरहुई, जो बोकारो और गिरिडीह जिलों की सीमा से सटा हुआ है। उन्होंने कहा कि पुलिस को सूचना मिली थी कि भाकपा माओवादी के ये नक्सली किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए इस क्षेत्र में घूम रहे हैं। इस सूचना के बाद कोबरा बटालियन, गिरिडीह और हजारीबाग पुलिस की एक संयुक्त टीम ने स्पेशल सर्च ऑपरेशन चलाया।
जैसे ही टीम पनतीतरी जंगल में पहुंची, नक्सलियों ने उन पर अंधाधुंध फायरिंग और ग्रेनेड से हमला कर दिया। सुरक्षाबलों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की। इस एनकाउंटर में तीनों इनामी नक्सली मारे गये।सुरक्षा बलों की टीम ने मौके से तीन एके-47 राइफल और कारतूस समेत कई अन्य सामान बरामद किये गये हैं। एनकाउंटर में कोबरा 209 बटालियन के दो जवान भी ग्रेनेड के स्प्लिन्टर लगने से घायल हुए हैं, जिनका इलाज रांची के मेदांता हॉस्पिटल में चल रहा है और वे खतरे से बाहर हैं।






