Jharkhand: एनआईए ने भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा को धनबाद से किया अरेस्ट
एनआईए ने प्रतिबंधित नक्सली संगंठन भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा उर्फ सोहन दा उर्फ बनवारी जी उर्फ बीबी जी उर्फ बाबा को धनबाद से अरेस्ट कर लिया है। प्रमोद मिश्रा को एनआइए ने प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) को पुनर्जीवित और मजबूत करने की साजिश रचने के मामले में अरेस्ट किया है।
धनबाद। एनआईए ने प्रतिबंधित नक्सली संगंठन भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा उर्फ सोहन दा उर्फ बनवारी जी उर्फ बीबी जी उर्फ बाबा को धनबाद से अरेस्ट कर लिया है। प्रमोद मिश्रा को एनआइए ने प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) को पुनर्जीवित और मजबूत करने की साजिश रचने के मामले में अरेस्ट किया है।
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एनआईए ने गुरुवार को एक बयान में यह जानकारी दी कि प्रमोद मिश्रा भाकपा (माओवादी) के पोलित ब्यूरो का सदस्य है। वह फरार चल रहा था. इसी क्रम में उसकी गिरफ्तारी की गयी है। एनआईए ने जानकारी दी है कि प्रमोद मिश्रा को एजेंसी की एक टीम ने झारखंड के धनबाद जिले के धनसार एरिया से अरेस्ट किया है। एनआईए को उसके धनबाद में छिपे होने की सूचना मिली थी।
एनआइए ने बयान में कहा है कि प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) को बिहार के मगध क्षेत्र में पुनर्जीवित और मजबूत करने की साजिश रचने के एक फरार आरोपी को एनआईए ने गिरफ्तार किया है। मामले से जुड़ी एक एफआइआर में प्रमोद मिश्रा नामजद है। वह पिछले आठ महीने से फरार था। एनआईए की जांच के अनुसार, बिनोद मिश्रा भाकपा (माओवादी) के उत्तरी क्षेत्र के ब्यूरो प्रमुख एवं पोलित ब्यूरो सदस्य का करीबी सहयोगी और दूर का रिश्तेदार है। उसने संगठन के वरिष्ठ सदस्यों को अपने घर में आश्रय दिया था।
भाकपा (माओवादी) संगठन को फिर से पुनर्जीवित और मजबूत करने की साजिश रच रहा था प्रमोद
एनआईए के बयान के अनुसार एनआईए 31 अगस्त, 2023 से मामले की जांच कर रही है। अब तक पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा उर्फ सोहन दा उर्फ बनवारी जी उर्फ बीबी जी उर्फ बाबा और भाकपा (माओवादी) के उप-क्षेत्र समिति के सदस्य अनिल यादव उर्फ अंकुश उर्फ लवकुश के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। दोनों को इस मामले में पूर्व में अरेस्ट किया गया था। बिहार पुलिस ने पिछले साल 10 अगस्त को विनोद मिश्रा के घर से इन दोनों की अरेस्ट किये जाने के बाद मामला दर्ज किया था। वे दोनों मगध क्षेत्र में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन को फिर से पुनर्जीवित और मजबूत करने की साजिश रच रहे थे। मगध क्षेत्र में गया और औरंगाबाद जिले आते हैं।