Niraj Singh Murder Case Dhanbad: एक्स डिप्टी मेयर मर्डर केस के आरोपी नामवर सिंह को सात वर्ष में नहीं खोज सकी पुलिस
कोयला राजधानी धनबाद की बहुचर्चित एक डिप्टी मेयर सह कांग्रेस लीडर नीरज सिंह मर्डर केस के 21 मार्च, 2024 को सात वर्ष हो गये हैं। सरायढेला स्टील गेट में वर्ष 2017 की 21 मार्च की शाम फॉर्च्यूनर सवार नीरज सिंह सहित चार लोगों को गोलियों से भून दिया था। पुलिस अभी तक इस केस की अहम कड़ी संतोष सिंह उर्फ नामवर का पता नहीं लगा पायी है।
- संतोष सिंह उर्फ नामवर ने ही दिखाया था शूटरों को रास्ता
- 21 मार्च 2017 को की सरेशाम के सरायढेला स्टील गेट में नीरज सिंह समेत चार लोगों को हुई थी मर्डर
धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद की बहुचर्चित एक डिप्टी मेयर सह कांग्रेस लीडर नीरज सिंह मर्डर केस के 21 मार्च, 2024 को सात वर्ष हो गये हैं। सरायढेला स्टील गेट में वर्ष 2017 की 21 मार्च की शाम फॉर्च्यूनर सवार नीरज सिंह सहित चार लोगों को गोलियों से भून दिया था। पुलिस अभी तक इस केस की अहम कड़ी संतोष सिंह उर्फ नामवर का पता नहीं लगा पायी है।
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बिहार व उत्तर प्रदेश में नामवर की खोज
पुलिस के पास संतोष सिंह उर्फ नामवर की फोटो तक नहीं है। हालांकि इस केस में नामवर नाम पंकज सिंह के साथ शूटरों को लाने में शामिल था। संतोष उर्फ नामवर की तलाश में पुलिस बिहार व यूपी में कई बार दबिश दे चुकी है। बलिया व कैमूर के चक्कर लगा चुकी है। लेकिन पुलिस को संतोष नहीं मिला। पुलिस की जांच में पता चला था पंकज सिंह के आदेश पर संतोष ने सारे शूटरों को लाइनअप किया था। संतोष पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। उसके बाद आज तक पुलिस उसे ढूंढ नहीं पाई है।
सरायढेला स्टील गेट में वर्ष 2017 की 21 मार्च की शाम एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह सहित चार लोगों को उनकी फॉर्च्यूनर गाड़ी के अंदर ही गोलियों से भून दिया गया था। नीरज सिंह, उनके ड्राइवर घोलटू महतो, पीए अशोक यादव व प्राइवेट बॉडीगार्ड मुन्ना तिवारी की मौके ही पर ही मौत हो गयी थी। नीरज की मर्डर में अत्याधुनिक आर्म्स का इस्तेमाल किया गया था। फॉर्च्यूनर सवार एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह को निशाना बनाकर 70 से अधिक गोलियां चली थीं। नीरज सिंह बॉडी से 17 गोलियां निकाली गयी थीं, जबकि 36 जख्म के निशान मिले थे।
राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि की गिरफ्तारी के बाद मिले अहम सुराग
नीरज मर्डर केस में पुलिस को राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि की गिरफ्तारी के बाद अहम सुराग हाथ लगे थे। डब्ल्यू पर यूपी से आये शूटरों को किराये का मकान दिलाकर ठहराने का आरोप है।पुलिस ने नीरज सिंह मर्डर केस में पहले राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि, रणधीर धनंजय सिंह उर्फ धनजी ( संजीव सिंह का प्राइवेट बॉडीगार्ड), संजय सिंह ( स्वर्गीय रंजय सिंह का भाई व एमएलए संजीव के अनुसेवक) व जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह ( सिंह मैंशन के करीबी) को अरेस्ट कर जेल भेजी।
नीरज के चचेरे भाई झरिया के तत्कालीन एमएलए संजीव सिंह ने 11 अप्रैल 2017 को सरायढेला पुलिस स्टेशन में किया था सरेंडर
नीरज मर्डर केस में 11 अप्रैल 2017 को नीरज के चचेरे भाई झरिया के तत्कालीन एमएलए संजीव सिंह ने सरायढेला पुलिस स्टेशन में सरेंडर किया। पुलिस संजीव को अरेस्ट कर जेल भेज दी। इसके बाद घनुडीह निवासी बिनोद सिंह को भी अरेस्ट कर जेल भेजा गया। बिनोद पर नीरज की रेकी का आरोप है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने नीरज सिंह मर्डर में शामिल शूटरों को बारी-बारी से अरेस्ट कर धनबाद पुलिस को सौंपी थी। शूटर सोनू उर्फ कुर्बान अली, विजय उर्फ शिबू उर्फ सागर सिंह, अमन सिंह, रिंकू सिंह, सतीश सिंह व पंकज सिंह(सभी यूपी) को अरेस्ट कर जेल भेजा गया है।
एक्स एमएलए संजीव सिंह समेत 12 आरोपित जेल में
नीरज सिंह मर्डर केस में एक्स एमएलए संजीव सिंह, राकेश मिश्रा उर्फ डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि, रणधीर धनंजय सिंह उर्फ धनजी , संजय सिंह व जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह, बिनोद सिंह के अलावा उत्तर प्रदेश के शूटर सोनू उर्फ कुर्बान अली, विजय उर्फ शिबू उर्फ सागर सिंह, अमन सिंह, रिंकू सिंह, सतीश सिंह व पंकज सिंह जेल में बंद है।
जेल में बंद हैं शूटर और मास्टर माइंड
अमन सिंह (राजेसुलतानपुर, काजीपुर जगदीशपुर, जिला अंबेडकर नगर): तीन मई, 2017 को मिर्जापुर मेंजेल के पास आर्म्स के साथ एसटीएफ द्वारा दबोचा गया था। वह मिर्जापुर जेल में बंद अपने दोस्त रिंकू सिंह से मिलने गया था। लोकल पुलिस उसे जेल भेजी। यूपी एसटीएफ के सामने अमन ने नीरज सिंह मर्डर केस में अपनी संलिप्ता स्वीकार की। सरायढेला पुलिस अमन को ट्रांजिट रिमांड पर धनबाद लायी। कोर्ट में पेशी के बाद आठ मई को जेल भेजी। अमन को रिंकू ने पंकज सिंह का फोन देकर संपर्क करने को कहा था। पंकज से बात कर वह धनबाद आया था। धनबाद जेल में नौ मई को टीआइपी परेड में आदित्य राज ने उसकी पहचान की।
कुर्बान अली उर्फ सोनू (सरैया मुस्तफाबाद, कादीपुर, जिला सुलतानपुर): तीन जून, 2017 को यूपी कैंट स्टेशन में अरेस्ट किया गया। सोनू यूपी पुलिस का 25 हजार का इनामी भी है। लोकल पुलिस कुर्बान को जेल भेजी। सरायढेला पुलिस स्टेशन की पुलिस नीरज मर्डर केस में उसे रिमांड पर धनबाद लायी और कोर्ट में पेशी के बाद 24 जून को जेल भेजा गया। टीआइपी परेड में 29 जून को उसकी पहचान करायी गयी।
विजय सिंह उर्फ सागर उर्फ शिबू (राज बहादपुर, मामझर झलिया जिला सुलतानपुर): प्रतापगढ़ में 24 जून को लोकल पुलिस ने अरेस्ट किया। सरायढेला पुलिस ने शिबू को नीरज मर्डर केस में रिमांड पर लाकर कोर्ट में पेशी के बाद आठ जुलाई को धनबाद जेल भेजा। जेल में 10 जुलाई को टीआइपी परेड में आदित्य राज ने उसकी पहचान की।
चंदन सिंह उर्फ रोहित उर्फ सतीश (मधुबनी, बरैया जिला बलिया ): आठ जुलाई को वाराणसी में आर्म्स व गोली के साथ पकड़ा गया। नीरज सिंह मर्डर केस में सरायढेला पुलिस ने चंदन को रिमांड पर लेकर 24 सितंबर को कोर्ट में पेशी के बाद ज्यूडिशियल कस्टडी में धनबाद जेल भेजा। चंदन को 26 जुलाई को टीआइपी परेड मेंआदित्य राज ने पहचाना।
पंकज सिंह (बुधापुर, लंभुआ, जिला सुलतानपुर): उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर कोर्ट में 14 सितंबर को सरेंडर किया।. नीरज मर्डर केस में उसे रिमांड पर धनबाद लाया गया। पंकज को मर्डर केस का मास्टर माइंड बताया गया है। शूटरों को हायर कर धनबाद लाने, ठहराने व भगाने में पंकज की खास भूमिका रही। पंकज, मुन्ना बजरंगी गैंग का शार्प शूटर है। पकंज ने शूटरों को धनबाद में रिसीव कर कुसुम बिहार में ठहराया। आर्म्स उपलब्ध कराया और आर्म्स चलाने की प्रैक्टिस करायी। मर्डर के बाद चारों शूटरों को भगाकर आर्म्स पंकज ने ले लिये। पंकज हावड़ा-अमृतसर मेल से 24 मार्च को बनारस गया था। पंकज का टिकट जौनपुर के धीरज गुप्ता के आकउंट से कटा था। धीरज का भी कोर्ट में बयान हो चुका है।
नीरज सिंह समेत चार लोगों की मर्डर मामले में सभी 12 आरोपित संजीव सिंह, पिंटू सिंह, संजय सिंह, डबल्यू मिश्रा, बिनोद सिंह,शूटर अमन सिंह, कुर्बान अली, शिबू उर्फ सागर सिंह के साथ-साथ पंकज सिंह व सतीश सिंह जेल में बंद हैं। संजीव सिंह को इलाज के लिए रिम्धस भेजा गया था। रिम्नस ने बेहतर इलाज के लिए एम्बास ले जाने की अनुशंसा की है। मर्दडर केस के अन्य आरोपी अलग-अलग जेल में बंद हैं।
फ्लैश बैक
एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह अपनी फॉर्च्यूनर सवार 21 अप्रैल 2017 की शाम झरिया के कतरास मोड़ ऑफिस से सरायढेला स्थित अपने घर रघुकुल लौट रहे थे। सरायढेला स्टील गेट के पास स्पीड ब्रेकर पर फॉर्च्यूनर जैसे ही धीमी हुई, दो बाइक पर सवार चार शूटरों ने चारों तरफ से गाड़ी को घेर लिया और अंधाधुंध फायरिंग करने लगे। नीरज सिंह, उनके ड्राइवर घोलटू महतो, पीए अशोक यादव व प्राइवेट बॉडीगार्ड मुन्ना तिवारी की मौके ही पर ही मौत हो गयी थी। फॉर्च्यूनर सवार एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह को निशाना बनाकर अत्याधुनिक आर्म्स से 70 से अधिक गोलियां चली थीं। नीरज सिंह बॉडी से 17 गोलियां निकाली गयी थीं, जबकि 36 जख्म के निशान मिले थे। गाड़ी में पीछे बैठा आदित्य राज बाल-बाल बच गया। आदित्य ने ही फोन कर नीरज के परिजन को सूचना दी। इस कांड को अंजाम देने के लिए यूपी के कुख्यात मुन्ना बजरंगी गैंग के शूटर धनबाद आये थे। घटना को अंजाम देकर सभी शहर से फरार हो गये।
अभिषेक सिंह ने दर्ज करायी थी एफआइआर
नीरज सिंह के भाई अभिषेक सिंह के बयान पर सरायढेला पुलिस स्टेशन में कांड संख्या 48-17 के तहत सेक्शन 302/307/120बी आइपीसी व 27 आर्म्स एक्ट FIR दर्ज करायी गयी थी। एफआइआर मंप झरिया के तत्कालीन एमएलए अपने चचेरे भाई संजीव सिंह, उनके छोटे भाई मनीष सिंह, पिंटू सिंह, गया सिंह, महंथ पांडेय के खिलाफ षडयंत्र रचकर मर्डर करने का आरोप लगाया गया है। नेम्ड एक्युज्ड गया सिंह की मौत हो चुकी है। पुलिस इन्विस्टीगेशन में मनीष सिंह व महंथ पांडेय के खिलाफ कोई एवीडेंस नहीं मिली है। मर्डर केस का ट्रायल अभी एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहा है। गवाही की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।