झारखंड: स्टेट में पुरानी पेंशन योजना लागू, गरीबों को मिलेगी 100 यूनिट मुफ्त बिजली, कैबिनेट ने 55 प्रोपोजल को दी मंजूरी
झारखंड कैबिनेट ने स्टेट में पुरानी पेंशन योजना को कुछ शर्तों के साथ लागू करने और गरीबों को हर महीने 100 यूनिट मुफ्त बिजली देने के प्रोपोजल को मंजूरी दे दी।सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई झारखंड कैबिनेट की बैठक में 55 प्रोपोजल पर मुहर लगी।
रांची। झारखंड कैबिनेट ने स्टेट में पुरानी पेंशन योजना को कुछ शर्तों के साथ लागू करने और गरीबों को हर महीने 100 यूनिट मुफ्त बिजली देने के प्रोपोजल को मंजूरी दे दी।सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई झारखंड कैबिनेट की बैठक में 55 प्रोपोजल पर मुहर लगी।
यह भी पढ़ें: ललित मोदी से रिलेशनशिप पर बोली सुष्मिता सेन: न शादी हुई और न कोई इंगेजमेंट रिंग, सिर्फ अनकंडिशनल प्यार है
कैबिनेट ने एक दिसंबर, 2004 के पूर्व नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने, लेकिन एक दिसंबर, 2004 के बाद नियुक्त होनेवाले सरकारी कर्मियों को भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का फैसला किया है। कैबिनेट सचिव वंदना डाडेल ने मीडिया को बताया कि पुरानी पेंशन योजना के क्रियान्वयन के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया जायेगा। कमेटी योजना के कार्यान्वयन के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का मसौदा तैयार करेगी। इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट में लाया जायेगा। पुरानी पेंशन योजना को 1 अप्रैल 2004 को बंद कर दिया गया था और इसे राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) से बदल दिया गया था।
कैबिनेट ने गरीबों के लिए 100 यूनिट मुफ्त बिजली के प्रोपोजल को भी मंजूरी दी। सरकार ने 2022-23 के बजट में इसकी घोषणा की थी। डाडेल ने कहा कि यह लाभ 100 यूनिट तक बिजली का उपयोग करने पर लागू होगा। इसके ऊपर अलग-अलग स्लैब लागू होंगे।खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक परिवार को एक रुपये प्रति माह की दर से एक किलो चना दाल उपलब्ध कराया जायेगा।टाना भगतों को कपड़ा खरीदने के लिए एक साल में आठ हजार रुपये मिलेंगे। टाना भगतों को साल में दो बार कपड़ों के लिए चार हजार रुपये देने की योजना को मंजूरी दी। टाना भगत परिवार में 25 वर्ष एवं उससे अधिक उम्र के लोगों को सालाना आठ हजार रुपये दिये जायेंगे। कुल 9,221 टाना भगतों को साल में दो बार वस्त्र उपलब्ध कराने पर सालाना 3.68 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
कैबिनेट सचिव वंदना डाडेल ने बताया कि कैबिनेट ने राज्य में रहनेवाले केंद्रीय ओबीसी, पर राज्य के पिछड़े वर्ग में शामिल 36 जातियों को आरक्षण मिलेगा। कैबिनेट ने केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल होनेवाली जातियों (जो राज्य में पिछड़े वर्गों की सूची में सूचीबद्ध हों) को भारत सरकार द्वारा निर्गत आय एवं परिसंपत्ति प्रमाण पत्र अंगीकृत करने के प्रस्ताव पर सहमति दी। इससे राज्य में पिछड़े वर्गों की सूची में शामिल, लेकिन केंद्र की ओबीसी सूची में दर्ज जातियों को भी केंद्र सरकार की सेवाओं में आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों के लिए तय आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। राज्य में ऐसी कुल 36 जातियां हैं. केंद्र सरकार द्वारा निर्गत आय एवं परिसंपत्ति प्रमाण पत्र को राज्य में अंगीकृत नहीं करने के कारण वह आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों के रूप में आरक्षण के लाभ से वंचित थे।
गरीबों को हर महीने एक रुपया में एक किलो चना दाल
गरीबों को एक रुपया प्रति किलो की दर से चना दाल उपलब्ध कराया जायेगा। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम व झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना से आच्छादित सभी परिवारों को हर महीने एक रुपया किलो की दर से एक किलो चना दाल दिया जायेगा। मनरेगा मजदूरों की मजदूरी में वृद्धि करने को मंजूरी मिली है। उनकी न्यूनतम मजदूरी दर में बढ़ोतरी करने के लिए राज्य योजना से अतिरिक्त व्यय की स्वीकृति दी। अब मजदूरों को 237 रुपये प्रतिदिन मजदूरी दिये जायेंगे।
यूनिवर्सिटी को यूनिट मान कर तय होगा शिक्षकों का आरक्षण
कैबिनेट ने यूजीसी एक्ट 2018 में संशोधन के प्रोपोजल को मंजूरी दी। अब झारखंड के यूनिवर्सिटी में शिक्षकों का आरक्षण तय करने के लिए अब कॉलेजों को यूनिट नहीं माना जायेगा। उनकी जगह यूनिवर्सिटी को यूनिट मानकर राज्य सरकार शिक्षकों की नियुक्ति के आरक्षण का निर्धारण करेगी। उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए एक्ट में किये गये संशोधन के मुताबिक संस्थानों की नैक ग्रेडिंग के आधार पर शिक्षण अनुभव प्राप्त करनेवाले कैंडिडेट्स को असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में प्वाइंट मिलेंगे। वहीं, रिसर्च फैकल्टी को प्रोत्साहित करने के लिए प्रोजेक्ट या कंसलटेंसी पर काम करनेवाले शिक्षकों को प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। शिक्षक प्रोन्नति में पीएचडी अनिवार्य होगा।
आठ नये पॉलिटेक्निक कॉलेजों का संचालन करेगा प्रेजा फाउंडेशन
कैबिनेट ने स्टेट के नये पॉलिटेक्निक कॉलेजों का संचालन प्रेजा फाउंडेशन के माध्यम से करने का फैसला किया। ये कॉलेज चतरा, लोहरदगा, खूंटी, जामताड़ा, बगोदर, हजारीबाग, पलामू और गोड्डा में स्थित हैं।