झारखंड: कोरोना काल में काम करने डॉक्टर-नर्स/हेल्थ वर्कर को एक माह की एक्स्ट्रा सैलरी, विधानसभा में हेल्थ मिनिस्टर ने किया एलान
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने फिर से एक बड़ा फैसला किया है। कोरोना संक्रमण काल में अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की सेवा करने वाले वाले स्टेट के हॉस्पीटल में कार्यरत डॉक्टर नर्स पारा मेडिकल समेत तमाम स्वास्थ्य कर्मियों को एक माह का अतिरिक्त वेतन देने का एलान किया है।
- फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स को हेमंत सरकार का गिफ्ट
रांची। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने फिर से एक बड़ा फैसला किया है। कोरोना संक्रमण काल में अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की सेवा करने वाले वाले स्टेट के हॉस्पीटल में कार्यरत डॉक्टर नर्स पारा मेडिकल समेत तमाम स्वास्थ्य कर्मियों को एक माह का अतिरिक्त वेतन देने का एलान किया है।
झारखंड विधानसभा में शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने अमर बाउरी के सवाल के जवाब में सदन को यह भरोसा दिलाया।उन्होंने कहा कि कोरोना योद्धाओं का राज्य सरकार आदर-सम्मन करती है। हम उन योद्धाओं को शीघ्र चिह्नित करेंगे। जान-जोखिम में डालकर लोगों की सेवा करने वाले चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को राज्य सरकार एक माह का अतिरिक्त वेतन देगी। अमर बाउरी ने अल्पसूचित प्रश्न काल में कई राज्यों का हवाला देते हुए कहा था कि वहां डॉक्टर्स व हेल्थ स्टाफ का मनोबल ऊंचा रखने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन के रूप में एक माह का वेतन दे रही है। राज्य सरकार की भी ऐसी कोई मंशा है या नहीं। इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने सदन को यह भरोसा दिलाया।
ने अल्पसूचित प्रश्न काल में कई राज्यों का हवाला देते हुए कहा था कि वहां चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों का मनोबल ऊंचा रखने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन के रूप में एक माह का वेतन दे रही है। राज्य सरकार की भी ऐसी कोई मंशा है या नहीं। इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने सदन को यह भरोसा दिलाया।विधानसभा में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने शुक्रवार को कहा कि बहुत जल्द फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स को एक माह का अतिरिक्त वेतन दिया जाएगा। सरकार कोरोना वॉरियर्स को लेकर अत्यंत गंभीर और संवेदनशील है। सरकार कोरोना योद्धाओं के सम्मान में कोई कमी नहीं आने देगी। कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने में जिन योद्धाओं ने अपने प्राणों की कुर्बानी दी है सरकार उन्हें श्रद्धांजलि देती है।
अमर बाउरी ने कहा कि सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए कोरोना का रोना रोती है, लेकिन उपलब्धियां गिनाते वक्त भी कोरोना की चुनौती का जिक्र करती है। लेकिन सरकार को यह उपलब्धि फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स के कारण ही मिली है। ऐसे में इन्हें नजरअंदाज करना अनुचित होगा।