Jharkhand: आदिवासी को सीएम के रूप में नहीं देखना चाहता विपक्ष : CM हेमंत सोरेन
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने बीजेपी का नाम लिये बगैर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष किसी सूरत में झारखंड में आदिवासी को सीएम के रूप में नहीं देखना चाहता है। अगल राज्य बनने के बाद यहां पहला आदिवासी मुख्यमंत्री बना लेकिन उसे पांच साल भी कुर्सी पर नहीं बैठने दिया गया।
- मजबूती के साथ तीन साल से चला रहे हैं गवर्नमेंट
- विपक्ष रच रही अपदस्थ करने की साजिश
लातेहार। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने बीजेपी का नाम लिये बगैर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष किसी सूरत में झारखंड में आदिवासी को सीएम के रूप में नहीं देखना चाहता है। अगल राज्य बनने के बाद यहां पहला आदिवासी मुख्यमंत्री बना लेकिन उसे पांच साल भी कुर्सी पर नहीं बैठने दिया गया।
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हमारे राज्य में ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां कभी पदाधिकारी नहीं गया। न कभी लोग पदाधिकारी से मिल पाए। मैं खुद बूढा पहाड़ गया। मैंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बूढा पहाड़ में रहने वाले लोगों को विभिन्न योजनाओं का शीघ्र लाभ दें। बूढ़ा पहाड़ अंतर्गत गांवों में मिशन मोड में कार्य करें। pic.twitter.com/VBSQ871K2n
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) February 14, 2023
षडयंत्र कर रहा विपक्ष
लातेहार में मंगलवार को खतियानी जोहार यात्रा को संबोधित करते हुए सीएम हेमंत ने कहा कि आज तीन साल से वह सरकार चला रहे हैं। मजबूती के साथ सरकार चल रही है। हर क्षेत्र में विकास हो रहा है लेकिन विपक्ष सरकार के खिलाफ षड्यंत्र रच रहा है।उन्होंने कहा कि जो लोग गुजरात, महाराष्ट्र और देश को चला रहे हैं, वही बताएं कि झारखंड पिछड़ा क्यों रह गया। बीस साल डबल इंजन की सरकार रहने के बावजूद लोग विकास से वंचित क्यों हैं। हेमंत ने कहा कि राज्य में जनता की चुनी हुई सरकार तीन वर्षों से बेहतर ढंग से चल रही है। लेकिन विपक्ष सरकार को गिराने का षड्यंत्र कर रहा है। जनता ने उनके षड्यंत्रों को कई बार नाकाम कर दिया है।
1942 के बाद पहली बार इस क्षेत्र में स्कूल बना। कल ही मैं नव निर्मित स्कूल देखने गया था। लातेहार में अब डिग्री कॉलेज, प्रशासनिक भवन जैसे अन्य निर्माण भी हुए हैं। हमारी सरकार में सभी की समस्या का समाधान निकलेगा। किसी का पहले तो किसी का बाद में, लेकिन समाधान निकलेगा जरूर। pic.twitter.com/rWpLkSLJ2C
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) February 14, 2023
बूढ़ा पहाड़ पर खींची जायेगी विकास की रेखा
उन्होंने कहा कि आज पहली बार लातेहार जिले के सीमावर्ती बूढ़ा पहाड़ पर पहुंचकर ग्रामीणों के साथ खाना खाकर आया। छह माह के अंदर बूढ़ा पहाड़ पर विकास की लंबी लकीर खींची जाएगी। इस क्षेत्र में सड़क, पुल-पुलिया व रोजगार भी देंगे। सेंट्रल गवर्नमेंट से हम लोग पेंशन के लिए पैसे की मांग की थी लेकिन पैसा नहीं दिया गया। हमारी सरकारी ने पुरानी पेंशन लागू कर सबको सुरक्षित किया है।
वीरों की धरती है झारखंड
उन्होंने कर्मचारियों ने गांव-गांव में जाकर राशन कार्ड समेत कई योजनाओं से ग्रामीणों को जोड़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि खतियानी जोहार यात्रा का 14वां पड़ाव लातेहार में तय हुआ है। इससे पहले 13 जिलों में खतियानी जोहार यात्रा निकल चुकी है।उन्होंने कहा कि झारखंड वीरों की धरती है। भगवान बिरसा मुंडा, सिदो कान्हू, नीलांबर-पीतांबर, चांद-भैरो, तिरंगा खड़िया जैसे अनेक वीर सपूतों ने इसी धरती में जन्म लिया। हमारे पूर्वजों ने जल-जंगल व जमीन की लड़ाई लड़कर झारखंड को अलग राज्य बनाया है। कुछ लोग इसे चारागाह बनाकर रखे हुए थे। 40 वर्ष की उम्र से राजनीतिक कर रहे शिबू सोरेन के संघर्ष व अनेक आंदोलनकारियों के बलिदान के बाद झारखंड मिला है।