Khatiani Johar YatraJharkhand: नक्सल प्रभावित लातेहार में रात गुजारने वाले पहले CM बने हेमंत सोरेन
झारखंड अलग राज्य बनने के बाद नक्सलग्रस्त लातेहार जिला मुख्यालय में रात बिताने वाले हेमंत सोरेन पहले सीएम बन गये हैं। इससे पहले सीएम हेमंत सोरेन ने नक्सलियों की सुरक्षित शरणस्थली रहे बूढ़ा पहाड़ का दौरा कर सुरक्षाबलों का हौसला बढ़ाया था।
- नक्सलग्रस्त जिले में संजीदगी के साथ शाम को कई स्थलों का निरीक्षण किया
- लोगों की समस्याएं सुनी
लातेहार। झारखंड अलग राज्य बनने के बाद नक्सलग्रस्त लातेहार जिला मुख्यालय में रात बिताने वाले हेमंत सोरेन पहले सीएम बन गये हैं। इससे पहले सीएम हेमंत सोरेन ने नक्सलियों की सुरक्षित शरणस्थली रहे बूढ़ा पहाड़ का दौरा कर सुरक्षाबलों का हौसला बढ़ाया था।
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1942 के बाद पहली बार इस क्षेत्र में स्कूल बना। कल ही मैं नव निर्मित स्कूल देखने गया था। लातेहार में अब डिग्री कॉलेज, प्रशासनिक भवन जैसे अन्य निर्माण भी हुए हैं। हमारी सरकार में सभी की समस्या का समाधान निकलेगा। किसी का पहले तो किसी का बाद में, लेकिन समाधान निकलेगा जरूर। pic.twitter.com/rWpLkSLJ2C
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) February 14, 2023
नक्सलग्रस्त लातेहर में निश्चिंतता के साथ बिताई रात
सीएम हेमंत ने नक्सलग्रस्त जिले में संजीदगी के साथ शाम को कई स्थलों का निरीक्षण किया। पूरी निश्चिंतता के साथ रात बिताई। उन्होंने मंगलवार को लातेहार व चतरा जिले की संयुक्त विकास की बैठक ली। इसके बाद खतियानी जोहार यात्रा कार्यक्रम में भी शामिल हुए।सीएम ने लातेहार में रात बिताकर यह संदेश देने का प्रयास किया कि राज्य की हेमंत सरकार जमीन से जुड़ी हुई सरकार है। अब नक्सल समस्या का निदान और विकास कार्य परवान चढ़ रहे हैं। जिले में बीते कुछ सालों के दौरान नक्सली उन्नमूलन और विकास के कई कार्य इस बात का ठोस प्रमाण हैं।
हेमंत के व्यवहार के कायल हुए लोग
सीएम हेमंत सोरेन सोमवर की शाम लातेहार पहुंचे। हेमंत सोरेन ने सदर अस्पताल, छात्रावास व कॉलेज का निरीक्षण किया। आम जनता से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं। निरीक्षणों के दौरान कर्मियों से संवाद की। सर्किट हाउस में विभिन्न संगठनों की से मुलाकात और आम पब्लिक से मुलाकात के दौरान सीएम हेमंत ने सभी से आदर व प्रेम के साथ मुलाकात किया। उत्साह के साथ लोगों के साथ खड़े होकर फोटो भी खिंचवाई।युवा पंचायत प्रतिनिधियों ने समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा तो मौके पर ही उनके पंचायत में कार्यों की जानकारी लेकर सीएम ने उनकी पीठ थपथपाते हुए कई संदेश दिया। युवा सीएम के इस व्यवहार का आम जन में गहरा संदेश गया।हर किसी की जुबां पर सीएम के सरल व्यवहार की चर्चा आम थी।
प्रश्नवाचक भाषण रहा आकर्षण का केंद्र
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री का प्रश्नवाचक भाषण आकर्षण का केंद्र बिंदु बना रहा। सीएम ने अपने संबोधन के दौरान वहां मौजूद लोगों से पूछा कि आप बताएं कि यहां के स्थानीय लोगों को रोजगार मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए..? इस पर जनता की ओर से तालियों की गड़गड़ाहट के साथ जवाब आया रोजगार मिलना चाहिए।सीएम ने पूछा आज विधवा महिलाओं को पेंशन मिल रही है या नहीं..? जनता के बीच से जवाब आया पेंशन मिल रही है। इसी तरह मूलवासी, दलित और अल्पसंख्यकों से जुड़े मामले को उठाकर मुख्यमंत्री ने जनता से जोशीले अंदाज में सवाल किए जिसका जवाब जनता की तरफ से उत्साह के साथ दिया गया।
सीएम ने अपना संबोधन अमर शहीदों पर किया फोकस
सीएम हेमंत सोरेन ने अपने भाषण के दौरान राज्य के लिए प्राणों की आहूती देने वाले नीलांबर-पीतांबर, सिद्धू-कान्हू और बिरसा मुंडा के कृत्यों को याद कर उन्हें नमन किया। राज्य के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि इतिहास उठाकर देख लीजिए झारखंड के हर कोने में कोई न कोई वीर सपूत संघर्ष करता रहा है।हेमंत कहा कि आज हमारे पूर्वजों का संघर्ष ही हमलोगों को बचाकर रखा है। दिशोम गुरू शिबु सोरेन समेत कई लोगों के कड़े संघर्षों से ही झारखंड अलग राज्य का निर्माण हुआ है और इस बार बनी जनता की सरकार राज्य का समुचित विकास कर रही है। मुख्यमंत्री के पूरे भाषण के दौरान झारखंड राज्य का समुचित विकास और राज्य के लिए कुर्बानी देने वालों की जीवनी का मुद्दा छाया रहा।