झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के चुनाव संपन्न, कर्ण कुमार सिंह एवं रमेश उरांव की टीम विजयी

झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन का षष्ठम महाधिवेशन सह केंद्रीय पदाधिकारियों का चुनाव बुधवार की रात्रि नौ बजे पुलिस लाइन धनबाद में संपन्न हो गया। इस चुनाव में भी कर्ण कुमार सिंह एवं रमेश उरांव की टीम को शानदार जीत मिली।

झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के चुनाव संपन्न, कर्ण कुमार सिंह एवं रमेश उरांव की टीम विजयी
कड़ी सुरक्षा के बीच चुनाव परिणाम घोषित।
धनबाद। झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन का षष्ठम महाधिवेशन सह केंद्रीय पदाधिकारियों का चुनाव बुधवार की रात्रि नौ बजे पुलिस लाइन धनबाद में संपन्न हो गया। इस चुनाव में भी कर्ण कुमार सिंह एवं रमेश उरांव की टीम को शानदार जीत मिली।

झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के चुनाव परिणाम गुरुवार को लगभग 12.30 बजे दोपहर को घोषित किया गया। प्रांतीय अध्यक्ष के पद पर कर्ण कुमार सिंह ने दूसरी बार जीत हासिल किया है।  प्रांतीय उपाध्यक्ष के पद पर सबीलूर रहमान खान, संजय राम, मृत्युंजय कुमार, परमेश्वर महतो, प्रदीप टोपो आदि विजयी घोषित हुए हैं। वहीं रमेश उरांव भी दूरी बार प्रदेश महामंत्री बनने में सफल रहे।अमित तिवारी प्रदेश संगठन मंत्री पद पर जीत दर्ज किया। स्टीफन सोरेन, उपेंद्र नाथ मिश्रा, अविनाश कुमार राय, गार्बियल सोरेन, अजय कुमार सिंह, नंद किशोर शर्मा, उपेंद्र कु पांडेय, सरफराज खां, निर्भय राज, जुगल मुंडा, आदि ने संयुक्त महामंत्री पद पर जीत दर्ज किया है।
चुनाव परिणाम घोषित होने पर प्रांतीय अध्यक्ष कर्ण कुमार सिंह ने इस महाधिवेशन में भाग लेने वाले सभी डेलीगेट प्रतिनिधियों को धन्यवाद दिया है। कहा कि सभी का मेहनत रंग लाया है।आगे हमारी टीम आपलोगो से किए वादे को पूरा करने के लिए हमेशा तत्पर दिखेंगे।
चुनाव को लेकर सुबह से ही सभी डेलिगेट पुलिस लाइन पहुंच गये थे। रात नौ बजे मतदान समाप्त हुई। कुल 761 वोट में से 740 वोट से डाले गये। देर रात मतों की गिणती शुरू हुई। चुनाव को लेकर राज्य भर के 740 डेलिगेट मंगलवार की रात ही धनबाद पहुंच चुके थे।
कड़ी सुरक्षा में चुनाव 
झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के चुनाव में कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए जिला पुलिस ने पूरी व्यवस्था कर रखी थी। मदतान केंद्र के अंदर से लेकर बाहर तक सीसीटीवी कैमरे लगाये गये थे। पूरे चुनाव की मॉनेटरिंग के लिए,डीएसपी के साथ साथ सुरक्षा बलों की तैनाती की गयी थी।
सभी डेलिगेट चार-पांच जवानों के साथ आए हुए थे। शांतिपूर्ण चुनाव को लेकर विशेष व्यवस्था की गयी थी। डेलिगेट के अलावा किसी भी जवान को अंदर जाने की अनुमति नहीं थी।