झारखंड: कोरोना संक्रमण काल में अनाथ हुए बच्चों को संरक्षित करना प्राथमिकता: CM हेमंत सोरेन
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि कोरोना संक्रमण काल में अनाथ हुए बच्चों को संरक्षित करना प्राथमिकता है। सीएम रविवार को मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय से "प्रोजेक्ट शिशु" के अंतर्गत कोविड-19 महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों के पुनर्वास के लिए झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) के वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
रांची। सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि कोरोना संक्रमण काल में अनाथ हुए बच्चों को संरक्षित करना प्राथमिकता है। सीएम रविवार को मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय से "प्रोजेक्ट शिशु" के अंतर्गत कोविड-19 महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों के पुनर्वास के लिए झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) के वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
सीएम ने कहा कि "प्रोजेक्ट शिशु" के तहत कोरोना महामारी के दौरान राज्य के वैसे बच्चे, जिन्होंने अपने अभिभावकों को खोया है, उन बच्चों का पुनर्वास करना निश्चित रूप से बहुत ही संवेदनशील और हृदय को छूने वाला कार्य है।सरकार एवं झालसा के प्रयास से संक्रमण काल में अनाथ हुए बच्चों को सहारा दिया जाना तथा सहारा बनने की मुहिम के साथ आगे बढ़ना एक पुनीत कार्य है। कोरोना संक्रमण काल में अनेकों ऐसे बच्चे हैं जिनके जीवन से मां-बाप का साया उठ चुका है। ऐसे बच्चों का भविष्य सुरक्षित करना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी भी है।
जरूरतमंदों की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास
सीएम ने कहा कि अनाथ, गरीब, जरूरतमंद लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास हमेशा से ही किया है। उन्होंने साहिबगंज जिले के बरहेट ब्लॉक एक बच्चे उदय हांसदा का उदाहरण देते हुए कहा कि जब वे उससे मिले तो वह आठ साल का था। किसी कारण से उस बच्चे के माता-पिता और भैया -भाभी की मृत्यु हो गई थी। मैंने ग्रामीणों के सहयोग से उस बच्चे को नानी के देखरेख में रखवाया। आज वह बच्चा 10 साल का हो गया है। पढ़-लिख रहा है। वह बच्चा आज भी हमारी निगरानी में है। राज्य के जरूरतमंद तथा अनाथ बच्चों को पारिवारिक माहौल देने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है।
कोरोना की संभावित थर्ड वेव की तैयारी जोरों पर
सीएम ने कहा कि वैज्ञानिक तथा विशेषज्ञों द्वारा संभावित कोरोना संक्रमण के थर्ड वेव के मद्देनजर सरकार ने पूर्ण रूप से तैयारी करने का कार्य किया है। थर्ड वेव में बच्चों को संक्रमण का ज्यादा खतरा बताया जा रहा है। हॉस्पीटल में शिशु केयर वार्ड बनाकर सभी चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में हुई मौत को देखते हुए राज्य में ग्राम तथा पंचायत स्तर पर डेथ ऑडिट हो रहा है।
चीफ जस्टिस ने शेयर किये अनुभव
इस अवसर पर झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. रविरंजन ने "प्रोजेक्ट शिशु" के तहत हो रहे कार्य तथा अपने अनुभवों को शेयर किया। उन्होंने कई आवश्यक सुझाव तथा किये जा रहे कार्यों के मूल मंत्र को दर्शाया। जस्टिस अपरेश कुमार सिंह ने कोरोना संक्रमण काल में वैसे बच्चे, जिनके जीवन से माता-पिता का साया उठ गया है, उनकी व्यथा को सभी के समक्ष रखा। ऐसे बच्चों के लिए प्रोजेक्ट के तहत झालसा तथा राज्य सरकार के समन्वय से किए जा रहे कार्यों से सभी को अवगत कराया।
मौके पर झारंखंड हाई कोर्ट के जस्टिस चंद्रशेखर, जस्टिस नारायण प्रसाद, चीफ सेकरेटरी सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, विधि विभाग के प्रधान सचिव संजय प्रसाद, महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार, सीएम के सचिव विनय कुमार चौबे, महाधिवक्ता राजीव रंजन, महानिबंधक, हाई कोर्ट तथा नालसा के पदाधिकारीगण, यूनिसेफ के झारखंड प्रमुख प्रसांता दास सहित अन्य वर्चुअल माध्यम से उपस्थित थे।