झारखंड: आम जनता को अबाधित व गुणवत्तायुक्त बिजली उपलब्ध कराएं: CM हेमंत सोरेन, ऊर्जा विभाग की समीक्षा
सीएम हेमंत सोरेन ने बिजली उपभोक्ताओं को अबाधित और गुणवत्ता युक्त बिजली मुहैया कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने को ऊर्जा विभाग की समीक्षा की।
- बिजली उत्पादन बढ़ाने की दिशा में ठोस कदम उठाने का निर्देश
- सोलर पावर और जल विद्युत परियोजनाओं से बिजली उत्पादन के क्षेत्र में भी संभावनाएं तलाशें
रांची। सीएम हेमंत सोरेन ने बिजली उपभोक्ताओं को अबाधित और गुणवत्ता युक्त बिजली मुहैया कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने को ऊर्जा विभाग की समीक्षा की।
सीएम ने समीक्षा बैठक में कहा कि बिजली आज की नितांत जरूरत है। समय के साथ बिजली की खपत बढ़ती जायेगी। ऐसे में भविष्य में बिजली की जरूरतों और मांग का आकलन करते हुए बिजली उत्पादन बढ़ाने की दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है। बिजली उत्पादन के क्षेत्र में राज्य को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में विभाग सभी समुचित कदम उठाएं।
सीएम ने कहा कि आज ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोतों को विकसित करने का समय आ चुका है। ऐसे में स्टेट में सोलर पावर और जल विद्युत परियोजनाओं से बिजली उत्पादन के क्षेत्र में संभावनाएं तलाशी जानी चाहिए। विभाग जल विद्युत परियोजनाओं के लिए सभी जलाशयों का सर्वे करे और उसकी संभावित उत्पादन क्षमता को लेकर कार्य योजना तैयार करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सोलर पावर एनर्जी के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। इसके लिए बड़े पैमाने पर भूमि की जरूरत पड़ती है।ऐसे में सोलर पावर प्लांट को अधिष्ठापित करने के लिए लैंड बैंक बनाया जाएगा। उन्होंने इस दिशा में विभाग को सोलर पावर प्लांट के उत्पादन क्षमता का आकलन करते हुए जमीन की जरूरत का ब्यौरा तैयार करने को कहा।सरकार का उदेश्य राज्य में ज्यादा से ज्यादा सोलर पावर प्लांट अधिष्ठापित करने पर फोकस है।
बिजली का घाटा कम करें, रेवन्यू बढ़ाएं
सीएमने कहा कि बिजली से होने वाला घाटा लगातार बढ़ रहा है। इसे पाटने की दिशा में विभाग समुचित कदम उठाएं। उन्होंने अफसरों को बिजली से राजस्व बढ़ाने का भी निर्देश दिया। विभाग की ओर से सीएम को बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में बिजली परिचालन हानि लगभग 2480 करोड़ रुपये रहा है। इसकी वजह कोरोना के कारण बिजली बिल वसूली का नहीं होना प्रमुख रहा। अफसरों ने कहा कि ऊर्जा विभाग को प्रॉफिट मेकिंग बनाने की दिशा में कार्य योजना तैयार की जा रही है। आने वाले दिनों में झारखंड न सिर्फ बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर होगा, बल्कि बिजली से आमदनी करने में भी सक्षम होगा।
गिरिडीह बनेगा सोलर सिटी, रांची एयरपोर्ट की खाली जमीन पर लगेगा सोलर प्लांट
अफसरों ने बताया कि गिरिडीह जिले को सोलर सिटी के तौर पर विकसित करने की योजना है। राज्य में अधिष्ठापित पावर प्लांट्स की सरकार के साथ एकरारनामे की प्रक्रिया लास्ट फेज में है। इसके तहत नॉर्थ कर्णपुरा से 500 मेगावाट, पीवीयूएनएल से 2040 मेगावाट, फ्लोटिंग सोलर से 100 मेगावाट और अडानी पावर से 400 मेगावाट बिजली मिल सकेगी। स्टेट में वर्तमान में बिजली की औसतन मांग 2050 मेगावाट है। ऊर्जा विभाग ने आनेवाले दिनों में ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन लॉस को 45 प्रतिशत से कम कर 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है।
रांची, जमशेदपुर और धनबाद के शहरी क्षेत्रों में प्री-पेड स्मार्ट मीटर लगाया जायेगा। इसके लिए 6.5 लाख स्मार्ट मीटर खरीदने की प्रक्रिया चल रही है। स्टेट बिना मीटर वाले अथवा खराब मीटर वाले उपभोक्ताओं की संख्या लगभग 15 लाख है। यहां सिंगल फेज मीटर लगाने एवं बदलने का काम इस साल दिसंबर तक पूरा कर लिया जायेगा। ज्रेडा द्वारा देवघर, सिमड़ेगा, पलामू और गढ़वा में 20-20 मेगावाट का सोलर पावर प्लांट अधिष्ठापित किया जाएगा। इसके लिए जमीन आवंटन प्राप्त कर केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय को स्वीकृति के लिए भेजा गया है।
बैठक में चीफ सेकरेटरी सुखदेव सिंह, ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार, सीएम के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, सीएम के सचिव विनय कुमार चौबे, ट्रांसमिशन निगम के प्रबंध निदेशक केके वर्मा, मुख्य अभियंता विजय कुमार सिन्हा, ऋषि नंदन, अंजना शुक्ला दास और संजय सिंह उपस्थित थे।