रांची। साहिबगंज की महिला थानेदार एसआइ रूपा तिर्की की संदिग्ध परिस्थिति में मौत के बाद तत्कालीन साहिबगंज के डीएसपी प्रमोद कुमार मिश्रा की अभद्र टिप्पणी मामले की जांच अब राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) करेगा। आयोग ने यह निर्णय रूपा तिर्की की मां पद्मावती उराइन की शिकायत पत्र पर लिया है।
आयोग ने झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा व रांची के एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा को गत 24 मई को नोटिस भेजकर 30 दिनों के भीतर इस केस से संबंधित दस्तावेज मांगा है। आयोग के नोटिस का ससमय पालन नहीं कराने की स्थिति उन्हें आयोग के सामने सशरीर उपस्थित भी होना पड़ सकता है।रूपा तिर्की की मौत के मामले में वर्ष 2021 की सितंबर महीने में ही सीबीआइ की एसीबी पटना ब्रांच में FIR दर्ज हुई थी। इस मामले का सीबीआइ ही जांच कर रही है। रांची के एससी-एसटी पुलिस स्टेशन में भी दो दिसंबर 2021 को इससे संबंधित एक में FIR दर्ज की गई थी। साहिबगंज के महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की बॉडी तीन मई को उनके सरकारी आवास में रस्सी से लटका हुआ मिला था। रूपा के परिजन घटना के बाद से ही मर्डर की आशंका जता रहे हैं।
रूपा तिर्की की मां ने की है आयोग में कंपलेन
रूपा तिर्की की मां पद्मावती उराइन ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग में यह लिखित शिकायत की थी कि उनकी बेटी की मौत के बाद डीएसपी ने उनकी बेटी का चरित्र हनन किया। इससे संबंधित आडियो भी वायरल हुआ था। उसमें डीएसपी रूपा तिर्की के बारे में अभद्र टिप्पणी करते सुने गये हैं। पद्मावती उराइन ने इससे संबंधित आडियो भी आयोग को भेजा था। इसके बाद ही आयोग ने इस मामले का जांच स्वयं करने का निर्णय लिया है।
पहली रिपोर्ट में सरकार ने दी थी यह जानकारी
झारखंड सरकार की गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने राष्ट्रीय जनजाति आयोग को भेजी गई अपनी रिपोर्ट में बताया था कि रूपा तिर्की की मौत के मामले में साहिबगंज के बोरियो (जिरवाबाड़ी) पुलिस स्टेशन में (यूडी) केस दर्ज किया गया था। मेडिकल बोर्ड ने बॉडी का पोस्टमार्टम किया था। पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराई गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण फांसी लगना आया था। इससे यह पता चला था कि रूपा तिर्की की मर्डर नहीं की गई। पूरा मामला सुसाइड का है। घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए साहिबगंज के डीएसपी हेडक्वार्टर के नेतृत्व में पांच सदस्यीय जांच दल का गठन किया गया था। पांच सदस्यीय जांच दल ने अपनी जांच रिपोर्ट दी थी। इसमें बताया था कि सहयोगी एसआइ शिव कुमार कनौजिया ने रूपा तिर्की की भावनाओं को आहत किया। इसके चलते रूपा तिर्की ने फांसी लगाकर सुसाइड कर ली। इस सुसाइड के लिए प्रथम दृष्टया शिव कुमार कनौजिया जिम्मेवार पाया गया। आरोपित सहयोगी दारोगा शिव कुमार कनौजिया के विरुद्ध साक्ष्य मिलने के बाद उसपर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने संबंधित धारा बोरियो पुलिस स्टेशनके उक्त केस में जोड़ा गया है। वह नौ मई 2021 को अरेस्ट किया गया था। एसआइ कन्नौजिया विरुद्ध पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट भी समर्पित कर दिया है।
शिव कुमार कनौजिया FIR, रूपा के पिता नन FIR एक्युज्ड
टेक्नीकल एवीडें, के आधार पर पुलिस इन्विस्टीगेशन में महिला थानेदार रूपा तिर्की को सुसाइड के लिए प्रेरित करने के आरोपी एसआइ शिव कुमार कनौजिया को FIR एक्युज्ड बनाया गया था। इस केस में पुलिस ने रूपा तिर्की के पिता देवानंद उरांव को नन FIR एक्युज्ड बनाया था। शिव कुमार कनौजिया पर शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित करने, शादी से इन्कार करने आदि के आरोप हैं।
ज्यूडिशियल कमिशन की जांच में भी हो चुकी है सुसाइड की पुष्टि
झारखंड सरकार के निर्देश पर इस पूरे प्रकरण में एक सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था। इस जांच में भी रूपा तिर्की की मौत महज एक सुसाइड साबित हो चुका है। आयोग ने अपनी जांच रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि रूपा तिर्की अपने सहकर्मी एसआइ शिव कुमार कनौजिया से शादी करना चाहती थी। शादी नहीं होता देख वह टेंशन में आ गई और इसी टेंशन में उसने सुसाइड की। ज्यूडिशियल कमिशन की यह रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर भी रखी जा चुकी है।