Jharkhand: सरयू राय ने हेल्थ मिनिस्टर पर लगाया दो सौ करोड़ के जेनरिक दवा घोटाले का आरोप, CBI जांच की मांग
एक्स मिनिस्टर व जमशेदपुर पूर्वी के एमएलए सरयू राय ने गुरुवार को CBI ऑफिस में DIG को एक शिकायत पत्र सौंपा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि झारखंड में जेनरिक दवाओं की खरीद में 150 करोड़ रुपये से दो सौ करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। यह घोटाला दवा निर्माता कंपनियों और स्टेट के हेल्थ मिनिस्टर के बीच साठगांठ के कारण हुआ है।
रांची। एक्स मिनिस्टर व जमशेदपुर पूर्वी के एमएलए सरयू राय ने गुरुवार को CBI ऑफिस में DIG को एक शिकायत पत्र सौंपा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि झारखंड में जेनरिक दवाओं की खरीद में 150 करोड़ रुपये से दो सौ करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। यह घोटाला दवा निर्माता कंपनियों और स्टेट के हेल्थ मिनिस्टर के बीच साठगांठ के कारण हुआ है।
सीबीआई के डीआईजी,राँची से मिला. उनके माध्यम से भारत सरकार की दवा निर्माता कंपनियों और स्वास्थ्य मंत्री,झारखंड की साँठगाँठ से टेंडर में आए न्यूनतम दर से तीन-चार गुना अधिक दर पर जेनेरिक दवाओं की झारखंड में आपूर्ति करने के मामले की जाँच कराने के लिए सीबीआई निदेशक को आरोप पत्र सौंपा.
— Saryu Roy (@roysaryu) February 16, 2023
थोक दवाओं की खरीद के लिए निकाला था टेंडर
सरयू राय ने अपनी कंपलेन में लिखा है कि झारखंड में 2020 के शुरूआत में स्वास्थ्य विभाग ने दवाओं की थोक खरीद के लिए खुला टेंडर निकाला था। न्यूनतम दर वाले सप्लार को विभाग ने सूचित किया कि वे विभाग के साथ निर्धारित दर पर दवा सप्लाई का एग्रीमेंट करें व जल्द दवा की सप्लाई करें।
हेल्थ मिनिस्टर ने कंपनियों को किया प्रभावित
इसी बीच भारत सरकार की दवा निर्माता कंपनियों ने हेल्थ मिनिस्टर को प्रभावित किया कि विभाग उनसे दवा खरीदे। मिनिस्टर ने टेंडर से निर्धारित न्यूनतम दर पर दवा नहीं खरीद कर विभाग में एक संलेख तैयार करवाया कि भारत सरकार की पांच दवा निर्माता कंपनियों से उनके निर्धारित दर पर दवा खरीदी जाए।
कंपनियों को फायदा पहुंचाया
यह संलेख मंत्रिपरिषद में भेजकर स्वीकृति लिया। टेंडर रेट से तीन-चार गुणा अधिक दर पर दवा खरीदकर उन कंपनियों को फायदा पहुंचाया। इसके कारण सरकारी खजाना को 150 से 200 करोड़ या इससे अधिक राशि का नुकसान पहुंचा।
CBI से जांच की मांग
सरयू राय ने CBI डायरेक्टर से मांग की है कि वे भारत सरकार की दवा निर्माता कंपनियों की झारखंड के हेल्थ मिनिस्टर से मिलीभगत एवं सरकारी धन की हेराफेरी कराने में भूमिका की जांच कराएं। सीबीआई यह भी जांच कराए कि जब दवा खरीद का टेंडर झारखंड में निकला तब भारत सरकार की इन दवा निर्माता कंपनियों ने उक्त टेंडर में भाग क्यों नहीं लिया। बाद में सस्ते दर पर दवा खरीद रोक कर अपनी दवायें महंगे दर पर क्यों बेची।