झारखंड: सब इंस्पेक्टर ने केस डायरी व एवीडेंस से छेड़छाड़ कर एक्स मिनिस्टर को योगेंद्र साव को फंसाया, दो आईओ के खिलाफ FIR
चतरा जिले के टंडवा में एसआइ गौरी शंकर तिवारी और सत्येन्द्र कुमार सिंह ने केस डायरी व एवीडेंस से छेड़छाड़ कर एक्स मिनिस्टर योगेंद्र साव को फंसाया है। श्री साव के खिलाफ दर्ज दो एफआइआर की इन्विस्टीगेशन कर रहे दोनों आइओ के खिलाफ टंडवा पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज की गई है।
रांची। चतरा जिले के टंडवा में एसआइ गौरी शंकर तिवारी और सत्येन्द्र कुमार सिंह ने केस डायरी व एवीडेंस से छेड़छाड़ कर एक्स मिनिस्टर योगेंद्र साव को फंसाया है। श्री साव के खिलाफ दर्ज दो एफआइआर की इन्विस्टीगेशन कर रहे दोनों आइओ के खिलाफ टंडवा पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज की गई है।
उक्त दोनों केस वर्ष 2015 का है। इसमें कांड संख्या 90/15 और 91 /15 के आइओ के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है। एसआइ गौरी शंकर तिवारी और सत्येन्द्र कुमार सिंह (अब रिटायर) पर केस डायरी और तथ्यों से छेड़छाड़ के आरोपों की पुष्टि हुई है। सीआइडी के तत्कालीन एडीजी अनिल पालटा ने रिव्यू के बाद इन्हें दोषी पाया। एडीजी ने चतरा के एसपी को कार्रवाई का आदेश दिया था।
आम्रपाली कोल परियोजना के विस्थापितों के आंदोलन से संबंधित है मामला
मामला वर्ष 2015 में सीसीएल के आम्रपाली कोल परियोजना के विस्थापितों के आंदोलन से संबंधित है। वहां के विस्थापित भूमि अधिग्रहण में अनियमितता को लेकर आंदोलन कर रहे थे। इस मामले में टंडवा पुलिस स्टेशन मेंदर्ज मामले में एक्स मिनिस्टर योगेंद्र साव को भी आरोपित बनाया गया था। श्री साव ने घटना के बाद से लगातार यह आरोप लगाते रहे कि तत्कालीन सीएम रघुवर दास ने सत्ता का दुरुपयोग कर उनके खिलाफ झूठा केस दर्ज करवाया। वे इसकी जांच सीआइडी से कराने की मांग पिछले कई सालों से करते आ रहे हैं।
वर्तमान सरकार ने उनसे संबंधित पांच मामलों की जांच सीआइडी से कराने का आदेश दिया था। छानबीन में पता चला कि टंडवा पुलिस स्टेशनकांड संख्या 90/15 तथा 91/15 के आइओ ने केस डायरी को ही बदल दिया है। इसके आलोक में सीआइडी अनुसंधान के आधार पर पुलिस मुख्यालय ने चतरा के एसपी को कार्रवाई का आदेश दिया था। इसके बाद ही टंडवा पुलिस स्टेशन में दोनों तत्कालीन आइओ के खिलाफ टंडवा पुलिस स्टेशन में केस संख्या 81/2021 आईपीसी की सेक्शन 420/201/34 के तहत दर्ज किया गया है।
एमएलए अंबा प्रसाद ने रघुवर पर लगाया आरोप
बड़कागांव एमएलए अंबा प्रसाद का कहना है कि उनके पिता एक्स मिनिस्टर योगेंद्र साव तथा उनकी मां एक्स एमएलए निर्मला देवी सहित मेरे पूरे परिवार पर जितने भी मामले दर्ज किये गये सभी गलत हैं। चाहे वो केरेडारी थाना कांड सं 33/12 हो या अन्य थानों में दर्ज मामले, सभी पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर तथा पद एवं सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करते हुए एक्स सीएम के इशारे पर किया गया है। इसी तरह बड़कागांव थाना में भी कई झूठे मामले दर्ज कर एक्स मिनिस्टर के ऊपर क्राइम कंट्रोल एक्ट लगाकर जेल भेजा गया है।
बड़कागांव में पुलिस की गोली से घायल लोगों ने कोर्ट में केस किया था। उक्त केस में भी आईओ ने तथ्य की भूल बताकर केस डायरी को बंद कर दिया। इससे प्रतीत होता है कि इन सारे मामलों में योगेंद्र साव तथा उनके पूरे परिवार को फंसाया गया है। अब देखना यह है कि क्या सीआइडी अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई तथा निर्दोषों को दोष मुक्त करती है या आर्थिक लाभ लेकर इस तरह के झूठे मामले दर्ज कर केस डायरी में फेरबदल करने वाले पुलिस कर्मियों को बचाती है।
एमएलए अंबा प्रसाद ने सीएम व चीफ सेकरटेरी को दिया था ज्ञापन
बड़कागांव एमएलए अंबा प्रसाद ने सीएम व चीफ सेकरटेरी को 30 अप्रैल 2020 को को ज्ञापन सौंपा था। उन्होंने अपने पिता योगेंद्र साव के खिलाफ दर्ज मामले की समीक्षा का अनुरोध किया था। वर्ष 2015 में योगेंद्र साव के खिलाफ कांड संख्या 90/2015, 91/2015 ,92/2015 ,93/2015 और 97/2015 दर्ज किया गया है. इसके अलावा बड़कागांव थाना में कांड संख्या 158/2010, 167/2015 और साल 2016 में 122, 123, 225, 226 और दर्ज हैं। इन सभी मामलों की जांच की मांग की गई थी।
पुलिस अफसरों ने केस की सही जांच नहीं की
आरोप है कि पुलिस अफसरों ने सही तरीके से इन्विस्टीगेशन नहीं किया। अन्य मामलों में पुलिस के पास पुख्ता सबूत के तौर पर कुछ नहीं है। इस मामले में अनुशंसा की गई है कि उस समय जो हजारीबाग और चतरा में पुलिस अफसर थे उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। योगेंद्र साव के खिलाफ दर्ज मामले की जांच जारी है।पुलिस हे़डक्वार्टर को सीआईडी के द्वारा जो रिपोर्ट भेजी गई है उसमें पांच मामलों की समीक्षा की गई है। इन मामलों के दस्तावेज की जांच की जा रही है।