Jharkhand: DGP नियुक्ति में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनदेखी: बीजेपी
झारखंड में डीजीपी नियुक्ति मामले में बीजेपी व जेएमएम में ठन गयी है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के आरोपों पर जेएमम प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने पलटवार करते हुए कहा था कि कई राज्यों की नीतियों का अध्ययन करने के बाद राज्य मंत्रिपरिषद ने एक निर्णय लिया था और उसी के आलोक में डीजीपी की नियुक्ति हुई है। अब बीजेपी के प्रवक्ता अजय साह ने झामुमो पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि आईपीएस अफसर अनुराग गुप्ता की नियुक्ति असंवैधानिक तरीके से की गयी है।
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रांची। झारखंड में डीजीपी नियुक्ति मामले में बीजेपी व जेएमएम में ठन गयी है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के आरोपों पर जेएमम प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने पलटवार करते हुए कहा था कि कई राज्यों की नीतियों का अध्ययन करने के बाद राज्य मंत्रिपरिषद ने एक निर्णय लिया था और उसी के आलोक में डीजीपी की नियुक्ति हुई है। अब बीजेपी के प्रवक्ता अजय साह ने झामुमो पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि आईपीएस अफसर अनुराग गुप्ता की नियुक्ति असंवैधानिक तरीके से की गयी है।
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अजय साह ने बीजेपी ऑफिस मे आयोजित प्रेस कांफ्रेस में कहा कि सत्ताधारी दल जेएमएम के प्रवक्ता पर तथ्यहीन और गोल-मटोल जवाब दे रहे हैं। जेएमएम व्यक्तिगत टिप्पणी छोड़कर सरकार मुद्दों पर बात करें। अजय साह ने डीजीपी अनुराग गुप्ता के समर्थन में झामुमो द्वारा दिये गये बयान प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि झामुमो के प्रवक्ता मूल मुद्दों पर जवाब देने के बजाय केवल बाबूलाल मरांडी पर व्यक्तिगत कटाक्ष किया। इससे यह स्पष्ट होता है कि झामुमो भी इस सच्चाई को स्वीकार कर चुका है कि अनुराग गुप्ता की झारखंड के डीजीपी के रूप में नियुक्ति पूरी तरह असंवैधानिक है।बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि डीजीपी की नियुक्ति प्रक्रिया में यूपीएससी की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि यह एक संवैधानिक संस्था है। सुप्रीम कोर्ट ने यूपीएससी को डीजीपी चयन प्रक्रिया के लिए अधिकृत किया है।
नियमों की हुई अनदेखी
उन्होंने कहा कि यूपीएससी के सदस्य को चयन पैनल में शामिल किए बिना डीजीपी की नियुक्ति करना संविधान का सीधा उल्लंघन है। प्रकाश सिंह केस के बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि डीजीपी की नियुक्ति केवल यूपीएससी पैनल की सिफारिशों के आधार पर ही होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस संवैधानिक उल्लंघन को छिपाने के लिए गोल-मोल बातें कर रही है। जबकि यह एक गंभीर मामला है। इस पर पारदर्शी जवाब दिया जाना चाहिए।
आईपीएस अफसर को सेवा विस्तार की शक्ति सेंट्रल गवर्नमेंट के पास
अजय साह ने कहा कि डीजीपी पद पर नियुक्ति के लिए सेवा विस्तार या सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाने की पूरी शक्ति केंद्र सरकार के पास होती है। हालांकि, झामुमो प्रवक्ता ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे केवल तथ्यों को तोड़-मरोड़कर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में डीजीपी की नियुक्ति नियम विरुद्ध नहीं
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा शासित राज्यों मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड में हाल ही में डीजीपी की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुरूप यूपीएससी पैनल के माध्यम से की गयी है। जेएमएम प्रवक्ता को उत्तर प्रदेश का ठीक से अध्ययन करना चाहिए। उत्तर प्रदेश सरकार ने नियम विरुद्ध डीजीपी की नियुक्ति नहीं की है।बीजेपी शासित मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड में हाल ही में डीजीपी की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुरूप यूपीएससी पैनल के माध्यम से की गयी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने नियम विरुद जाकर डीजीपी की ऐसी कोई भी नियुक्ति नहीं की है। झारखंड सरकार लगातार संवैधानिक प्रावधानों और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि हेमंत सरकार खुद को संविधान और सुप्रीम कोर्ट से ऊपर मान रही है। अपने फैसलों में कानूनी प्रक्रियाओं को पूरी तरह दरकिनार कर रही है।