Jharkhand: डीजीपी अनुराग गुप्ता के खिलाफ बाबूलाल का बयान वैश्य-ओबीसी विरोधी: महेश्वर साहू
झारखंड के नवनियुक्त डीजीपी आईपीएस अफसर अनुराग गुप्ता के खिलाफ झारखंड बीजेपी के प्रसिडेंट बाबूलाल मरांडी का वाश्य मोर्चा ने विरोध किया है। झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा ने एक्स सीएम बाबूलाल मरांडी से कहा है कि वे अपना बयान वापस लें। डीजीपी अनुराग गुप्ता के खिलाफ दिये गये बयान के लिए माफी मांगें।
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- बाबूलाल, बयान वापस लें, वरना सड़कों पर होगा विरोध
- शीशे के घर में रहने वाले दूसरों के घरों में पत्थर नहीं मारते
रांची। झारखंड के नवनियुक्त डीजीपी आईपीएस अफसर अनुराग गुप्ता के खिलाफ झारखंड बीजेपी के प्रसिडेंट बाबूलाल मरांडी का वैश्य मोर्चा ने विरोध किया है। झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा ने एक्स सीएम बाबूलाल मरांडी से कहा है कि वे अपना बयान वापस लें। डीजीपी अनुराग गुप्ता के खिलाफ दिये गये बयान के लिए माफी मांगें।
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इस्तीफा देकर राजधनवार से दोबारा चुनाव जीत कर दिखाएं
वैश्य मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष महेश्वर साहु ने बाबूलाल मरांडी के बयान का विरोध करते हुए कहा कि वे वैश्य समाज के खिलाफ हैं। हमें उनके बयान का विरोध करना पड़ेगा। वैश्य मोर्चा ने मरांडी को चुनौती दी कि वे विधायक पद से इस्तीफा देकर दोबारा चुनाव लड़ें और जीतकर दिखायें। अगर मरांडी अपने बयान को वापस नहीं लेते हैं, तो हम सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
वैश्य मोर्चा ने कहा है कि बाबूलाल मरांडी अपने समाज के नेता तो रहे नहीं, पिछले दो चुनाव लोकसभा एवं विधानसभा में यह साबित हो चुका है। वे अन्य वर्ग को भी ऊल-जलूल बयान देकर नाराज कर रहे हैं, ताकि चर्चा में बने रहें। लेकिन बाबूलाल जी यह नहीं समझ पा रहे हैं कि वे अपने ही पैर में कुल्हाड़ी मार रहे हैं। अभी वे राजधनवार से सीट से वैश्य और ओबीसी समाज के वोट से वे विधायक बन सके हैं।
अनुराग गुप्ता को आखिर क्यों बनाया जा रहा निशाना
वैश्य मोर्चा ने कहा है कि बाबूलाल मरांडी ने विभिन्न कथित संदर्भों के जरिए डीजीपी अनुराग गुप्ता की नियुक्ति को गलत बताया है। राज्य सरकार पर सवाल खड़ा किया है। लेकिन उन्हें उत्तर प्रदेश के सरकारी गजट (8 नवंबर 2024 को जारी) को भी पढ़ लेना चाहिए। क्या वे यही सवाल उत्तर प्रदेश सरकार से करने की हिम्मत रखते हैं? उत्तर प्रदेश एवं अन्य कई राज्यों में यही व्यवस्था की गयी है तो झारखंड में अनुराग गुप्ता को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है, इसलिए कि वे वैश्य समाज से आते हैं।
बाबूलाल मरांडी वैश्य एवं ओबीसी विरोधी
वैश्य मोर्चा ने आरोप लगाया है कि बाबूलाल मरांडी हमेशा से वैश्य एवं ओबीसी विरोधी रहे हैं। बाबूलाल मरांडी जब वर्ष 2000 में अलग राज्य बनने के बाद प्रथम मुख्यमंत्री बने थे तो उन्होंने ही ओबीसी का आरक्षण 27% से घटाकर 14% कर दिया था। जिसका खामियाजा आज भी ओबीसी वर्ग को भुगतना पड़ रहा है। हर सरकारी बहाली में ओबीसी को 13% का नुकसान उठाना पड़ रहा है। पिछले 24 वर्षों में कई लाख ओबीसी समाज की नौकरी को अन्य के खाते में डाल दिया है।
रघुवर दास को राजनीति से दूर करने का किया उपाय
वैश्य मोर्चा ने आरोप लगाया है कि बाबूलाल मरांडी का वैश्य ओबीसी विरोधी चेहरा तो इसी से साबित हो जाता है कि वे अपने वर्तमान दल के सबसे कद्दावर नेता एवं पूरे पांच साल तक सरकार चलाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को झारखंड की राजनीति से दूर करने के लिए हर उपाय करते रहे हैं। बीजेपी में शामिल हुए झारखंड के अगुआ आंदोलनकारी सूरज मंडल को हाशिए पर रखा है। वैश्य मोर्चा उन्हें चुनौती देती है कि बाबूलाल मरांडी को खुद के बड़े नेता होने और जनाधार का इतना ही गुमान है तो तत्काल विधायक पद से इस्तीफा देकर दोबारा चुनाव लड़कर और जीतकर दिखाना चाहिए, उन्हें पता चल जायेगा कि वे कितने लोकप्रिय हैं।
बाबूलाल अपना बयान वापस लें नहीं तो होगा सड़क पर विरोध
झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा ने कहा है कि बाबूलाल मरांडी अपने दिये गये बयान को जल्द वापस नहीं लेते हैं तो सगंठन सड़कों पर उतर कर विरोध जतायेगी। मरांडी कैसे-कैसे लोगों को संरक्षण दे रहे हैं, इसका खुलासा किया जायेगा। उन्हें यह पता होना चाहिए कि शीशे के घर में रहने वाले दूसरों के घरों में पत्थर नहीं मारते हैं।