झारखंड: पंचायती राज की शक्तियां प्रशासकीय समिति के जिम्मे, मुखिया होंगे प्रसिडेंट, छह माह तक प्रभावी रहेगी कार्यकारी समिति
झारखंड में पंचायत चुनाव की पांच वर्ष पूरा होने के बाद त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाएं विघटित हो गई हैं। गवर्नमेंट ने स्टेट में फिलहाल मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए राज्य सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्था के तहत कार्यकारी समिति का गठन कर पंचायती राज शक्तियों को प्रशासकीय समिति के जिम्मे कर दिया है।
- जिलों के डीसी गठित करेंगे समिति
- झारखंड में मुखियाओं का सम्मान बना रहेगा
- कार्यकारी समिति के अध्यक्ष होंगे, अधिकतम छह माह या पंचायत चुनाव तक कार्यकारी समिति प्रभावी रहेगी
रांची। झारखंड में पंचायत चुनाव की पांच वर्ष पूरा होने के बाद त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाएं विघटित हो गई हैं। गवर्नमेंट ने स्टेट में फिलहाल मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए राज्य सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्था के तहत कार्यकारी समिति का गठन कर पंचायती राज शक्तियों को प्रशासकीय समिति के जिम्मे कर दिया है।
स्टेट गवर्नमेंट ने नई व्यवस्था के तहत मुखिया, पंचायत समिति के प्रमुख और जिला परिषद के अध्यक्ष के सम्मान को बनाये रखा है।ग्राम, पंचायत और जिला परिषद के स्तर पर समितियों के संचालन की कमान क्रमश: मुखिया, पंचायत समिति के प्रमुख और जिला परिषद के अध्यक्ष को सौंपी गई है। बतौर प्रमुख यह समितियां साझा निर्णयों के आधार पर ही कोई फैसला लेगी। समिति का कार्यकाल अधिकतम छह माह या चुनाव होने तक का होगा। ग्रामीण विकास विभाग, (पंचायती राज) ने इस संदर्भ में गुरुवार को नोटिफिकेशन जारी कर दी है।
ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से विमर्श के बाद शक्तियों को प्रशासकीय समिति के जिम्मे करते हुए पंचायत प्रतिनिधियों को नये साल में बड़ा तोहफा दिया है। पंचायती राज अधिनियम की धारा 107 (4) के तहत समिति का गठन करते हुए इसे पुनर्बहाल किया गया है। ग्रामीण विकास मंत्री ने विश्वास जताया है कि सरकार के इस निर्णय से राज्य में विकास की गति तेज होगी।
संबंधित जिले में डीसी लेवल से कार्यकारी समिति का गठन किया जायेगा। ग्राम स्तर पर गठित कार्यकारी समिति अध्यक्ष का नाम मुखिया के स्थान पर प्रधान कार्यकारी समिति ग्राम पंचायत रहेगा। वहीं, पंचायत स्तर पर कार्यकारी समिति के प्रमुख के का नाम प्रधान कार्यकारी समिति, पंचायत समिति रहेगा। इसी प्रकार जिला परिषद के स्थान पर कार्यकारी समिति के अध्यक्ष का पदनाम प्रधान कार्यकारी समिति, जिला परिषद होगा।
ऐसा होगा समिति का स्वरूप
ग्राम पंचायत
अध्यक्ष : विघटित पंचायत के मुखिया
मेंबर : विघटित पंचायत के सभी निर्वाचित वार्ड सदस्य, प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी, प्रखंड समन्वयक, अंचल निरीक्षक और बीडीओ द्वारा नामित ग्राम पंचायत क्षेत्र का निवासी, तथा राज्य, केंद्र, रेल सार्वजनिक उपक्रम से सेवानिवृत्त कोई व्यक्ति। अनुसूचित क्षेत्रों में भी इसी प्रकार की कार्यकारी समिति का गठन होगा। इसमें सदस्य के तौर पर ग्राम पंचायत के अंतर्गत सभी पांरपरिक प्रधान चाहे उन्हें किसी भी नाम से जाना जाता हो।
पंचायत समिति
अध्यक्ष : विघटित पंचायत समिति के प्रमुख।
मेंबर : विघटित पंचायत समिति के विघटन की तिथि को झारखंड पंचायत राज अधिनियम की धारा 33 के अनुसार सदस्य रहे व्यक्ति, जिला पंचायत राज पदाधिकारी,,संबंधित प्रखंड क्षेत्र के अनुमंडल पदाधिकारी व अंचल पदाधिकारी।
जिला परिषद
अध्यक्ष : विघटित जिला परिषद अध्यक्ष।
सदस्य : विघटित जिला परिषद के विघटन की तिथि को झारखंड पंचायती राज अधिनियम की धारा 49 के अनुसार सदस्य रहे व्यक्ति। कार्यकारी पदाधिकारी, जिला परिषद, निदेशक ग्रामीण विकास अभिकरण, परियोजना निदेशक आइटीडीए और उनकी अनुपस्थिति में जिला कल्याण पदाधिकारी।