Jharkhand: गिरीडीह के उसरी फॉल में नहाने गये दो युवकों की डूबने से मौत
झारखंड के गिरिडीह के उसरी फॉल में रविवार को डूबने से दो युवकों की मौत हो गयी है। दोनों युवक देवघर निवासी पवन गुप्ता (20) और दीपक वर्मा (20) के रूप में हुई है। देवघर से नौ युवकों की टोली उसरी फॉल में नहाने आये थे। इस दौरान गहराई में चले जाने की वजह से पत्थर में फंसकर दो की मौत हो गई।
गिरिडीह। झारखंड के गिरिडीह के उसरी फॉल में रविवार को डूबने से दो युवकों की मौत हो गयी है। दोनों युवक देवघर निवासी पवन गुप्ता (20) और दीपक वर्मा (20) के रूप में हुई है। देवघर से नौ युवकों की टोली उसरी फॉल में नहाने आये थे। इस दौरान गहराई में चले जाने की वजह से पत्थर में फंसकर दो की मौत हो गई।
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अन्य लड़कों ने जब शोर मचाना शुरू किया तो मौजूद लोकल लोग मदद के लिए दौड़े। लगभग पौने घंटे की मशक्कत के बाद दोनों युवकों की बॉडी फॉल से बाहर निकाला गया। पवन ने इसी वर्ष इंटरमीडिएट की परीक्षा दी थी, जबकि दीपक एएन कॉलेज देवघर में इंटरमीडिएट का छात्र था।हादसे की सूचना मिलने पर गिरिडीह मुफस्सिल थानेदार श्याम किशोर महतो भी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। दोनों युवकों के परिजन को फोन पर घटना की जानकारी दी। वहीं कागजी कार्रवाई पूरी कर दोनों बॉडी को पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया।
ऐसे हुआ हादसा
बताया जाता है कि देवघर से नौ लड़के कोचिंग संचालक सोनू गुप्ता के नेतृत्व में उसरी फॉल घूमने आए थे। यहां नहाने के क्रम में दो युवक गहरे पानी में चले गये। उसरी फॉल संचालन समिति के अध्यक्ष कौलेश्वर सोरेन ने बताया कि गहरे पानी में जाने की वजह से दोनों लड़के डूबने लगे। संभवतः उनका पैर भी पानी के अंदर पत्थर में फंस गया। हो-हल्ला सुनकर गंगापुर निवासी मुनीलाल सोरेन, मंझलाडीह के अशोक राय समय अन्य युवक मौके पर पहुंचे। वहां गहराई अधिक होने की वजह से मुफस्सिल थानेदार को मामले की सूचना दी गई।पुलिस से गोताखोर को बुलाने की मांग की गई, लेकिन फिर लोकल युवकों ने ही साहस दिखाते हुए दोनों को बाहर निकाल लिया। जिस जगह यह दोनों युवक डूबे, वहां करीब 20-22 फीट पानी जमा है।
सात खटिया के रूप में जाना जाता है स्पॉट
जिस जगह यह हादसा हुआ, उस स्पॉट को लोकल लोग सात खाटिया के रूप में पहचानते हैं। लोकल लोगों के अनुसार, एक समय में यहां इतना पानी था कि साथ खटिया की रस्सी भी गहराई नापने के लिए कम पड़ जाती थी। हालांकि समय के साथ मिट्टी और गाद भरता गया। गहराई कम होती चली गई। आज भी यहां 25 फीट से अधिक पानी गर्मी के मौसम में भी रहता है। लोकल लोगों के अनुसार, बाहर से घूमने आने वालों को फॉल की गहराई का अंदाजा नहीं होता और जिसके कारण नहाते समय गहरे पानी में जाकर वह जान गंवा देते हैं। जहां हादसा हुआ है, वहां किसी तरह की फेंसिंग आदि भी नहीं है, जिससे लोगों को सचेत किया जा सके।