झारखंड: ब्यूरोक्रैट्स के ब्लैकमनी इन्वेस्ट कराने वाला दलाल है विशाल चौधरी, ED की पूछताछ में खुलेगा IAS-IPS का राज
झारखंड की सस्पेंड आइएएस अफसर व एक्स माइंस व इंडस्ट्री पूजा सिंघल पर ईडीकी नकेल कसने के बाद स्टेट में ब्यूरोक्रेट्स - दलाल सिंडिकेट की परत दर परत खुलती जा रही है। इस सिंडिकेट में अब तक सबसे बड़ा नाम विशाल चौधरी का ही है। ईडी की टीम ने मंगलवार की दिनभर की रेड के बाद विशाल चौधरी को कस्टडी में ले लिया था, पूछताछ के बाद देर रात उसे छोड़ दिया है।
- जब्त कागजात में मिले लेन-देन के अहम एवीडेंस
- ED के रडार पर स्टेट के कई ब्यूरोक्रैट्स
- रियल स्टेट, कौशल विकास, स्वास्थ्य, उत्पाद विभाग से जुड़े कारोबार करता था विकाश
रांची। झारखंड की सस्पेंड आइएएस अफसर व एक्स माइंस व इंडस्ट्री पूजा सिंघल पर ईडीकी नकेल कसने के बाद स्टेट में ब्यूरोक्रेट्स - दलाल सिंडिकेट की परत दर परत खुलती जा रही है। इस सिंडिकेट में अब तक सबसे बड़ा नाम विशाल चौधरी का ही है। ईडी की टीम ने मंगलवार की दिनभर की रेड के बाद विशाल चौधरी को कस्टडी में ले लिया था, पूछताछ के बाद देर रात उसे छोड़ दिया है।
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ईडी की टीम विशाल के आवास से चार बैग दस्तावेज जब्त कर साथ लेकर गई है, जिसकी छानबीन चल रही है। विशाल चौधरी को कहा गया है कि जब भी ईडी को जरूरत पड़ेगी, उसे हाजिर होना पड़ेगा। इसी शर्त के साथ फिलहाल उसे छोड़ा गया है।झारखंड के ब्यूरोक्रैट्स और उनके ब्लैक मनी का इन्वेस्ट करने वाले विशाल चौधरी पर ईडी का शिकंज कस गया है। विशाल चौधरी से पहले सीए सुमन सिंह के पास से 19.31 करोड़ रुपये कैस मिले थे। अब ब्यूरोक्रैट्स का खासमखास विशाल चौधरी की करतूत सामने आ गयी है। विशाल ने अफसरों की हर तरह से सेवा के एवज में अकूत संपत्ति बनाई। विशाल चौधरी हाई लेवल अफसरों के बीच खासी पैठ-पहचान बना ली। ब्यूरोक्रैट्स के दो नंबर के पैसे का सबसे बड़ा दलाल बन गया है।
ईडी की सोर्सेज का कहना है कि विशाल चौधरी ब्यूरोक्रेट्स के ब्लैक मनी खपाने से लेकर उनकी मौज-मस्ती का पूरा इंतजाम करता था। विशाल चौधरी कितना शातिर है इसका अंदाजा इस बात से लगता है कि जब ईडी के अफसरों ने इसके ठिकाने पर धावा बोला, तो इसने अपना लाखों रुपये का एप्पल मोबाइल फोन एक झटके में कचरे के डिब्बे में फेंक दिया। ईडी को विशाल चौधरी से कई अहम सबूत हाथ लगे हैं। हाल के दिनों में 10 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन संबंधी दस्तावेज हासिल करने में भी ईडी सफल रही है।
बताया जाता है कि विशाल चौधरी से पूछताछ में झारखंड के आधा दर्जन से अधिक आइएएस और आइपीएस अफसरों के ब्लैक मनी की पोल खुल सकती है। स्टेट गवर्नमेंट में बड़े पोस्ट पर पोस्टेड एक सीनियर आइएएस अफसर से उसका बेहद करीबी रिश्ता है। वह उनके ऑफिस व आवास पर अक्सर देखा जाता रहा है। कई आइएएस और आइपीएस अफसर विशाल चौधरी से बराबर मिलते रहे हैं। ईडी का मानना है कि विशाल से पूछताछ में कई अहम सुराग मिल सकते हैं। जिससे बड़े अफसरों की गर्दन फंस सकती है।विशाल चौधरी ब्लैक मनी पर विदेशों में जाकर खूब ऐश-मौज करता था। अपना काम कराने के लिए वह प्रभावी अफसरों को जगह-जगह पर मनचाहे तरीके से उपकृत करता था। विशाल चौधरी के यहां ट्रांसफर-पोस्टिंग से लेकर टेंडर मैनेज करने वालों की भीड़ लगी रहती है। उसने दो साल में विदेश दौरे पर लगभग तीन करोड़ रुपये खर्च किये हैं।
झारखंड में ब्यूरोक्रैट्स ब्लैक मनी का बड़ा इन्वेस्टर है विशाल
झारखंड में ब्लैक मनी का बड़ा इन्वेस्टर विशाल चौधरी प्रदेश में कौशल विकास के कार्यक्रम भी आयोजित कराता है। इसमें स्टेट के एक सीनीयर आइएएस अफसर उसकी खबू मदद करते रहे हैं। बताया जाता है कि इस आइएएस अफसर ने ही विशाल को कागज पर लोगों को हुनरमंद बनाने का हुनर उसे सिखाया है। फिलहाल ये अफसर साउथ इंडिया में एक स्टेट के टाउन में पोस्टेड हैं। वह झारखंड पर डिपुटेशन आये थे। ईडी की रेड में मिले गोपनीय दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। संभवाना है अगले एक-दो दिनों में ईडी कुछ और बड़ा, चौंकाने वाला एवीडेंस सामने ला सकती है।
जब्त कागजात में मिले लेन-देन के अहम एवीडेंस, ED के रडार पर कई ब्यूरोक्रैट्स
ईडी को आशंका है कि अपने कई कंपनियों के जरिए विशाल ने भी मनी लाउंड्रिंग की है। ईडी की टीम ने कई बैंक अकाउंट्स, निवेश संबंधी कागजातों की पड़ताल इस दौरान की। ईडी अब सरकार में सप्लाइ, कंट्रेक्टर के पहलुओं पर भी जांच कर रही है। हालांकि पूछताछ के बाद ईडी ने विशाल को छोड़ दिया।
बेटे के जन्मदिन पर विदेश जाने वाला था विकास
ईडी सोर्सेज के अनुसार दो साल में विशाल तुर्की, स्वीट्जरलैंड, श्रीलंका, दुबई आदि देशों में जा चुका है। वह इसी वीक के लास्ट में बेटे के जन्मदिन पर विदेश जाने की तैयारी में था। नोएडा व नैनिताल में होटल खरीदने की भी चर्चा है। वहीं, मुजफ्फरपुर में उसने पिता के लिए फर्नीचर का बड़ा शोरूम खोला है।विशाल ने कोविड के दौरान मेडिकल किट की सप्लाई कर करोड़ों की कमायी की है। रेड के बाद जब्त कागजातों में करोड़ों के लेन-देन के साक्ष्य मिले हैं। कई ब्यूरोक्रैट्स के ब्लैक मनी के इन्वेस्ट के पहलू पर ईडी ने साक्ष्य जुटाया है।