Jharkhand cash scandal: मिनिस्टर के PA संजीव लाल के चैंबर से मिले दो लाख कैश, ED रिमांड पर अफसर व नौकर
ईडी की टीम बुधवार को प्रोजेक्ट भवन स्थित ग्रामीण विकास आलमगीर आलम के पीएस (आप्त सचिव) संजीव लाल के चैंबर की तलाशी ली। इस दौरान ईडी को संजीव के चैंबर से पांच-पांच सौ के नोटों की गड्डी मिले हैं। यह दो लाख रुपये हैं। ईडी की टीम संजीव को साथ लेकर पहुंची थी।
- आलमगीर के पीएस व नौकर पर कसेगा शिकंजा
रांची। ईडी की टीम बुधवार को प्रोजेक्ट भवन स्थित ग्रामीण विकास आलमगीर आलम के पीएस (आप्त सचिव) संजीव लाल के चैंबर की तलाशी ली। इस दौरान ईडी को संजीव के चैंबर से पांच-पांच सौ के नोटों की गड्डी मिले हैं। यह दो लाख रुपये हैं। ईडी की टीम संजीव को साथ लेकर पहुंची थी।
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ईडी ऑफिस से संजीव लाल को लेकर अफसरों की टीम झारखंड मंत्रालय के सेकंड फ्लोर स्थित ग्रामीण विकास विभाग मंत्री आलमगीर आलम के कोषांग में पहुंची। यहां संजीव लाल के चैंबर में ईडी ने तलाशी ली। संजीव लाल के सामने उनके टेबल, आलमारी के दराज खंगाले गये। यहां से ईडी को एक लाख 75 हजार रुपये के नए नोट मिले हैं। 28 हजार रुपये के पुराने 500 के नोट मिले हैं। ईडी ने मौके से कुछ प्रमुख फाइलें जब्त की हैं, जिसकी छानबीन होगी। ये फाइलें टेंडर कमीशन, ट्रांसफर-पोस्टिंग आदि से संबंधित बताई जा रही है।
ईडी की रेड में कहां से क्या मिला
संजीव लाल के ठिकाने से: 10 लाख पांच हजार रुपये व अन्य दस्तावेज।
संजीव लाल के नौकर जहांगीर के हरमू रोड सर सैय्यद अपार्टमेंट स्थित फ्लैट से: 32 करोड़ 20 लाख रुपये, लेन-देन, ट्रांसफर पोस्टिंग आदि से संबंधित दस्तावेज।
संजीव लाल के एक अन्य सहयोगी के ठिकाने से: 2 करोड़ 93 लाख रुपये, लेन-देन के दस्तावेज।
सिंह मोड़ हटिया निवासी ठेकेदार राजीव कुमार सिंह के आवास से: 2 करोड़ 14 लाख रुपये। संजीव लाल के साथ दस करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन के सबूत।
संजीव लाल के प्रोजेक्ट भवन स्थित कार्यालय से: 1 लाख 75 हजार रुपये के नए नोट व 28 हजार रुपये के 500 के पुराने नोट।
संजीव लाल व उसके नौकर जहांगीर आलम छह दिनों की रिमांड पर
आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल व उसके नौकर जहांगीर आलम को ईडी ने बुधवार से छह दिनों की रिमांड पर लिया है। ईडी की टीम दोनों को होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से लेकर ईडी कार्यालय पहुंची। ईडी की टीम छह मई को झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के आप्त सचिव संजीव लाल, सहायक जहांगीर आलम व अन्य लोगों के ठिकानों से रेड के दौरान 35.23 करोड़ रुपये कैश बरामद किए थे। संजीव लाल व उसके सहायक जहांगीर आलम को देर रात अरेस्ट कर लिया गया था। फिलहाल संजीव व जहांगीर छह दिनो यानी13 मई तक ईडी की रिमांड पर हैं।
ठेकेदार राजीव कुमार सिंह ने10 करोड़ रुपये संजीव कुमार लाल तक पहुंचाया
ईडी की रेड में मंगलवार को रांची के सिंह मोड़ हटिया स्थित मेकान वाटिका में रहने वाले ठेकेदार राजीव कुमार सिंह के ठिकाने से दो करोड़ 14 लाख रुपये कैश जब्त किये गये हैं। यहां से भारी मात्रा में दस्तावेज व डिजिटल उपकरण जब्त किए। राजीव कुमार सिंह से दो करोड़ 14 लाख रुपये कैश के स्रोत की जानकारी नहीं दे पाये हैं। ईडी की पूछताछ में ठेकेदार राजीव कुमार सिंह ने बताया है कि उन्होंने लगभग 10 करोड़ रुपये संजीव कुमार लाल तक पहुंचाया है।
टेंडर मैनेज कर कमीशन की रकम वसूलते थे संजीव लाल
ईडी ने कोर्ट में सौंपे रिमांड पिटीशन में कहा है कि ग्रामीण विकास विभाग की विकास योजनाओं में 15% की दर से कमीशन की वसूली होती है। संजीव लाल टेंडर मैनेज कर कमीशन की रकम वसूलता है।झारखंड प्रशासनिक सेवा के अफसर संजीव लाल टेंडर मैनेज कर कमीशन की रकम वसूलते थे। इंजीनियर और कंट्रेक्टरों से कमीशन की रकम वसूली जाती थी। कमीशन की रकम मंत्री संजीव के नौकर जहांगीर आलम के पास रखी जाती थी। यहीं से ये पैसे बड़े अफसरों और नेताओं को पहुंचाये जाते थे।
जहांगीर रखता था कमीशन की रकम
बताया जाता है कि मंत्री के पीएस संजीव लाल के निर्देश पर ही कमीशन की रकम जहांगीर आलम के घर रखी जाती थी। छह मई को ईडी की रेड में कुल 35 करोड़ कैश बरामद हुए थे। जहांगीर के घर से 32.20 करोड़ रुपये, संजीव लाल के पार्टनर मुन्ना सिंह के ठिकाने से 2.93 करोड़ एवं संजीव लाल के पास से 10.50 लाख रुपये बरामद किये गये थे। रेड के दौरान संजीव लाल के पास दो गाड़ियां मिलीं है। दोनों गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन जहांगीर के नाम पर कराया गया है। रेड में कैश के अलावा ईडी को भारी मात्रा में लेनदेन ट्रांसफर-पोस्टिंग से संबंधित दस्तावेज और कई डिजिटल उपकरण भी मिले हैं।ईडी ने संजीव लाल और जहांगीर आलम को सोमवार देर रात (रात 2:00 बजे) अरेस्ट कर लिया। दोनों को मंगलवार को पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें कोर्ट ने छह दिनों की रिमांड पर ईडी को दे दिया। पेशी के बाद दोनों को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा भेज दिया गया।
विकास योजनाओं में 15% की दर से कमीशन की वसूली
ईडी ने कोर्ट में सौंपे रिमांड पिटीशन में कहा है कि ग्रामीण विकास विभाग की विकास योजनाओं में 15% की दर से कमीशन की वसूली होती है। संजीव लाल टेंडर मैनेज कर कमीशन की रकम वसूलता है। वसूली के लिए बने सिस्टम में इंजीनियर और ठेकेदार शामिल हैं। कमीशन की रकम जहांगीर आलम के पास रखी जाती है। यह राशि बड़े अफसरों और राजनीतिज्ञों तक जाती है। संजीव लाल ने जहांगीर के नाम पर गाड़ी भी खरीदी है. इससे जहांगीर और संजीव के बीच गहरे संबंध होने की पुष्टि होती है। बीरेंद्र राम ने भी गिरफ्तारी के बाद दिये गये बयान में कमीशनखोरी की हिस्सेदारी में बड़े अफसरों और राजनीतिज्ञों का नाम लिया था। मामले की जांच के दौरान इडी को जानकारी मिली कि जहांगीर के घर से जब्त 32.20 करोड़ रुपये का बड़ा हिस्सा कंट्रेक्टर राजीव सिंह के जरिये वसूला गया था। बाद में बाद में इसे जहांगीर के घर पर लाकर रखा गया था।
ईडी ने कोर्ट में दाखिल रिमांड पिटीशन में यह भी कहा है कि बीरेंद्र राम के मामले में दायर इसीआइआर में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज की गयी प्राथमिकी को भी शामिल किया गया है। बीरेंद्र राम ने अपनी गिरफ्तारी के बाद दिये गये बयान में विभाग में जारी कमीशनखोरी और उसके बंटवारे की प्रक्रिया का उल्लेख किया था। उसने अपने बयान में सितंबर 2022 में संजीव लाल को करोड़ों रुपये दिये जाने की बात स्वीकार की थी। बीरेंद्र राम से मिली जानकारी के आधार पर ईडी ने आगे की जांच की। इसमें पाया गया कि टेंडर सहित अन्य काम से जुड़ी कमीशन की राशि इंजीनियरों के माध्यम से वसूल कर संजीव लाल तक पहुंचायी जाती थी।
संजीव लाल को कमीशन में दिये करोड़ों रुपये
ईडी ने टेंडर कमीशन घोटाले में गत वर्ष 23 फरवरी 2023 को ग्रामीण कार्य विभाग के तत्कालीन मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम को गिरफ्तार किया था।ईडी को यह जानकारी मिली थी कि वीरेंद्र राम व अन्य इंजीनियरों ने भी संजीव लाल को टेंडर कमीशन में करोड़ों रुपये दिए थे। उस समय से ही ईडी की नजर संजीव लाल पर थी।
वीरेंद्र राम से संजीव लाल तक कसा ईडी का शिकंजा
एसीबी जमशेदपुर में 13 नवंबर 2019 को दर्ज कांड संख्या 13/2019 के आधार पर ईडी ने 17 सितंबर 2020 को ईसीआइआर किया था। ईडी की छानबीन में मिले तथ्यों व सूचनाओं के आधार पर दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने तीन मार्च 2023 को कांड संख्या 22/2023 दर्ज की थी। यह एफआईआर वीरेंद्र कुमार राम, मुकेश मित्तल व अन्य अज्ञात पर दर्ज हुई थी। इसमें बंद हो चुके भारतीय नोट की बरामदगी से संबंधित धाराएं भी लगीं थीं। ईडी ने उन सभी कांडों को भी अपने ईसीआइआर में जोड़ दिया था।
बीरेंद्र राम समेत अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल
जांच के बाद ईडी ने 21 अप्रैल 2023 को वीरेंद्र राम, आलोक रंजन, राजकुमारी व गेंदा राम के विरुद्ध कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था। इसके बाद 20 अगस्त 2023 को ईडी ने मुकेश मित्तल, तारा चंद, नीरज मित्तल, रामप्रकाश भाटिया, हरिश यादव व हृदया नंद तिवारी के विरुद्ध पूरक चार्जशीट दाखिल किया था। ईडी ने वीरेंद्र राम को 23 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था, तब वे ग्रामीण कार्य विभाग में मुख्य अभियंता थे। उस वक्त छानबीन में यह बात सामने आई थी कि वीरेंद्र राम टेंडर के बदले में 1.5 प्रतिशत का कमीशन लेते थे। कमीशन की राशि सीनीयर अफसरों न नेताओं में बंटती थी।
ईडी ने संजीव लाल की वाइफ को गुरुवार को पूछताछ के लिए बुलाया
ईडी ने मिनिस्टर के पीए संजीव लाल की पत्नी रीता लाल को समन कर नौ मई को ईडी के रांची एयरपोर्ट रोड स्थित ऑफिस में बुलाया है, जहां उनसे पूछताछ होगी। ईडी उनसे उनके पति के इस कृत्य के बारे में जानकारी लेगी और यह भी जानने की कोशिश करेगी कि उनके घर पर किसका-किसका आना था। रुपये कहां से आते थे, कौन लाता था, रुपयों के बारे में संजीव लाल ने अपनी पत्नी को क्या-क्या जानकारी दी थी।
संदिग्धों को समन कर बुलाएगी ईडी
ईडी अब एक-एक कर सभी संदिग्धों को पूछताछ के लिए बुलाएगी। इनमें संजीव लाल व जहांगीर आलम के करीबियों के अलावा इंजीनियर विकास कुमार, ठेकेदार मुन्ना सिंह, इंजीनियर कुलदीप मिंज, कंट्रेक्टर राजीव कुमार सिंह आदि शामिल हैं।
ईडी ने पीएमएलए कोर्ट में दिए आवेदन में यह बताया है कि ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम प्रकरण में कुछ और नौकरशाहों व नेताओं की गर्दन फंसेगी।
बड़े भाई को साथ ले जाकर इडी की टीम ने अभियंता के घर की रेड
ईडी की टीम ग्रामीण विकास विभाग के सहायक अभियंता अजय मुंडा के बीआइटी थाना क्षेत्र के केदल पंचायत स्थित फुरहुरा टोली खिजूर टांड़ स्थित घर पर रेडसे पहले अजय मुंडा के बड़े भाई संजय मुंडा के कांके पतराटोली स्थित घर पर पहुंची। यहां से संजय मुंडा को साथ लेकर केदल स्थित अजय मुंडा के घर पर रेड की. फिर वहां से संजय मुंडा को लेकर शाम में ईडी की टीम कांके के पतराटोली स्थित घर पर पहुंची.
ईडी ने सोमवार छह मई को रांची के अलग अलग नौ ठिकानों पर रेड रेड किया था। इस रेड के दौरान 35 करोड़ से अधिक की कैश बरामद हुई थी। ईडी की रेड गामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल और उनके नौकर जहांगीर आलम, इंजीनियर कुलदीप मिंज, इंजीनियर विकास कुमार और बिल्डर मुन्ना सिंह के ठिकानों पर की गयी। रेड और पूछताछ के बाद ईडी ने देर रात संजीव लाल और उनके नौकर को गिरफ्तार कर लिया था। संजीव लाल पहले बीजेपी ली़डर व मिनिस्टर रह चुके सीपी सिंह और विमला प्रधान के पीएस भी रहे हैं।
रेड में कैश के अलावा मिले कई पत्र
रेड में मिनिस्टर जहांगीर के आवास से इडी की टीम को कई पत्र भी मिले हैं। ईडी ने आठ मई 2023 को चीफ सरेटरी, झारखंड को पत्र लिखा गया। नौ मई को मुख्य सचिव ने ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव को कार्रवाई के लिए आदेश दिया। सचिव ने इस मामले में रूचि नहीं दिखाई। यह पत्र जहांगीर आलम के घर से रेड में नोटों के बंडल में मिला। इसके अलावा झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर के नाम से कई बीडीओ सहित अन्य अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग से संबंधित पैरवी पत्र हैं। हालांकि राजेश ठाकुर अपने ऊपर लगे इन आरोपों को खारिज कर रहे हैं। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनके नाम से लिखा पैरवी पत्र बिल्कुल निराधार है।