Jharkhand: IAS पूजा सिंघल के हसबैंड अभिषेक झा को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम जमानत देने से किया इनकार
भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग केस में सस्पेंड IAS अफसर पूजा सिंघल के हसबैंड अभिषेक झा को सुप्रीम कोर्ट से शुक्रवार को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने अभिषेक झा को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है।
नई दिल्ली। भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग केस में सस्पेंड IAS अफसर पूजा सिंघल के हसबैंड अभिषेक झा को सुप्रीम कोर्ट से शुक्रवार को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने अभिषेक झा को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है।
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हाईकोर्ट के आदेश को दी थी चुनौती
जस्टिस सूर्य कांत और एम एम सुंद्रेश की अवकाशकालीन पीठ ने अभिषेक को राहत देने से इनकार करते हुए मामले की सुनवाई की अगली तारीख पांच जुलाई तय की। अभिषेक झा ने झारखंड हाईकोर्ट के 18 मई के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उन्हें मामले में बेल देने से इनकार कर दिया गया था। झारखंड कैडर की 2000 बैच की आईएएस अफसर पूजा सिंघल 18.07 करोड़ रुपये के सरकारी धन के गबन से जुड़े कथित घोटाले में मुख्य आरोपी हैं। घोटाले के समय वह खूंटी जिले की डीसी थीं।
कोर्ट ने माना अग्रिम जमानत देने लायक नहीं है मामला
अभिषेक झा के एडवोकेट इस मामले की तत्काल सुनवाई का जिक्र पहले कर चुके हैं। बीते 18 मई को झा की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करते हुए उन्हें चार हफ्ते के भीतर कोर्ट में सरेंडर करने के लिए कहा था। हाईकोर्ट के जस्टिस गौतम कुमार चौधरी ने उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि पीएमएलए के तहत अपराधों में सख्ती से धारा 45 लागू होगी। जिस परिणाम में अपराध को अंजाम दिया गया है यानी जिस मामले में करोड़ों रुपये की आपराधिक आय शामिल हैं उसे ध्यान में रखते हुए, इसके सबूतों को देखते हुए यह मामला अग्रिम जमानत देने के लिए उपयुक्त नहीं लगता।
अभियोजन पक्ष के अनुसर, पूजा सिंघल से शादी के बाद ही झा की वित्तीय संपत्ति में इजाफा हुआ था और कथित तौर पर भ्रष्ट गतिविधियों के जरिए पूजा सिंघल की ब्लैक मनी उनके बैंक अकाउंट्स में आने लगी। हालांकि, झा ने इस पर अपनी सफाई देते हुए कहा था कि पैसा वैध है, जिसका स्त्रोत ऑस्ट्रेलिया की उनकी जॉब है।
पल्स हॉस्पिटल समेत चार अचल संपत्तियां जब्त
बहुचर्चित मनरेगा घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच के दौरान अरेस्ट झारखंड की एक्स माइंस सेकरेटरी व सस्पेंड आइएएसअफसर पूजा सिंघल के विरुद्ध ED ने 10 मई को बड़ी कार्रवाई करते हुए पल्स हॉस्पिटल समेत चार अचल संपत्तियों को स्थायी रुप से जब्त कर लिया था। ईडी ने पूजा सिंघल के बरियातू रोड पर स्थित पल्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल को स्थाई रूप से जब्त कर लिया । ईडी ने पूजा सिंघल के बरियातू के पल्स डायग्नोस्टिक एंड इमेजिंग सेंटर और दो भूखंडो, जो रांची में स्थित है, उसे भी जब्त किया है।ईडी की कार्रवाई को एडजुकेटिंग अथारिटी की भी मुहर लग गई है।
विगत एक दिसंबर को अस्थाई रूप से जब्त पूजा सिंघल की 82.77 करोड़ की चार अचल संपत्तियों की निर्णायक प्राधिकारी की मुहर लगते ही 10 मई को स्थाई रूप से जब्ती हो गई। इन संपत्तियों में रांची के बरियातू रोड स्थित पल्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, पल्स डाग्नोस्टिक एंड इमेजिंग सेंटर व दो भूखंड शामिल हैं। ईडी ने फिलहाल इन्हें तब अस्थाई रूप से जब्त किया था। अब एडजुकेडिंग अथारिटी की मुहर लगने के बाद इसपर सरकार का स्थाई कब्जा हो गया है। अब हॉस्पिटल व डायग्नोस्टिक सेंटर का संचालन कैसे होगा, इसपर ईडी जल्द ही निर्णय लेगी। अब यह तय हो गया कि अब हॉस्पिटल का संचालन जारी रहता है तब वह गवर्नमेंट की देखरेख में होगा।
घोटाले और कमीशन की राशि को परिजनों के अकाउंट में जमा कराने का आरोप
झारखंड पुलिस की एसीबी में दर्ज एफआइआर के आधार पर ईडी ने मनरेगा घोटाले में मनी लांड्रिंग के तहत जांच शुरू की थी। ईडी को जांच में पता चला कि पूजा सिंघल ने घोटाले और कमीशन में मिली राशि को अपने और अपने परिवार के सदस्यों व रिश्तेदारों के अकाउंट में जमा करवाया। पूजा सिंघल ने अपने पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार के उक्त राशि की हेराफेरी की। पूजा सिंघल ने मनरेगा घोटाले के बाद अवैध खनन में भी भारी मात्रा में काले धन की वसूली की। घोटले व कमीशन के रुपयों से पूजा सिंघल ने अपने व फैमिली मेंबर के नाम पर चल-अचल संपत्ति भी बनाई है, जिसपर ईडी की नजर है। एक-एक कर ऐसी सभी संपत्तियों की कुर्की-जब्ती होगी।
11 मई 2022 को अरेस्ट की गई थीं पूजा सिंघल
मनरेगा घोटाला में मनी लांड्रिंग के तहत ईडी ने तत्कालीन खान सचिव पूजा सिंघल को 11 मई 2022 को अरेस्ट किया था। इसके बाद राज्य सरकार ने उन्हें सस्पेंड कर दिया था। बाद में पूजा सिंघल के खिलाफ पांच जुलाई 2022 को ईडी ने पूजा सिंघल के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। मनी लांड्रिंग मामले में पूजा सिंघल सहित गिरफ्तार तीनों व्यक्ति फिलहाल ज्यूडिशियल कस्टडी में हैं। इनमें पूजा सिंघल, उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार व मनरेगा घोटाले में तत्कालीन कनीय अभियंता राम विनोद प्रसाद सिन्हा शामिल हैं। इनके विरुद्ध कोर्ट ने संज्ञान भी ले लिया है। मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
पूजा सिंघल के सीए के पास से मिले थे 19.76 करोड़ कैश
पूजा सिंघल व इनसे जुड़े ठिकानों पर ईडी ने वर्ष 2022 की छह मई 2022 को एक साथ रेड की थी। इस रेड में पूजा सिंघल के चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार के पास से 19.76 करोड़ रुपये कैश मिले थे। सुमन कुमार ने ईडी की पूछताछ में स्वीकारा था कि उक्त राशि पूजा सिंघल के हैं, जो इलिगल माइनिंग के कमीशन के रूप में मिले हैं। इसके बाद से ही पूजा सिंघल पर ईडी की घेराबंदी और कड़ी हुई थी।