झारखंड: खुंटी में ट्रिपल मर्डर का खुलासा, पांच अरेस्ट
पुलिस ने खुंटी जिले के अड़की पुलिस स्टेशन एरिया के कोदेलेबे गांव में हुए ट्रिपल मर्डर केस का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। ग्रामीणों ने मिलकर कोदेलेबे गांव के ग्राम प्रधान बयार सिंह मुंडा, बेटा सिंगा मुंडा उर्फ बुधराम और बहु मानी हरिबिना की मर्डर की थी। पुलिस मर्डर के आरोप में गांव के ही सिंगराय हरिबिना, चंबरा चुटिया पूर्ति, बिरसा हरिबिना, विकराय हरिबिना और जोबोर चुटिया पूर्ति को अरेस्ट किया है।
- ग्राम प्रधान समेत तीन का हुआ था मर्डर
खूंटी। पुलिस ने खुंटी जिले के अड़की पुलिस स्टेशन एरिया के कोदेलेबे गांव में हुए ट्रिपल मर्डर केस का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। ग्रामीणों ने मिलकर कोदेलेबे गांव के ग्राम प्रधान बयार सिंह मुंडा, बेटा सिंगा मुंडा उर्फ बुधराम और बहु मानी हरिबिना की मर्डर की थी। पुलिस मर्डर के आरोप में गांव के ही सिंगराय हरिबिना, चंबरा चुटिया पूर्ति, बिरसा हरिबिना, विकराय हरिबिना और जोबोर चुटिया पूर्ति को अरेस्ट किया है।
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अड़की थाना क्षेत्र के मदहातू टोला कोदेलेबे में ग्राम प्रधान सहित तीन लोगों को अपराधकर्मियों द्वारा लाठी – डंडे एवं धारदार हथियार से मारकर हत्या कर दिया गया था, खूँटी पुलिस द्वारा कांड का सफल उद्भेदन करते हुए 05 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया। pic.twitter.com/9rdNT3Qm7I
— Khunti Police (@khuntipolice) September 5, 2022
पुलिस गिरफ्त में आया सिंगराय हरिबिना मृतक बयार सिंह मुंडा का भतीजा है। एसपी अमन कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। एसपी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों ने हत्याकांड में संलिप्ता की बात को स्वीकार कर लिया है। पूछताछ में बताया है कि घटना के एक दिन पूर्व मंगलवार को गांव में बैठक में ग्राम प्रधान पर हमला करने की योजना बनायी गयी थी।लेकिन बारिश होने के कारण बुधवार को फिर से बैठक हुई। बैठक करने के बाद उसी दिन शाम को तीनों की हत्या कर दी गयी। मर्डर करने के पीछे बयार सिंह मुंडा का आपराधिक इतिहास रहा है। माओवादी कमांडर कुंदन पहान के दस्ते के साथ उसका संबंध था। इसमें वह 2011 में जेल गया था।
ग्रामीणों का मानना था कि उसी के कारण माओवादी गांव में आकर लोगों को परेशान करते हैं। बयार सिंह मुंडा ग्रामीणों के साथ गलत तरीके से पेश आता था। मारने-पीटने की धमकी देता था। बयार सिंह मुंडा का भतीजा सिंगराय हरिबिना ग्राम प्रधान बनना चाहता था। सिंगराय हरिबिना के पिता को ग्राम प्रधान बनना था, लेकिन शारीरिक रूप से कमजोर होने के कारण भाई बयार सिंह मुंडा को ग्राम प्रधान बनाया गया था। सिंगराय को ग्राम प्रधान बनने की इच्छा थी। इसी को लेकर बैठक में बयार सिंह मुंडा और उसके बेटे की हत्या किये जाने का निर्णय लिया गया था। मृतक ग्राम प्रधान बयार सिंह मुंडा का डाड़ी गांव की एक महिला के साथ अवैध संबंध भी था। इसे लेकर भी ग्रामीण नाराज थे। ग्रामीणों का मानना था कि ग्राम प्रधान होकर गलत आचरण कर रहा है।
एसपी ने बताया कि ट्रिपल मर्डर को अंजाम देने में कोदेलेबे गांव के 16-17 परिवार शामिल थे। इसमें 30 से अधिक लोग शामिल थे। कई लोग गांव छोड़कर भाग गये हैं। दूसरे गांव के भी दो-तीन लोग थे। उन्होंने बताया कि गांव में एसी भारत कुटुंब परिवार के सात परिवार हैं। घटना को अंजाम देने में एसी कुटुंब परिवार और अन्य सभी लोग शामिल थे। गांव के सिर्फ दो-तीन परिवार ही घटना को अंजाम देने में शामिल नहीं थे। उन्होंने कहा कि सभी ने मिलकर हत्याकांड को अंजाम दिया था। इसलिए ग्रामीण घटना को छुपाने के प्रयास में थे। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया था कि पुलिस को सूचना नहीं दी जायेगी।
हत्याकांड की छानबीन के लिए एसडीपीओ अमित कुमार के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया था। आरोपियों के गिरफ्तारी में एसडीपीओ अमित कुमार, अड़की थाना प्रभारी नरसिंह मुंडा, मुरहू थाना प्रभारी पंकज कुमार दास, सायको थाना प्रभारी रितेश कुमार महतो और अड़की, मुरहू और सायको थाना के अफसर शामिल थे।