झारखंड में क्षेत्रीय भाषाओं की सूची से हटेगी मगही और भोजपुरी: जगरनाथ महतो
झारखंड के एजुकेशन मिनिस्टर जगरनाथ महतो ने कहा कि मगही और भोजपुरी क्षेत्रीय भाषाओं की सूची से हटेगी। सीएम हेमंत सोरेन ने उन्हें यह आश्वासन दिया है। सीएम ने उनसे कहा है कि वह शीघ्र ही इसपर मंथन और विधायकों के साथ बैठक कर निर्णय लेंगे। श्री महतो ने प्रेस कांफ्रेस में यह जानकारी दी। मौके पर एमएलए मथुरा प्रसाद महतो व एक्स एमएलए योगेंद्र महतो भी उपस्थित थे।
रांची। झारखंड के एजुकेशन मिनिस्टर जगरनाथ महतो ने कहा कि मगही और भोजपुरी क्षेत्रीय भाषाओं की सूची से हटेगी। सीएम हेमंत सोरेन ने उन्हें यह आश्वासन दिया है। सीएम ने उनसे कहा है कि वह शीघ्र ही इसपर मंथन और विधायकों के साथ बैठक कर निर्णय लेंगे। श्री महतो ने प्रेस कांफ्रेस में यह जानकारी दी। मौके पर एमएलए मथुरा प्रसाद महतो व एक्स एमएलए योगेंद्र महतो भी उपस्थित थे।
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इससे पहले एजुकेशन मिनिस्टर जगरनाथ महतो, एक्स मिनिस्टर मथुरा महतो तथा एक्स एमएलए योगेंद्र महतो ने सीएम से मिलकर क्षेत्रीय भाषाओं की सूची से मगही और भोजपुरी को हटाने की मांग की।
बीजेपी को पेट में अब दर्द क्यों
शिक्षा मंत्री ने कहा कि झारखंड की लड़ाई धनबाद से शुरू हुई थी। अब भाषा का विवाद धनबाद से होने नहीं दिया जायेगा। उन्होंने बीजेपी और आजसू पर पलटवार करते हुए कहा कि यदि उनमें हिम्मत है तो सड़क को छोड़कर उचित फोरम पर अपनी बात रखें। वे स्वयं इसपर सीएम से उनकी बात कराने को तैयार हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि क्षेत्रीय भाषाओं की सूची में भोजपुरी को शामिल करने को लेकर बीजेपी के एक एमएलए ने विधानसभा के अंदर और बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। अब भोजपुरी शामिल हो गया तो बीजेपी को ही पेट में दर्द हो रहा है।
एकीकृत बिहार में खतियान से स्थानीयता तो अब क्यों नहीं
एजुकेशन मिनिस्टर जगरनाथ महतो ने कहा है कि झारखंड में स्थानीयता 1932 के खतियान के आधार पर तय होना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि जब एकीकृत बिहार में खतियान से स्थानीयता तय हुई थी, तो झारखंड में क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि हमने झारखंड को लड़ कर लिया है, कोई मेहरबानी नहीं की गई है। उन्होंने शिक्षक नियुक्ति में राज्य के स्थानीय निवासी होने को अनिवार्य किए जाने पर कहा कि बिहार सहित अन्य राज्य हमेशा अपने राज्य के लोगों को नियुक्त करते हैं। झारखंड में लागू होता है तो दूसरे दलों के पेट में दर्द होता है।
विवाद की हवा दे रही बीजेपी : मथुरा महतो
एक्स मिनिस्टर मथुरा प्रसाद महतो ने भाषा विवाद में बीजेपी पर हवा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने ही भोजपुरी को पूरे राज्य में लागू किया था। बीजेपी अब इसका विरोध कर रही है। उन्होंने कहा कि झारखंड की लड़ाई यहां की भाषा, जल, जंगल और जमीन बचाने के लिए ही की गई थी। इसलिए पार्टी भाषा पर अतिक्रमण नहीं होने देगी।
अतिक्रमणकारी हैं भोजपुरी और मगही बोलने वाले
एक्स एमएलए योगेंद्र महतो ने कहा कि बोकारो और धनबाद में मगही और भोजपुरी बोलनेवाले अतिक्रमणकारी हैं। वे किराये पर रहते हैं। वहां के मूल निवासियों की भाषा मगही और भोजपुरी नहीं है। वर्ष 2018 में बीजेपी और आजसू की सरकार ने इन दोनों भाषाओं को क्षेत्रीय भाषाओं की सूची में शामिल किया था। अब दोनों दल इसपर चुप हैं। मिनिस्टर मिथलेश ठाकुर द्वारा मगही और भोजपुरी को सूची में शामिल करने की मांग पर योगेंद्र महतो ने कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत मांग हो सकती है।