पश्चिम बंगाल: ममता बनर्जी का भतीजे, वोट बैंक और जनता के लिए अलग-अलग कानून, मां, माटी और मानुष का नारा तुष्टिकरण में बदला: अमित शाह
सेंट्रल होम मिनिस्टर अमित शाह ने दावा किया है कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी 200 से अधिक सीटों के साथ गवर्नमेंट बनायेगी। पश्चिम बंगाल में लोग अब परिवर्तन चाहते हैं, क्योंकि 10 साल पहले मां माटी मानुष के जिस नारे पर वोट मांगा गया था, वो अब तुष्टिकरण में बदल गया है।
- अपने भतीजे को CM बनाना चाहती हैं ममता
कोलकाता। सेंट्रल होम मिनिस्टर अमित शाह ने दावा किया है कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी 200 से अधिक सीटों के साथ गवर्नमेंट बनायेगी। पश्चिम बंगाल में लोग अब परिवर्तन चाहते हैं, क्योंकि 10 साल पहले मां माटी मानुष के जिस नारे पर वोट मांगा गया था, वो अब तुष्टिकरण में बदल गया है। अमित शाह ने शुक्रवार को कोलकाता में प्रेस कांफ्रेस में सीएम ममता पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि बंगाल में प्रशासन का राजनीतिकरण कर दिया गया है। ममता ने राजनीति का अपराधीकरण कर भ्रष्टाचार को संस्थागत कर दिया है। हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि बंगाल में कई लोगों के मन में दूसरी श्रेणी के नागरिक होने की भावना है। 'बंगाल में तीन तरह के कानून हैं, भतीजे के लिए अलग, अपने वोट बैंक के लिए अलग और जनता के लिए अलग कानून है। ममता दीदी ने 'मां, माटी और मानुष का नारा तुष्टिकरण में बदल दिया है। वह अपने भतीजे को CM बनाना चाहती हैं। शाह ने कहा कि मैं बंगाल के लोगों को आश्वस्त करने आया हूं कि पांच साल में सोनार बांग्ला बनाने का लक्ष्य पूरा किया जायेगा। बंगाल के लोगों ने कांग्रेस, वाम दलों और टीएमसी को मौका दिया है। ममता बनर्जी का टारगेट है कि वह अगली सरकार में अपने भतीजे को सीएम बना दें। लेकिन यहां के लोग नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में परिवर्तन चाहते हैं।उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में प्रशासन का राजनीतिकरण किया गया है, इंस्टीट्यूशनल करप्शन किया जा रहा है। राजनीति का अपराधीकरण कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तुष्टिकरण से बंगाल की जनता के एक बड़े वर्ग में दूसरे दर्जे का नागरिक होने का भाव पैदा हो गया है। पश्चिम बंगाल में तीन कानून हैं, एक अपने भतीजे के लिए, दूसरा वोट बैंक और तीसरा आम आदमी के लिए। कानून की पुस्तक में एक कानून है, लेकिन यहां लागू करने में तीन तरह का कानून शाह ने कहा कि कोरोना काल और बाढ़ राहत कार्य के दौरान भी तृणमूल भ्रष्टाचार से दूर नहीं रही। टीएमसी कैडर ने साइक्लोन और कोरोना महामारी में सहायता वितरण में भी भ्रष्टाचार किया।
NCRB को डेटा ना देकर क्या छिपा रही है बंगला गवर्नमेंट
शाह ने यहां पर ममता बनर्जी से सवाल किया कि बंगाल सरकार ने 2018 के बाद NCRB को राज्य में अपराध के आंकड़े क्यों नहीं भेजे। सरकार क्या छिपाना चाहती है? उन्होंने कहा कि बंगाल वर्ष 2018 में महिलाओं के खिलाफ क्राइम में थर्ड नंबर पर रहा है। रेप, एसिड अटैक के मामलों में पहले नंबर रहा। गायब महिलाओं को ना ढूंढ पाने के मामले में देश में नंबर वन रहा। ममता दीदी क्या जवाब देंगी कि बंगाल की महिलाएं क्यों असुरक्षित हैं। ममता बनर्जी को मुझे सवाल करने के बजाय खुद चिंतन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बंगाल में 100 से अधिक बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या हुई। राजनीतिक हत्याओं के मामले में ममता सरकार क्या श्वेतपत्र निकाल सकेगी क्या?
सेंट्रल की योजनाओं का बंगाल में बुरा हाल
होम मिनिस्टर ने कहा कि ममता बनर्जी सरकार से कहना चाहते हैं कि वह केंद्र की सरकार को लोगों तक पहुंचाएं। केंद्र की सरकार की योजनाओं का सबसे बुरा हाल पश्चिम बंगाल में दिख रहा है। आयुष्मान भारत का लाभ पश्चिम बंगाल के लोगों तक नहीं पहुंच सका है। किसान सम्मान निधि के पैसे बंगाल के लोगों तक नहीं पहुंच पाए क्योंकि सरकार ने खातों की डिटेल्स नहीं दिए। हर महीने ममता सरकार पत्र लिखती हैं कि पैसा हमें दे दो, लेकिन मैं जानता हूं कि अगर ये पैसा दिया तो वो कैडर की भेंट चल जायेगा। मई में चुनाव के बाद हम ये पैसे किसानों को पैसे सीधे भेजेंगे।
मतुआ समुदाय के घर अमित शाह ने खाया खाना
सेंट्रल होम मिनिस्टर अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के दौरे के दूसरे दिन शाह ने दक्षिणेश्वर काली की पूजा-अर्चना की। वह साउथ कोलकाता में शास्त्रीय गायक पंडित अजय चक्रवती के आवास और संस्थान 'श्रुतिनंदन' भी पहुंचे। उन्होंने दिन का भोजन मतुआ समुदाय के बांग्लादेशी शरणार्थी के घर किया।इससे एक बार फिर मतुआ समुदाय चर्चा में आ गया है। एक दिन पहले ही ममता बनर्जी ने भी इस समुदाय को सौगात देकर खुश करने की कोशिश की है। मता बनर्जी ने बुधवार को जनजातीय और मतुआ समुदाय के लिए कई बड़े ऐलान किए। राज्य सरकार ने 25 हजार शरणार्थी परिवारों को जमीन का अधिकार सौंपा। 1.25 लाख परिवारों को इसका लाभ होगा। ममता बनर्जी ने मतुआ डिवेलपमेंट बोर्ड के लिए 10 करोड़ रुपए आवंटित किये हैं। नामाशुद्र डिवेलपमेंट बोर्ड के लिए 5 करोड़ रुपये दिये हैं।