राम मंदिर निर्माण के लिए अबतक 10 करोड़ से ज्यादा लोगों ने दिये 2500 करोड़ रुपये, डोर-टू-डोर चंदा अभियान बंद
अयोध्या में बनने वाले भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण के लिए अबतक 10 करोड़ से ज्यादा लोगों ने दिये 2500 करोड़ रुपये दान दिये हैं। पिछले 15 जनवरी से प्रारंभ हुआ विश्व का सबसे बड़ा जन संपर्क अभियान (निधि समर्पण अभियान) 27 फरवरी को पूर्ण हो गया।
- ट्रस्ट की वेबसाइट पर लोग ऑनलाइन कर सकते हैं दान
- तीन वर्ष में पूरा होगा मंदिर निर्माण का काम
नई दिल्ली। अयोध्या में बनने वाले भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण के लिए अबतक 10 करोड़ से ज्यादा लोगों ने दिये 2500 करोड़ रुपये दान दिये हैं। पिछले 15 जनवरी से प्रारंभ हुआ विश्व का सबसे बड़ा जन संपर्क अभियान (निधि समर्पण अभियान) 27 फरवरी को पूर्ण हो गया।
विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष व श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने नार्थ एवेन्यू स्थित विश्व संवाद केंद्र में प्रेस कांफ्रेस में कहा कि ट्रस्ट ने डोर-टू-डोर चंदा अभियान को बंद करने का फैसला किया है।अब जो लोग मंदिर निर्माण में अपना सहयोग देना चाहते हैं तो ट्रस्ट की वेबसाइट पर लोग ऑनलाइन दान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अभियान भले ही पूर्ण हो गया हो लेकिन जो राम भक्त इस समर्पण से वंचित रह गये वे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की वेबसाइट के माध्यम से अपना समर्पण सदैव जमा करा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि हमें अभी तक अनुमान से डेढ़ गुना अधिक राशि प्राप्त हो चुकी है। हम चार लाख गांवों में समर्पण के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल हुए हैं। नगरीय क्षेत्रों के सभी वार्डों में संपर्क हुआ है। हालांकि, परिवारों के आंकड़े आने अभी शेष हैं लेकिन, अनुमानत: 10 करोड़ परिवारों से हमारा संपर्क हुआ है। साथ ही समाज के हर क्षेत्र से समर्पण प्राप्त हुआ है। इस दौरान अनेक ऐसे प्रसंग आए जिन्होंने अभियान में लगे कार्यकर्ताओं के मन-मस्तिष्क को भी द्रवित कर दिया। अनेक स्थानों पर जहां भिक्षुकों ने समर्पण किया, वहीं दैनिक मजदूर व खेतिहर किसानों ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। मुस्लिम समाज का समर्पण भी उल्लेखनीय है। उन्होंने कहा कि विदेशों में रहने वाले रामभक्तों से निवेदन है कि वे थोड़ी प्रतीक्षा करें। कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने पर सूचित कर दिया जाएगा।
नौ लाख कार्यकर्ताओं ने किया घर-घर संपर्क
राय ने बताया कि इस विशाल अभियान में एक लाख, 75 हजार टोलियों में लगभग नौ लाख कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर संपर्क किया। 38 हजार 125 कार्यकर्ताओं के माध्यम से समर्पण निधि बैकों में जमा हुई। संपूर्ण अभियान की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जहां देश भर में 49 नियंत्रण केंद्र बनाये गये। वहीं, दिल्ली स्थित मुख्य केंद्र में दो चार्टर्ड एकाउंटेंटों के नेतृत्व में बैंक अकाउंट्स की निगरानी हेतु 23 योग्य कार्यकर्ताओं ने संपूर्ण भारत से सतत् संपर्क साधकर रखा। हैदराबाद की धनुषा इंफोटेक कंपनी द्वारा बनाये गये एप ने कार्यकर्ताओं, बैंकों तथा न्यास के बीच एक मजबूत सेतु के रूप में कार्य किया।
2500 करोड़ रुपये की समर्पण निधि जमा
चंपत राय ने कहा कि अभी अंतिम आंकड़े आने शेष हैं। लेकिन चार मार्च तक की प्राप्तियों के आधार पर कहा जा सकता है कि समर्पण राशि 2500 करोड़ को पार करेगी। इसी माह में देश के प्रत्येक जिले में अभियान का अंकेक्षण (आडिट) भी पूर्ण हो जायेगा। देश के प्रत्येक कोने में रामभक्तों ने समर्पण किया है। पूर्वोत्तर के राज्यों में अरुणाचल प्रदेश से 4.5 करोड़, मणिपुर से दो करोड़, मिजोरम से 21 लाख, नागालेंड से 28 लाख व मेघालय से 85 लाख तथा दक्षिण के राज्यों में से तमिलनाडु से 85 करोड़ व केरल से 13 करोड़ समर्पण राशि जमा हो चुकी है। राय ने बताया कि समर्पण राशि के मामले में राजस्थान के सबसे आगे रहने की उम्मीद है। अभी तक राजस्थान आगे है।
नींव भराई का काम अप्रैल से
चंपत राय ने राम जन्मभूमि पर चल रहे कार्य की स्थित के बारे में जानकारी देते हुए बाताया कि नींव की खुदाई तथा मलवा हटाने का कार्य लगभग 60 परसेंट पूरा हो चुका है। आशा है अप्रैल से नींव की भराई का कार्य भी प्रारंभ हो जाएगा। उन्होंने बताया कि नींव भरने का कार्य देश की विभिन्न इंजीनियरिंग संस्थाओं से मिली सलाह के आधार पर किया जाएगा। इसमें आइआइटी दिल्ली, आइआइटी मद्रास, आइआइटी मुंबई सहित कई संस्थाएं शामिल हैं। मंदिर के निर्माण में सीमेंट का उपयोग बहुत कम होगा। मंदिर निर्माण में भरतपुर के बंशी पहाड़ी के पत्थरों का इस्तेमाल होगा। उन्होंने बताया कि मंदिर का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए तीन वर्ष का समय निर्धारित किया गया है।