नई दिल्ली: सेंट्रल कैबिनेट ने दी प्रोडक्टिविटी से जुड़े बोनस और नॉन-प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस को मंजूरी
सेंट्रल कैबिनेट ने फाइनेंसिल इयर 2019-20 के लिए प्रोडक्टिविटी से जुड़े बोनस और नॉन-प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस को मंजूरी दे दी है।
- 30 लाख से अधिक इंप्लाईज को मिलेगा लाभ
नई दिल्ली। सेंट्रल कैबिनेट ने फाइनेंसिल इयर 2019-20 के लिए प्रोडक्टिविटी से जुड़े बोनस और नॉन-प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस को मंजूरी दे दी है। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में यह फैसला किया गया। कैबिनेट इस निर्णय से 30.67 लाख गैर-राजपत्रित गवर्नमेंट इंप्लाइज को फायदा होगा। राजकोषीय खजाने पर 3,737 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को कैबिनेट द्वारा लिए फैसलों की जानकारी दी।
जावड़ेकर ने कहा कि इंप्लाइज को विजयादशमी से पहले प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के जरिए एकल किस्त में यह बोनस दिया जायेगा। गवर्नमेंट ने त्योहारी मौसम के दौरान लोगों द्वारा किए जाने वाले खर्च को बढ़ावा देने के लिए यह फैसला किया है। गवर्नमेंट की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि 'पूर्ववर्ती साल के प्रदर्शन के लिए अराजपत्रित कर्मचारियों को दुर्गापूजा/ दशहरा से पहले बोनस का भुगतान किया जाता है। सरकार इस बात की घोषणा करती है कि सरकारी अराजपत्रित कर्मचारियों के लिए प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस और एड-हॉक बोनस का वितरण तत्काल किया जायेगा।
'वित्त वर्ष 2019-20 के प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस (PLB) से राजकोषीय खजाने पर 2,791 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ेगा। इस फैसले से रेलवे, डाक, रक्षा, ईपीएफओ, ईएसआई सहित अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के 16.97 लाख अराजपत्रित कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। Non-PLB या एड-हॉक बोनस केंद्र सरकार के अराजपत्रित कर्मचारियों को दिया जाता है। यह बोनस 13.70 लाख कर्मचारियों को मिलेगा। इससे खजाने पर 946 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।
जम्मू-कश्मीर पंचायती राज कानून को मंजूरी, 12 लाख टन सेब के खरीद का फैसला
कैबिनेट ने जम्मू-कश्मीर पंचायती राज अधिनियम 1989 को लागू करने की मंजूरी दी है। इस कदम से जम्मूं-कश्मीरर में देश के अन्य हिस्सों की तरह तीन स्तरीय लोकतंत्र की स्थापना में मदद मिलेगी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री जावड़ेकर ने कहा कि इससे देश के अन्य हिस्सों की तरह जम्मू-कश्मीर में भी जमीनी स्तर पर लोकतंत्र के तीनों स्तरों को स्थापित करने में मदद मिलेगी।
कैबिनेट ने बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत साल 2020-21 के लिए जम्मू-कश्मीर में सेब की खरीद का फैसला किया है। कैबिनेट की बैठक में इस प्रोपोजल को मंजूरी दी गई। नेफेड स्टेट एजेंसियों के सहयोग से सेब की खरीद करेगा। सेब की कीमत का हस्तान्तरण सीधे किसानों के बैंक खातों में किया जायेगा। चालू वर्ष में स्टेट से 12 लाख टन सेब के खरीद को मंजूरी दी है।