नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पंचतत्व में विलीन, राजकीय सम्मान के साथ हुई अंत्योष्टि
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हो गये। लोधी रोड स्थित शवदाह गृह में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। कोरोना से संक्रमित होने के कारण एसओपी के तहत उनका अंतिम संस्कार हुआ। इसके चलते उनके शव को गन कैरिज के बजाय वैन में यहां लाया गया। उनके पुत्र अभिजीत बनर्जी और फैमिली मेंबर पीपीइ किट पहने हुए नजर आएं। बेटे अभिजीत मुखर्जी ने अपने पिता का अंतिम संस्कार किया।
- राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व राहुल समेत अन्य ने दी को श्रद्धांजलि
- प्रणब मुखर्जी दा को उनके आवास 10 राजाजी मार्ग पर दिग्गजों ने दी श्रद्धांजलि
नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हो गये। लोधी रोड स्थित शवदाह गृह में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। कोरोना से संक्रमित होने के कारण एसओपी के तहत उनका अंतिम संस्कार हुआ। इसके चलते उनके शव को गन कैरिज के बजाय वैन में यहां लाया गया। उनके पुत्र अभिजीत बनर्जी और फैमिली मेंबर पीपीइ किट पहने हुए नजर आएं। बेटे अभिजीत मुखर्जी ने अपने पिता का अंतिम संस्कार किया।
इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेंद्र मोदी समेत कैबिनेट मंत्रियों, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और एक्स पीएम मनमोहन सिंह समेत कई कांग्रेसी नेताओं ने प्रणब मुखर्जी को उनके आवास 10 राजाजी मार्ग पर श्रद्धांजलि दी। बीजेपी प्रसिडेंट जेपी नड्डा, कांग्रेस के नेता अधिर रंजन चौधरी और भाकपा नेता डी. राजा ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को उनके आवास पर पहुंचकर श्रद्धांजलि दी।
स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को उनके आवास पर पहुंचकर श्रद्धांजलि दी। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया और नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सोमवार की शाम को 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्हें गत 10 अगस्त को सेना के ‘रिसर्च एंड रेफ्रल हास्पिटलमें एडमिट कराया गया था। उसी दिन उनकी ब्रेन सर्जरी हुई। इस दौरान जांच में वह कोरोना वायरस से संक्रमित भी पाये गये थे। इसके बाद उनके हालत में सुधार नहीं हुआ। वह कोमा में थे और उनके फेफड़े व किडनी में संक्रमण हो गया था।
देश में सात दिन का शोक घोषित
सेंट्रल गवर्नमेंट ने एक्स प्रसिडेंट सम्मान में सात दिन (31 अगस्त से छह सितंबर) का शोक घोषित किया है। राष्ट्रपति भवन और संसद भवन के झंडे झुका दिये गये हैं। सेंट्रल कैबिनेट ने आज दो मिनट का मौन रखकर पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके सम्मान में भारत में 31 अगस्त से लेकर छह सितंबर तक राजकीय शोक रहेगा। विलक्षण राजनीतिक प्रतिभा के कारण उन्हें चाणक्य, संकटमोचक जैसे कई विशेषण दिये जाते रहे हैं।