नई दिल्ली: मुख्तार अब्बास नकवी और RCP सिंह का सेंट्रल कैबिनेट से इस्तीफा, नकवी को 'बड़ी जिम्मेदारी' के संकेत
ख्तार अब्बास नकवी और आरसीपी सिंह ने सेंट्रल कैबिनेट मिनिस्टर पोस्ट से इस्तीफा दे दिया है। बीजेपी के मुख्तार अब्बास नकवी और जेडीयू के कोटे से राज्यसभा एमपी आरपीसी सिंह का कार्यकाल गुरुवार ससात जुलाई को खत्म हो रहा है। चर्चा है कि मुख्तार अब्बास नकवी को कोई अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है।
नई दिल्ली। मुख्तार अब्बास नकवी और आरसीपी सिंह ने सेंट्रल कैबिनेट मिनिस्टर पोस्ट से इस्तीफा दे दिया है। बीजेपी के मुख्तार अब्बास नकवी और जेडीयू के कोटे से राज्यसभा एमपी आरपीसी सिंह का कार्यकाल गुरुवार ससात जुलाई को खत्म हो रहा है। चर्चा है कि मुख्तार अब्बास नकवी को कोई अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है।
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नकवी को कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसमें उपराष्ट्रपति और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल का पद शामिल है।छह अगस्त को उपराष्ट्रपति पद के लिए भी वोटिंग होनी है। ऐसे में यह भी कहा जा रहा है कि मुख्तार अब्बास नकवी को बीजेपी अपना प्रत्याशी बना सकती है। जो भी बीजेपी की ओर से कैंडिडेट होगा उसकी जीत तय है क्योंकि इसमें राज्यसभा और लोकसभा के सदस्य वोट करते हैं। इस समय इन दोनों सदनों को मिलाकर एनडीए का ही बहुमत है।
मुख्तार अब्बास नकवी के पास अल्पसंख्यक मामलों के विभाग की जिम्मेदारी थी। पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने के बाद उन्होंने इस्तीफा दिया। वह आज अपनी आखिरी केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में भी शामिल हुए थे जहां पीएम मोदी ने उनकी तारीफ भी की। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि अब मुख्तार अब्बास नकवी को कई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। बीजेपी ने इस बार उन्हें इस बार राज्यसभा नहीं भेजा है। ऐसे में चर्चाओं का बाजार और भी ज्यादा गर्म है। मुख्तार अब्बास नकवी उन गिने-चुने मुस्लिम नेताओं में हैं जो बीजेपी में लंबे समय से हैं।
चर्चा यह भी है कि नकवी जम्मू-कश्मीर उपराज्यपाल बनाया जा सकता है। हालांकि इस मामले में न तो सरकार की ओर से कुछ कहा गया है और न ही मुख्तार अब्बास नकवी की ओर से। दरअसल जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने हैं। वहीं गुपकार गठबंधन ने फैसला किया है कि वह मिलकर चुनाव लड़ेगा। ऐसे में मुस्लिम वोट की जरूरत भाजपा को भी है। पीर पंजाल और चिनाब घाटी की 16 सीटें भाजपा के लिए बहुत मायने रखती हैं। यहां पकड़ बनाने के लिए जरूरी है कि मुस्लिम वोट बैंक को अपनी ओर खींचा जाए।
हर समुदाय के पिछड़ों का जिक्र कर मोदी ने दिया था बड़ा संकेत
हैदराबाद में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने नेताओं से कहा था कि वे हर समुदाय के पिछड़ों और वंचितों पर फोकस करें। उनके इस बयान के बाद मायने निकाले जा रहे थे कि बीजेपी अब पसमांदा मुसलमानों पर फोकस करना चाहती है जो कि पिछड़े हैं और सुविधाओं से वंचित हैं।
नकवी 2010 से 2016 तक उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के सदस्य थे। वह 1998 में पहली बार लोकसभा का चुनाव जीते और अटल सरकार में सूचना और प्रसारण राज्यमंत्री रह चुके हैं। 2014 में जब मोदी सरकार बनी तो वह अल्पसंख्यक मामलों और संसदीय मामलों के राज्यमंत्री बनाए गए। 2016 में उन्हें अल्पसंख्यक मामलों का स्वतंत्र प्रभार दिया गया। 2019 में भाजपा की सरकार बनने के बाद उन्हें अल्पसंख्यक मामलों का मंत्री बनाया गया। वह इस बार झारखंड से राज्यसभा सदस्य थे।
जेडीयू के आरसीपी की मिनिस्टरी भी गयी
आरसीपी के नाम से मशहूर जेडीयू नेता और स्टील मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह का राज्यसभा कार्यकाल सातजुलाई को पूरा हो रहा है। गुरुवार से सांसद न रह पाने के कारण आरसीपी सिंह को कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह को तीसरी बार राज्यसभा भेजने से मना कर दिया था और उनकी जगह पर इस बार झारखंड के जेडीयू अध्यक्ष खीरू महतो को संसद भेजा है।केंद्रीय मंत्रिमंडल में आरसीपी के मंत्री बने रहने के लिए संसद के किसी ना किसी सदन का सदस्य होना जरूरी था। आरसीपी सिंह को जब नीतीश कुमार ने तीसरी बार राज्यसभा नहीं भेजा तो उसके बाद आरसीपी ने मीडिया से कहा था कि वो पीएम नरेंद्र मोदी से मिलेंगे और उनका जो आदेश होगा, उसका पालन करेंगे। इस हफ्ते आरसीपी सिंह के बीजेपी ज्वाइन करने की भी अफवाह उड़ी थी जिसका पार्टी ने खंडन कर दिया है।