नई दिल्ली: 15 अक्टूबर से कंटेनमेंट जोन के बाहर खुलेंगे स्कूल, कॉलेज, एजुकेशन मिनिस्टरी ने जारी की गाइडलाइन
अनलॉक-5 में देश में अब 15 अक्टूबर के बाद से कंटनमेंट जोन के बाहर फेजवइज स्कूल खोले जायेंगे। नॉन-कंटेनमेंट जोन सभी स्कूल खोलने की अनुमति दे दी गयी है। एजुकेशन मिनिस्टरी ने स्कूल और हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूशंस खोलने के संबंध गाइडलाइंस जारी कर दी हैं।
- कंटेनमेंट जोन के बाहर स्कूलों और हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूशंस खोलने की छूट
- फेजवाइज स्कूल खोले जायेंगे
नई दिल्ली। अनलॉक-5 में देश में अब 15 अक्टूबर के बाद से कंटनमेंट जोन के बाहर फेजवइज स्कूल खोले जायेंगे। कोरोना काल में 21 सितंबर से जहां स्टट क्लास 9 से 12 तक के स्कूल खोलने की छूट दी गई थी। अब नॉन-कंटेनमेंट जोन सभी स्कूल खोलने की अनुमति दे दी गयी है। एजुकेशन मिनिस्टरी ने स्कूल और हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूशंस खोलने के संबंध गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। इसी के आधार पर स्टेट को अपनी गाइडलाइंस जारी करनी होंगी।
स्कूल कब से खुलेंगे यह स्टेट गवर्नमेंट तय करेंगी। स्कूल खोलने का स्टैंटर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) पहले ही जारी किया जा चुका है। इसमें कोरोना वायरस से जुड़ी सावधानियों के बारे मेंडिटेल जानकारी दी गयी थी।
स्कूलों, कोचिंग इंस्टीच्युटों के लिए गाइडलांइस
स्टेट गवर्नमेंट स्कूल/कोचिंग मैनेजमेंट से बातचीत के बाद इन शर्तों को ध्यान में रखते हुए फैसला करेगी:
ऑनलाइन/डिस्टेंस लर्निंग को प्राथमिकता और बढ़ावा दिया जायेगा।
अगर स्टूडेंट्स ऑनलाइन क्लास अटेंड करना चाहते हैं तो उन्हें इसकी इजाजत मिलेगी
स्टूडेंट्स केवल पैरेंट्स की लिखित अनुमति के बाद ही स्कूल/कोचिंग आ सकते हैं। उनपर अटेंडेंस का कोई प्रेसर नहीं होगा
हेल्थ व सिक्युरिटी के लिए एजुकेशन डिपार्टमेंट की SOP के आधार पर स्टेट अपनी SOP तैयार करेंगे।
जो भी स्कूल खुलेंगे, उन्हें अनिवार्य रूप से स्टेट के एजुकेशन डिपार्टमेंट की SOPs का पालन करना होगा।
सबसे पहले दसवीं और बारहवीं क्लास खुलेंगी।
एक क्लास में सिर्फ 12 स्टूडेंट ही बैठ सकते हैं।
पैरेंट्स की अनुमति पर ही बुलाये जायेंगे बच्चे।
बच्चों को स्कूल लाने-ले जाने की जिम्मेदारी अभिभावकों की।
वीक में दो से तीन दिन ही बुलाए जायेंगे हर क्लास के बच्चे।
बच्चों के लिए मास्क और सैनिटाइजर जरूरी।
कॉलेज, हायर एजुकेशन इंस्टीच्युट खोलने के नियम
कॉलेज और हायर एजुकेशन के इंस्टिट्यूट खोलने पर हायर एजुकेशन करेगा,अभी केवल रिसर्च स्कॉलर्स और पीजी के वो स्टूडेंट्स जिन्हे लैब में काम करना पड़ता है, उनके लिए ही इंस्टीच्युट खुलेंगे। इसमें भी सेंट्रल से सहायता पाने वाले संस्थानों में, उसका हेड तय करेगा कि लैब वर्क की जरूरत है या नहीं। राज्यों की यूनिवर्सिटीज या प्राइवेट यूनिवर्सिटीज अपने यहां की लोकल गाइडलाइंस के हिसाब से खुल सकती हैं।