नीतीश कुमार में PM बनने की सारी योग्यता, वह इस पोस्ट के दावेदार नहीं, JDU की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में प्रस्ताव पास
बिहार के सीएम नीतीश कुमार देश के पीएम बनने की सभी योग्यता रखते हैं, हालांकि वह पीएम पोस्ट के दावेदार नहीं हैं। शनल प्रसिडेंट राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने राष्ट्रीय परिषद की बैठक में रविवार को यह प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से पास किया गया।
पटना। बिहार के सीएम नीतीश कुमार देश के पीएम बनने की सभी योग्यता रखते हैं, हालांकि वह पीएम पोस्ट के दावेदार नहीं हैं। जेडीयू के नेशनल प्रसिडेंट राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने राष्ट्रीय परिषद की बैठक में रविवार को यह प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से पास किया गया।
बैठक में जातीय जनजणना, जनसंख्या नियंत्रण कानून समेत अन्य मसलों पर 31 जुलाई को जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पारित पार्टी की राय से जुड़े प्रस्तावों पर मुहर लगी। जेडीयू के नेशनल प्रसिडेंट राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि देश के पीएम नरेन्द्र मोदी हैं। मोदी ही एनडीए में पीएम पद के कैंडिडेट भी हैं। लिहाजा, नीतीश कुमार इस पद के दावेदार नहीं हैं। लेकिन, हमारा मानना है कि पीएम पद के लिए जिन योग्यताओं और जिस आला दर्जे के समर्पण तथा दक्षताओं की जरूरत होती है, वे सभी नीतीश कुमार में हैं। ललन सिंह के इस प्रस्ताव को जेडीयू राष्ट्रीय परिषद ने सर्वसम्मति से पारित किया। JDU के बिहार हेडक्वार्टर पटना के कर्पूरी सभागार में आयोजित बैठक में सीएम नीतीश कुमार, सेंट्रल इस्पात मिनिस्टर आरसीपी सिंह, संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा, एमपी बशिष्ठ नारायण सिंह समेत जदयू राष्ट्रीय परिषद के लगभग ढाई सौ सदस्यों की उपस्थित थे।
पार्टी के संविधान की धारा-28 में संशोधन
जेडीयूयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में पार्टी के संविधान की धारा-28 में संशोधन को मंजूरी मिल गई। पिछले माह दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की हुई बैठक में इसका प्रस्ताव पारित हुआ था। संशोधन के बाद पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष या तो स्वयं राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे या फिर उन्हेंं किसी को अध्यक्ष व सदस्य मनोनीत करने का अधिकार होगा। वर्तमान में उपेंद्र कुशवाहा पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हैं। राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के निर्णय को राष्ट्रीय परिषद ने अपनी मंजूरी प्रदान की। कुल नौ प्रस्तावों पर राष्ट्रीय परिषद ने अपनी मुहर लगाई। राष्ट्रीय परिषद ने जिस पहले प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगाई, उसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में आरसीपी सिंह के महत्वपूर्ण योगदान के लिए उनके प्रति आभार प्रकट किया गया। उनके कार्यकाल की तारीफ की गई।
जातिगत जनगणना से जुड़े प्रस्ताव में कहा गया कि जदयू इसकी हिमायती है। बिहार सहित महाराष्ट्र, ओडिशा व कई अन्य राज्यों की विधानसभा ने इसके समर्थन में प्रस्ताव पारित किया है। जनसंख्या नियंत्रण से जुड़े प्रस्ताव में कहा गया कि पार्टी का मानना है कि इसके लिए अभियान चलाकर लोगों में जागरूकता पैदा करनी होगी। समाज के लोग जब जनसंख्या वृद्धि की भयावहता को समझेंगे तो स्वयं इसे रोकने की कोशिश करेंगे। बालिका शिक्षा का विस्तार इसके लिए जरूरी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसके माध्यम से बिहार में जनसंख्या वृद्धि की दर को कम करने में सफलता हासिल की है। बालिकाओं में शिक्षा का प्रचार-प्रसार जनसंख्या स्थिरीकरण का सबसे कारगर माध्यम है।
बैठक में नीतीश कुमार ने जातिगत जनगणना पर डिटेल से अपनी बात रखी। उनके संबोधन के क्रम में महाराष्ट्र से आए एक प्रतिनिधि ने यह पूछा कि वह महाराष्ट्र में इस मामले को आगे बढ़ाना चाहते हैं। नीतीश ने कहा कि यह सभी के हित में है। इसके बारे में लोगों को जागरूक किया जाना जरूरी है। पीएम के समक्ष बिहार से गए सर्वदलीय डेलीगेशन ने विस्तार से अपनी बात रखी है। निर्णय केंद्र को करना है। देश के सभी राज्यों में जातिगत जनगणना को समर्थन है। नीतीश कुमार ने कहा कि पार्टी के सभी नेता जदयू को राष्ट्रीय दल बनाने का संकल्प लें।
मणिपुर और उत्तर प्रदेश चुनाव लड़ने पर मुहर
बैठक के बाद जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने राष्ट्रीय महासचिव संजय कुमार झा और प्रदेश महासचिव नवीन कुमार आर्य ने मीडिया को राष्ट्रीय परिषद के इस सर्वसम्मत प्रस्ताव की जानकारी दी। इस प्रस्ताव को पारित करने की जरूरत से जुड़े प्रश्न पर कहा कि यह सवाल बार-बार उठता है। तमाम संदेहों को दूर करने के लिए प्रस्ताव पारित हुआ है। बैठक में कुल नौ प्रस्ताव पारित किये गये। त्यागी ने बताया कि जदयू इन अफवाहों का खंडन करता है कि जातीय जनगणना से अतिपिछड़ों की गोलबंदी होगी और यह अपर कास्ट के खिलाफ है। जातीय जनगणना सभी के पक्ष में है, खासतौर से गरीब सवर्णों के भी इससे वास्तविक आंकड़े मिलेंगे। इसे केवल जदयू-भाजपा करके नहीं देखना चाहिए, देशभर की तमाम पार्टियां इसके पक्ष में हैं। पीएम ने भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में गये डेलीगेशन से मुलाकात में इस विषय को सुना। एक बार भी उन्होंने इस मांग को खारिज नहीं किया। जदयू राष्ट्रीय परिषद ने सीएम के इस पहल की सराहना की। । राष्ट्रीय परिषद की बैठक में मणिपुर और उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगी। जदयू उत्तर प्रदेश में राजग के घटक के रूप में चुनाव लड़ना चाहता है। अगर समझौता नहीं हुआ तो पार्टी अपने बूते चुनाव मैदान में जाएगी। मणिपुर में जदयू अपने बूते चुनाव लड़ेगा।
एनडीए में बने को-आर्डिनेशन कमेटी
जदयू के प्रधान महासचिव ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में समन्वय समिति बनाए जाने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय स्तर पर और बिहार के स्तर पर भी को-आर्डिनेशन कमेटी बननी चाहिए। इससे अनर्गल बयानों पर रोक लगेगी और किसी भी मसले को सुझलाया जा सकेगा।