पाकिस्तान: मुंबई हमले का मास्टरमाइंड जकी-उर-रहमान लखवी को टेरर फंडिंग मामले में 15 साल की सजा
पाकिस्तान की कोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले में मुंबई हमले का मास्टरमाइंड और लश्कर कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी को 15 साल जेल की सजा सुनाई है। हाल ही लखवी को पाक में आतंकियों की मदद और पैसे मुहैया कराने के आरोप में अरेस्ट किया गया था।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की कोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले में मुंबई हमले का मास्टरमाइंड और लश्कर कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी को 15 साल जेल की सजा सुनाई है। हाल ही लखवी को पाक में आतंकियों की मदद और पैसे मुहैया कराने के आरोप में अरेस्ट किया गया था।
लखवी को आतंकवादियों की मदद करने का दोषी पाया गया है। इससे पहले सीटीडी ने कहा था कि लखवी पर एक दवाखाना चलाने, जुटाये गये धन का इस्तेमाल आतंकवाद के वित्त पोषण में करने का आरोप है।लखवी को पाक के आतंकवाद निरोधक विभाग यानी सीटीडी ने गिरफ्तार किया था। लखवी मुंबई हमला मामले में वर्ष 2015 से ही बेल पर था। एफएटीएफ के खौफ और इंटरनेशनल प्रेशर के चलते पाकिस्तानी गवर्नमेंट को आखिरकार उस पर शिकंजा कसना पड़ा।
अलग-अलग क्राइम में पांच-पांच साल कैद
न्यूज एजेंसी रॉयटर ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि लखवी को टेरर फंडिंग के तीन अलग अलग क्राइम में पांच-पांच साल की सजा सुनाई गई है। एक-एक लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। पंजाब के आतंकवाद निरोधक विभाग यानी सीटीडी पंजाब की खुफिया सूचना पर एक अभियान के बाद लखवी को आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने के आरोपों में अरेस्ट किया गया था। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में आतंकवाद निरोधक विभाग यानी सीटीडी के अधिकारियों ने लखवी से पूछताछ भी की थी।
संयुक्त राष्ट्र घोषित कर चुका है आतंकी
संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2008 में ही लश्कर-ए-तैयबा और अल-कायदा से जुड़े होने और आतंकवाद के लिए रकम, योजना और सहायता मुहैया कराने के साथ साथ हमलों की साजिशें रचने को लेकर लखवी को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया था। संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों में घोषित आतंकियों और समूहों की संपत्ति जब्त करने, यात्रा प्रतिबंध लगाए जाने जैसे प्रावधान हैं। हालाकि बाद में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल- कायदा प्रतिबंध समिति ने लखवी को निजी खर्च के लिए डेढ़ लाख रुपये के मासिक भुगतान की इजाजत दे दी थी।
इंटरनेशनल प्रेशर
वह पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहा था और आतंकियों के लिए धन मुहैया कर रहा था। माना जा रहा है कि आतंकवादियों पर शिकंजा कसने के लिए इमरान खान की सरकार पर पड़ रहे अंतरराष्ट्रीय दबाव और एफएटीएफ की कार्रवाई के डर के चलते ही लखवी के खिलाफ यह कदम उठाया गया है। पाकिस्तान वर्ष 2018 से ही टेरर फंडिंग और आतंकवादियों को संरक्षण देने के कारण फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में बना हुआ है।
एफएटीएफ की बैठक से पहले कार्रवाई का दिखावा
फरवरी में एफएटीएफ की बैठक होनी है जिसमें आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की ओर से उठाये गये कदमों की समीक्षा होगी। इसी बैठक में पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ एक्शन को लेकर सफाई देनी होगी। पाकिस्तान पर आरोप लगते रहे हैं कि उसने आतंकियों की फंडिंग रोकने के लिए पुख्ता उपाय नहीं किये हैं। इस बार पाकिस्तान को यह बताना होगा कि उसने क्या प्रभावी कदम उठाए हैं। माना जा रहा है कि आर्थिक बदहाली की मार झेल रही इमरान सरकार ने ग्रे लिस्ट से बाहर आने के लिए ही दिखावे के तौर पर यह कदम उठाया है।
लश्कर ए तैयबा और अल-कायदा से जुड़े होने और आतंकवाद के लिए वित्त पोषण, योजना, सहायता मुहैया कराने या षड्यंत्र रचने की खातिर लखवी को संयुक्त राष्ट्र ने दिसंबर 2008 में वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था। प्रतिबंधित आतंकवादियों और समूहों की संपत्ति जब्त करने, यात्रा पर प्रतिबंध लगाए जाने, जिसमें दूसरे देशों की यात्रा पर प्रतिबंध भी शामिल है, जैसे प्रावधान हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की 1267 अल- कायदा प्रतिबंध समिति ने लखवी को निजी खर्च की प्रतिपूर्ति के लिए डेढ़ लाख पाकिस्तानी रुपये के मासिक भुगतान की अनुमति दी थी।
लखवी ने हाफिज सईद के साथ मिलकर रची थी 26/11 के हमले की साजिश
लखवी ने हाफिज सईद के साथ मिलकर 26/11 के हमले की साजिश रची थी। वर्ष 2008 की 26 नवंबर को लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने मुंबई को बम धमाकों और गोलीबारी से दहला दिया था। हमले में 160 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
लश्कर-ए-तैयबा से ताल्लुक रखने वाले पाकिस्तान के एक आतंकवादी को जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले से पिछले साल गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तान में पंजाब के मियानवाली क्षेत्र के मोहल्ला मियानी के रहने वाले मोहम्मद वकार अवान को शुरुआती हथियारों की ट्रेनिंग 26/11 के मास्टरमाइंड जकीउर्रहमान लखवी ने दी थी।